ईशा फाउंडेशन (अंग्रेज़ी: Isha Foundation) तमिलनाडु एक आध्यात्मिक संगठन है जिसे आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने १९९२ में नेतृत्व किया। यह संगठन के करीब २० लाख स्वयंसेवकों,[1] योग, पर्यावरण और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में सक्रीय है। इनके मुख्य स्थान कोयंबतूर के पास ईशा योग सेंटर में और संयुक्त राज्य अमेरिका के ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनर साइंसेस है। ईशा फाउंडेशन आर्थिक और संयुक्त राष्ट्र के सामाजिक परिषद (अंग्रेज़ी: ECOSOC) में सलाहकार स्थिति पा चुकी है।[2]
ईशा फाउंडेशन ईशा योग नाम से विभिन्न योग कार्यक्रम प्रदान करता है। ईशा का अर्थ निराकार परमात्मा है। ईशा योग का प्रारंभिक कार्यक्रम है, इन्नर इंजिनियरिंग (अंग्रेज़ी: Inner Engineering)। इसमें ध्यान, प्राणायाम और समभाव महामुद्रा सिखाया जाता है। यह कार्यक्रम कंपनियों में और १९९८ में जेल में अपराधियों के लिये भी संचालित की जाती है।[3] भारतीय हॉकी टीम के लिए एक योग कोर्स भी १९९६ में आयोजित किया गया। १९९७ में संयुक्त राज्य अमेरिका में योग के कार्यक्रमों का आयोजन शुरू किया।
ग्रीन हैंड्स परियोजना (अंग्रेजी: Project GreenHands) ईशा फाउंडेशन की पर्यावरण संबंधी प्रस्ताव है। पूरे तमिलनाडु में लगभग ११ करोड़ पेड़ रोपित करना, परियोजना का घोषित लक्ष्य है। अब तक ग्रीन हैंड्स परियोजना के अंतर्गत तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में १८०० से अधिक समुदायों में, २० लाख से अधिक लोगों द्वारा ८२ लाख पौधे के रोपण का आयोजन किया है। इस संगठन ने 17 अक्टूबर 2006 को तमिलनाडु के 27 जिलों में एक साथ 8.52 लाख पौधे रोपकर गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाया था। पर्यावरण सुरक्षा के लिए किए गए इसके महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इसे वर्ष 2008 का इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार दिया गया।[4]
ग्रामीण कायाकल्प कार्य और सेवा (अंग्रेजी: Action for Rural Rejuvenation) एक अभियान है जिसका मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य और जिन्दगी में सुधार लाना।
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]