इजेन अली | |
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शैली |
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निर्माणकर्ता | वाऊ ऐनिमेशन |
स्क्रीनप्ले | उसमाह ज़ैद यासिन वालिद शरीफ |
कथाकार | उसमाह ज़ैद यासिन अहमद इज़्हम ओमार मोहम्मद फ़ैज़ हनफियाह नज़्मी यतिम फुअद मोहम्मद दीन शफ़िक इसा आँदी अब्दुल ग़नी गज़्हाली ओमार फिक्री ज़ैनाल |
निर्देशक | उसमाह ज़ैद यासिन |
रचनात्मक निर्देशक | नज़्मी यतिम शफ़िक इसा |
वाचन | इदा रहायु योसोफ शफ़िक इसा अज़्मान ज़ुल्किप्ली अज़ुान वांजी शमशीर नूरहयाती मस्लिनी ओमार नुरुल राधिया इब्राहीम मेगत ज़हरिन मेगत हिशम रोशिलवाती रज़्लान |
प्रारंभ विषय | इजेन अली शुरुआत |
समापन विषय | इजेन अली समापन |
संगीतकार | अज़री युनुस |
मूल देश | मलेशिया |
मूल भाषा(एँ) | मलय |
सीजन की सं. | 3 |
एपिसोड की सं. | 39 |
उत्पादन | |
संपादक | उसमाह ज़ैद यासिन नज़्मी यतिम |
प्रसारण अवधि | 21 मिनट |
उत्पादन कंपनियाँ |
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मूल प्रसारण | |
नेटवर्क |
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प्रसारण | 8 अप्रैल 2016 28 जनवरी 2023 | –
इजेन अली (अंग्रेज़ी: Ejen Ali ['एजेंट अली']; या फिर 'जासूस अली' / 'अली जासूस') एक मलेशियाई कार्टून शृंखला है, जिसे वर्ष 2016 से दिखाया गया। साल 2018 को इसका आख़री प्रकरण दिखाया गया। इस श्रंखला का नया प्रकरण यरक्ष 2022 से 2023 तक दिखाया गया। मलेशिया के अलावा भी इसे 50 से ज़्यादा देशों में भिन्न चैनलों पर प्रसारित किया गया।
अभी तक यह बहुत प्रसिध कार्टून है। इसके तीन फ़ोन पर खेले जाने वाले खेल (गेम) भी बहुत खेले गए है। 28 नवंबर, 2019 को इस का डेढ़ मिनट से थोड़ा ज़्यादा लंबा एक फ़िल्म भी प्रदर्शित किया गया। उस फ़िल्म की भी कमाई हुई; उस धीरे-धीरे दूसरे देशों में भी प्रसारित किया गया है।[1]
कहानी मलेशिया के काल्पनिक शहर 'सायबराया' अंग्रेज़ी: Cyberaya [b] में स्तिथ है।
एक 12 साल का लड़का, 'अली गज़हाली' बहुत ही आलसी और पढ़ाई में धीमा बालक है, जो बकीयो की तरह पूर्ण-पारिवारिक स्नेह से वंचित है। उसकी माँ भी उसके पैदा होने के कुछ वर्षों बाद गुज़र जाती ही। उसके पिता शहर के आधुनिक तकनीक के कौतुक है, जो अली को वो स्नेह और समय नहीं दे पाते। उसकी ज़िंदगी हमेश के लिए बादल जाती है, जब एक दिन वो देश के ख़ुफ़िया संस्था 'मेटा एडवांस्ड टैक्टिकल एजेंसी, मा.ता (अंग्रेज़ी: Meta Advanced Tactical Agency या M.A.T.A) द्वारा निर्मित एक यंत्र आ.ई.रि.स (अंग्रेज़ी: Infinty Retinal Intelligence System या I.R.I.S) को ग़लती से अपना लेता है। अब मजबूरन उसे उस संस्था का जासूस बनना पड़ता है, क्योंकि जो भी उस यंत्र को पहली बार चलता है, यह उस वक्ति के अलावा और कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता। उसे बाद में यह भी पता चलता है, की उसके मामा, बकर (उसकी स्वर्गीय माँ के छोटे भाई) और उसके साथ स्कूल में पढ़ने वाली उसकी सहपाठी, अलिशा खेंग भी 'मा.ता' के जासूस है; और अलिशा के पिता, रामा उस संस्था के जनरल है। साथ में मिलकर वह शहर में आयी मुसीबतों का सामना करते हैं।
फ़िल्म में विस्तारपूर्वक नई बातो का पता चलता है जैसे, आ.ई.रि.स को अली की माँ ने बनाया था, जिससे इस बात पता चलता है कि वो भी 'मा.ता' में जासूस थी।