एक वीर की अरदास...वीरा | |
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शैली | नाटक |
लेखक | पुर्णेन्दु शेखर रघुवीर शेखावत |
निर्देशक | वसीम सबीर |
अभिनीत | नीचे देखें |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 01 |
एपिसोड की सं. | 896 |
उत्पादन | |
निर्माता | यश पटनायक ममता पटनायक |
उत्पादन स्थान | पंजाब |
छायांकन | दीपक मालवंकर |
कैमरा स्थापन | मल्टी कैमरा |
प्रसारण अवधि | लगभग 24 मिनट |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
प्रसारण | 29 अक्टूबर 2012 – 30 अगस्त 2015 |
एक वीर की अरदास...वीरा अथवा वीरा स्टार प्लस द्वारा 29 अक्टूबर 2012 से आरम्भ किया हुआ भारतीय टेलिविज़न धारावाहिक है।[1] धारावाहिक दो भाई-बहनों की कहनी सुनाता है। इसमें वीरा के जन्म से लेकर उसके दिल्ली के स्कूल में जाने तक की कहानी सुनाई जाती है। इसके द्वितीय संस्करण में वीरा की युवावस्था को दिखाया जा रहा है जिसकी शुरुआत 25 नवम्बर 2013 को हुई। इसके प्रथम संस्करण में फ़िल्म की मुख्य भूमिका स्नेहा वाघ ने निभाई है जिसमें एक दुर्घटना में उनके पति की मौत हो जाती है और वह अपने बच्चों को उनके प्रश्नों के उत्तर कैसे देती है और विभिन्न समस्याओं का सामना करते हुए आगे बढ़ती है।[2][3]
धारावाहिक पंजाब के एक गाँव प्रीतमपुरा की कहानी दिखाता है जिसमें गाँव का सरपंच गाँव का मुखिया होता है और वह अपनी न्याय के लिए प्रसिद्ध है। गाँव में किसी भी व्यक्ति की समस्या को पूरे गाँव की समस्या मानी जाती है। इसमें रणवी नामक पात्र को एक सौतेली बहन मिलती है और वह उसकी हर माँग का ध्यान रखती है। धारावाहिक में भाई बहन के प्यारे रिश्ते और इस रिश्ते में पिसती रतनजीत कौर की अवस्था को दिखाया जाता है।[4]
धारावाहिक की शुरूआत एक बच्चे रणविजय उर्फ़ रणवी (भवेश बालचन्दानी) से आरम्भ होती है जो खेलने के लिए बोतलों के बिल्ले इक्कठे करता है। वह गाँव के सरपंच सम्पूर्ण सिंह (सुधांशु पाण्डे) और रतनजीत कौर (स्नेहा वाघ) का पुत्र है और उनका परिवार एक कुशल परिवार है। रक्षाबन्धन के दिन रणवी का कोई भी दोस्त उसके साथ खेलने नहीं आता और इस घटना के कारण रणविजय भगवान से एक बहन की अरदास करता है। वह भगवान के नाम एक पत्र भी लिखता है। कई वर्ष बीतने के बाद भी रणविजय और वीरा का बन्धन चिरस्थायी है।
धारावाहिक का अधिकतर भाग पंजाब में फ़िल्माया गया और वीरा की शिक्षा के कुछ दृश्य दिल्ली में फ़िल्माये गये। वीरा की युवावस्था में अपने पिता का कृषि विद्यालय सपना पूर्ण करने के लिए वीरा और बलदेव पौलेण्ड जाते हैं अतः इसके कुछ दृश्य पौलेण्ड में फ़िल्माये गये। भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में वीरा प्रथम धारावाहिक है जिसकी शूटिंग पोलैंड में हुई।[6]