ऊर्जा (इनर्जी) की संकल्पना का धीरे-धीरे विकास हुआ। आधुनिक युग में ऊर्जा पर गहन विचार जीवन-बल (living force) से शुरू हुआ। लैब्नीज ने ऊर्जा को द्रव्यमान तथा वेग के वर्ग के गुणफल के रूप में परिभाषित किया। १८०२ में थॉमस यंग ने सइनर्जी' (energy) शब्द का इसके आधुनिक अर्थ में सबसे पहले उपयोग किया। कैरिओलिस (Gustave-Gaspard Coriolis) ने १८२९ में आधुनिक अर्थों में गतिज ऊर्जा का वर्ण किया। १८५३ में विलियम रैंकाइन ने स्थितिज ऊर्जा (potential energy) का कान्सेप्ट दिया।