उम्मैद भवन पैलेस राजस्थान के जोधपुर ज़िले में स्थित एक महल है। यह दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है। यह ताज होटल का ही एक अंग है।[1] इसका नाम महाराजा उम्मैद सिंह के पौत्र ने दिया था जो वर्तमान में मालिक है। [2] अभी वर्तमान समय में इस पैलेस में ३४७ कमरे है। इस उम्मैद भवन पैलेस को चित्तर पैलेस के नाम से भी पहले जाना जाता था जब इसका निर्माण कार्य चालू था। [3] यह पैलेस १९४३ में बनकर तैयार हुआ था। [4]
उम्मेद भवन पैलेस के निर्माण का इतिहास एक संत द्वारा एक अभिशाप से जुड़ा है, जिन्होंने कहा था कि राठौड़ राजवंश के सुशासन के दौरान एक अकाल पड़ेगा। इस प्रकार, प्रताप सिंह के लगभग ५० साल के शासनकाल के अंत के बाद, जोधपुर को लगातार तीन वर्षों की अवधि के लिए १९२० के दशक में भीषण सूखे और अकाल का सामना करना पड़ा।[5] इस कठिनाई का सामना करने वाले क्षेत्र के किसानों ने तत्कालीन महाराजा, उम्मेद सिंह, जो कि जोधपुर में मारवाड़ के ३७वें राठौड़ शासक थे, को कुछ रोजगार प्रदान करने के लिए मदद मांगी, ताकि वे कठोर परिस्थितियों से बच सकें। महाराजा ने किसानों की मदद करने के लिए एक भव्य महल बनाने का फैसला किया। उन्होंने महल के लिए योजना तैयार करने के लिए वास्तुकार के रूप में हेनरी वॉन लानचेस्टर को उत्तरदायित्व दिया; लैंचेस्टर एड्विन लुटियंस के समकालीन थे, जिन्होंने नई दिल्ली सरकार के परिसर की इमारतों की योजना बनाई थी।[6] लैंचेस्टर ने गुंबदों और स्तंभों के विशेषताओं को अपनाकर नई दिल्ली भवन परिसर की तर्ज पर उम्मेद पैलेस का निर्माण किया। महल को पश्चिमी प्रौद्योगिकी और भारतीय वास्तुकला के समायोजन के रूप में डिजाइन किया गया था।[7]
पैलेस रोड जोधपुर में स्थित उम्मैद भवन पैलेस[8] से मेहरानगढ़ दुर्ग से ६.५ किमी और जसवंत थड़ा की समाधि से ६ किमी दूर है। यहाँ से अन्य पर्यटन स्थल भी काफी नजदीक हैं।
वर्तमान में उम्मैद भवन पैलेस के मालिक गज सिंह है। इस पैलेस के तीन भाग है , एक लग्ज़री ताज होटल जो (१९७२) से है ,एक शाही परिवार के लिए तथा एक संग्रहालय है। संग्रहालय के खुलने का समय सुबह ९ बजे से शाम ५ तक। यहाँ एक दीर्घा भी है जहाँ पर कई चीजें देखने को मिलती है।
Umaid Bhawan Palace से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
निर्देशांक: 26°16′51″N 73°02′49″E / 26.28083°N 73.04694°E