ऊषा गांगुली | |
---|---|
जन्म |
1945 जोधपुर, राजस्थान |
मौत |
२३ अप्रैल २०२० (७५ वर्ष की उम्र में) कोलकाता |
पेशा | थिएटर निर्देशक, अभिनेत्री, सक्रिय कार्यकर्ता |
कार्यकाल | 1970–2020 |
प्रसिद्धि का कारण | रंगकर्मी थिएटर समूह की संस्थापक-निदेशक (1976) |
ऊषा गांगुली (जन्म १९४५- मृत्यु २३ अप्रैल २०२०) एक भारतीय थिएटर निर्देशक-अभिनेत्री एवं सक्रिय समाजकर्मी थीं।[1] १९७० एवं १९८० के दशक में कोलकाता शहर में ऊषा हिन्दी थिएटर में काफी सक्रिय थीं।
सन १९९८ में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। [2] "गुडिया घर" नामक नाटक में अभिनय के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री' का सम्मान दिया था।[1]
ऊषा गांगुली का परिवार उत्तर प्रदेश के नेरवा का रहने वाला था। उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। उन्होने भरतनाट्यम की शिक्षा ली और बाद में कोलकाता आ गयीं। कोलकाता में उन्होने श्री शिक्षायतन कॉलेज में पढ़ाई की तथा हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि अर्जित की।[3]
उन्होने १९७० में कोलकाता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी कॉलेज में एक अध्यापिका के रूप में अपने पेशे की शुरुआत की। उसी वर्ष उन्होने "संगीत कला मन्दिर" में अभिनय करना आरम्भ किया तथा अपने प्रथम नाटक मिट्टी की गाड़ी के लिए भी कार्य करना आरम्भ किया। यह नाटक, शूद्रक कृत मृच्छकटिकम् पर आधारित था। इसमें इन्होंने वसन्तसेना की भूमिका अदा की थीं।[4]
२३ अप्रैल २०२० की सुबह उनका अपने कोलकाता स्थित निवास में निधन हो गया। उनकी आयु 75 वर्ष थीं। वे रीढ़ की हड्डी की समस्या से लंबे वक्त से परेशान थीं।[5]