इको वाइरस एक विषाणु है। ये जठरांत्र पथ पर पाए जाते है। ये विषाणु कई बीमारीयों का कारण है। यह गम्री में ज्य़ादा रोगाणुयुक्त करते है।
१९५० के दशक के शुरुआती समय में मल से इको वायरस का पहला अलगाव हुआ।[1]
इको वाइरस शिशुओं और छोटे बच्चों में तीव्र बुखार की बीमारी के प्रमुख कारणों से एक है। इको वाइरस अत्यधिक संक्रामक है। जन्म के बाद इस विषाणु अगर बच्चे की शरीर में पाए जाए तो बच्चे को गम्भीर रोग हो सकता है। शिशु मृत्य दर इससे बढ़ जाती है।[2] रूप में यह अन्य विषाणुओं के समान है।
इको वाइरस बीमारीयाँ बच्चे और पुरुषों में होता है। वयस्कों में मयोकार्डिटिस सबसे जटिल समस्या है।
संक्रमण के मुख्य कारण स्वच्छता की अभाव हो सकता है। कभी-कभी लार की श्वसन से भी यह संक्रमित होता है। भोजन और पानी के माध्यम से भी यह रोग फैल सकता है।