सर इयन टेरेंस बॉथम (अंग्रेज़ी: Ian Terence Botham; (जनम 24 नवेम्बर 1955) इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान में क्रिकेट कमेंटेटर है। वह हरफनमौला के रूप में खेलते थे। अपने प्रख्यात पर कभी-कभी विवादास्पद क्रिकेट करियर में उन्होंने कई रिकॉर्ड स्थापित किये और अत्यंत अच्छे प्रदर्शन किये। वह अपने समय के चार महान ऑल-राउण्डर में से एक थे (अन्य थे इमरान ख़ान, कपिल देव और रिचर्ड हैडली)।
1977 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले इयान ने अपने पहले 11 टेस्ट मैचों में 8 बार पारी में पाँच विकेट लिये थे और तीन शतक लगाए थे। उन्होंने 19 टेस्ट में 100 विकेट और 41 टेस्ट में 200 विकेट लिये थे। 1980 मेंं भारत के खिलाफ एक टेस्ट मैच में उन्होंने पहली पारी में शतक लगाया और 6 विकेट लिये। अगली पारी में उन्होंने 7 विकेट और लिये। फलस्वरूप वो एक ही टेस्ट में शतक लगाने और 10 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी बने (सिर्फ इमरान ख़ान और शाकिब अल हसन ही इसे दोहरा पाए हैं)।[1]
1980 में कप्तान बनाए जाने पर उनकी फॉर्म बिल्कुल गिर गई। 1981 की एशेज श्रृंखला के बीच में कप्तानी छोड़ने के बाद अगले ही टेस्ट में वह फॉर्म में आ गए। उन्होंने सीरीज़ का ऐसा रुख बदला की उस टेस्ट को बॉथम टेस्ट और श्रृंखला को बॉथम एशेज कहा जाता है। प्रारंभिक 51 टेस्ट में उन्होंने 38.80 की औसत से 11 शतक लगाकर 2,833 रन बनाए और 23.06 की औसत से 231 विकेट लिये जिसमें 19 बार पारी में पाँच विकेट शामिल है। हालांकि, वहाँ से उनके कौशल में धीरे-धीरे गिरावट आई। 1985 की एशेज को छोड़कर उनका प्रदर्शन औसत रहा।[1]
कुल मिलाकर बॉथम ने 1977 से 1992 तक 102 टेस्ट खेलें जिसमें उन्होंने 14 शतक की मदद से 5,200 रन बनाए और 28.40 की औसत से 383 विकेट लिये जिसमें 27 बार पारी में पाँच विकेट शामिल है। 1986 से 1988 तक उनके पास टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड था (इससे पहले डेनिस लिली के पास था)। उन्होंने 1976 से 1992 तक 116 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय भी खेलें जिसमें उन्होंने 2,113 रन बनाए और 145 विकेट लिये।[2] वह १९७९ क्रिकेट विश्व कप और १९९२ क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में खेलें थे।
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