एक घर बनाऊंगा | |
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शैली | नाटक |
निर्माणकर्ता | बीबीसी वर्ल्डवाइड |
लेखक | राकेश पासवान संदीप नाथ |
निर्देशक | प्रभात प्रभाकर विनोद लक्ष्मी कुमार |
थीम संगीत रचैयता | आशीष रेगू |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 01 |
एपिसोड की सं. | 309 |
उत्पादन | |
निर्माता | राकेश पासवान |
उत्पादन स्थान | लखनऊ |
संपादक | जनक चौहान अनिल वैश्य |
प्रसारण अवधि | 21 मिनट |
उत्पादन कंपनी | बीबीसी वर्ल्डवाइड |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
प्रसारण | अप्रैल 29, 2013 जून 7, 2014 | –
एक घर बनाऊंगा एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है। जिसका प्रसारण स्टार प्लस में 29 अप्रैल 2013 से शुरू हुआ। इसकी कहानी शादी में होने वाली समस्याओं पर आधारित है। अंतिम एपिसोड 7 जून 2014 को दिखाया गया। इसके बाद इस धारावाहिक के स्थान पर सुहानी सी एक लड़की को दिखाया जाने लगा।
इसकी कहानी पूनम के इर्द-गिर्द घूमती रहती है, जो इस दुविधा में फंसी रहती है कि शादी के बाद वो अपने माता-पिता की देखभाल कैसे कर सकेगी, क्योंकि शादी के बाद उसे उसके माता-पिता को छोड़ कर पति के घर में रहना पड़ेगा। पूनम का इकलौता भाई ही रहता है, वो भी अमेरिका में ही बस चुका है, और उसे अपने माता-पिता की चिंता भी नहीं रहती है।
पूनम की शादी गौतम से तय हो जाती है, जो एक लालची और सिर्फ अपने आप को देखने वाला लड़का है। उसके लिए शादी का कोई महत्व नहीं है, बस वो शादी केवल दहेज के लिए करना चाहता है। शादी के दिन पूनम को गौतम और उसके परिवार की असलियत का पता चल जाता है और वो शादी करने से मना कर देती है। गौतम का परिवार इस अपमान से क्रोध में आ जाता है और वो उस रिकॉर्डिंग को प्ले करता है, जिसमें आकाश अपनी दोस्त को बताते रहता है कि वो पूनम से प्यार करता है। वे लोग इस रिकॉर्डिंग से ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि पूनम का आकाश के साथ चक्कर चल रहा है। पूनम इस बात को सुन कर आकाश को थप्पड़ मार देती है। पूनम और गौतम की शादी टूट जाती है और परिवार वालों के कहने पर पूनम, आकाश से शादी के लिए हाँ कह देती है। उसी दिन उसकी शादी आकाश से हो जाती है।
वहीं दूसरी ओर आकाश के घर में उसकी किसी और के साथ शादी की बात काफी आगे जा चुकी होती है। आकाश जब पूनम के साथ घर आता है तो सारे परिवार वाले उस पर गुस्से से आग बबूले हो जाते हैं और पूनम को अपनी बहू स्वीकार नहीं करते हैं। हालांकि बाद में वे पूनम से कहते हैं कि "उसके पास 6 महीने का समय है, जिसमें उसे सभी का दिल जीतना होगा, यदि वो जीत नहीं पाई, तो उसे घर छोड़ कर जाना पड़ेगा।"
पूनम के मायके छोड़ जाने के साथ ही वहाँ बैंक वाले घर खाली करवाने आ जाते हैं। आकाश को जब इस परेशानी का पता चलता है तो वो बिना पूनम को बताए ही इस परेशानी को हल करने की कोशिश करता है। पहले तो वो उसके माता-पिता का होटल के कमरे में रहने की व्यवस्था कराता है, पर फिर मजबूरी में उसे उन दोनों को अपने ही घर में लाना पड़ जाता है। पूनम जो आकाश से पहले से ही नाराज़ थी, उसे और गुस्सा होने का एक और कारण मिल जाता है। इस तरह से दोनों परिवार एक ही छत के नीचे आ जाता है और पारिवारिक झगड़े नयी स्तर को पार कर जाते हैं।