इदुक्की बांध | |
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स्थान | इदुक्की तालुक , केरल, भारत |
निर्देशांक | 9°50′34″N 76°58′34″E / 9.84278°N 76.97611°Eनिर्देशांक: 9°50′34″N 76°58′34″E / 9.84278°N 76.97611°E |
उद्देश्य | विद्युत् उत्पादन |
स्थिति | प्रचालन में |
निर्माण आरम्भ | 30 अप्रैल 1969 |
आरम्भ तिथि | फ़रवरी 1973 |
स्वामित्व | केरल राज्य विद्युत् निगम |
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग | |
प्रकार | कंक्रीट, द्वि वक्रिय परवालयाकार, पतला चाप |
घेराव | पेरियार नदी |
~ऊँचाई | 168.91 मी॰ (554 फीट) |
लम्बाई | 365.85 मी॰ (1,200 फीट) |
बांध आयतन | 450,000 मी3 (16,000,000 घन फुट) |
उत्प्लव मार्ग | Nil |
जलाशय | |
कुल क्षमता | 55.5 km³ |
सक्रिय क्षमता | 1,460×10 6 मी3 (1,183,641 acre⋅ft) |
असक्रिय क्षमता | 536×10 6 मी3 (434,542 acre⋅ft) |
जलग्रह क्षेत्र | 649.3 कि॰मी2 (251 वर्ग मील) |
सतह क्षेत्रफ़ल | 60 कि॰मी2 (23 वर्ग मील) |
सामान्य ऊंचाई | 732.62 मी॰ (2,404 फीट) |
पावर स्टेशन | |
प्रचालन तिथि | 1975 |
टर्बाइन्स | 6 x 130 MW पेल्टन-प्रकार |
स्थापित क्षमता | 780 MW |
इदुक्की बांध एक द्विवलय चापाकार बांध है जो पेरियार नदी पर दो ग्रेनाइट पहाड़ियों, जिनका स्थानीय नाम कुरवान तथा कुरती, के मध्य भारतीय राज्य केरल में स्थित है। यह 167.68 मीटर (550.1 फीट) की ऊँचाई के साथ एशिया के सबसे ऊँचे चाप बांधों में से एक है। इसे केरल राज्य विद्युत् निगम द्वारा निर्मित किया गया है तथा यही इसके पास ही बांध का स्वामित्व भी है। यह बांध मूलामट्टमं में बने 780 मेगावॉट के जलविद्युत ऊर्जा स्टेशन से जुड़ा है, जहाँ विद्युत् उत्पादन का प्रारम्भ 4 अक्टूबर 1975 को हुआ था।[1] यह बांध कंक्रीट, द्वि वक्रिय परवालयाकार, पतला चाप प्रकार का है।[2]
यह बांध चेरुतोनी तथा कुलमावु बांध के साथ बना है। ये तीनों बांध मिलकर 60 वर्ग किमी की एक कृत्रिम झील का निर्माण करते हैं। संचयित जल का मूलामट्टमं विद्युत् गृह में विद्युत् बनाने में प्रयोग होता है। कनाडा सरकार ने बांध निर्माण में वित्तीय सहायता दी है तथा दीर्घ अवधि का ऋण दिया था।[1]
इदुक्की बांध से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |