ईचम्पति गायत्री | |
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पृष्ठभूमि | |
जन्म नाम | गायत्री वसन्त शोभा |
जन्म | 9 नवंबर 1959 |
मूलस्थान | आंध्र प्रदेश, भारत |
विधायें | भारतीय शास्त्रीय संगीत, फिल्म संगीत |
पेशा | वीणा वादक |
वाद्ययंत्र | वीणा |
ईचम्पति गायत्री जिन्हे वीणा गायत्री " के रूप में भी जाना जाता है। एक वीणा वादक हें जो पारंपरिक कर्नाटक संगीत शेली में वादन करती हें।[1] उन्हें तमिलनाडु संगीत और ललित कला विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के रूप में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा नवंबर 2013 में नियुक्त किया गया था। [2][3] ईचम्पति गायत्री को 2002 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1984 में तमिलनाडु सरकार की ओर से डॉ एमजीआर का "कालीमामणि" पुरस्कार और 2011 में रोटरी क्लब, मद्रास से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। 2011 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने ईचम्पति गायत्री को चेन्नई, तिरुवयारु, मदुरै और कोयम्बटूर में तमिलनाडु सरकार के संगीत महाविद्यालयों के मानद निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। वर्ष 2017 में विश्व तमिल विश्वविद्यालय ने ईचम्पति गायत्री को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
ईचम्पति गायत्री का जन्म 9 नवंबर 1959 को, कमला अश्वथामा, वीणा विदुषी, और तेलुगु फिल्म उद्योग में फिल्म संगीत निर्देशक जी अश्वथामा से हुआ। [4] उनके पिता ने उनका नाम गायत्री वसन्त शोभा रखा। गायत्री ने पहले अपने माता-पिता और बाद में संगीता कलानिधि टी एम त्यागराजन से प्रशिक्षण लिया, [5] जो एक कर्नाटक गायक और संगीतकार हें।
गायत्री ने 9 साल की उम्र में कार्यक्रम देने शुरू किया जब श्री पार्थसारथी स्वामी सभा ने उन्हें 1968 में अपने संत त्यागराज महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया। गायत्री ने भारत और विदेशों में कई संगठनों से पुरस्कार और उपाधि प्राप्त की। [6] गायत्री ने कई एल्बम भी जारी किए हैं।
उन्होंने विदेशों में जेसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर और मलेशिया में भी कई प्रदर्शन किये हैं। वह संगीतकार ए॰ आर॰ रहमान का 'जन गण मन' 'गान ट्रैक के जाने माने कलाकारों में से एक थी।