व्यक्तिगत जानकारी | |
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राष्ट्रीयता | भारतीय |
जन्म |
7 जून 1985 हिसार , हरियाणा |
खेल | |
देश | भारत |
खेल | ट्रैक ऐंड फील्ड एफ़51 |
एकता भयान (7 जून 1985) एक पैरा एथलीट हैं, जो क्लब थ्रो और भाला फ़ेंक खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं।[1][2] 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों मे एकता ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए क्लब थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। लगातार दूसरी बार वर्ल्ड पारा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (लंदन 2017 और दुबई 2019) में शामिल होकर उन्होंने 2021 टोक्यो पैरालम्पिक्स के लिए क्वालिफाइ किया. एकता ने बर्लिन 2016, दुबई 2017 और ट्यूनिशिया 2018 में आयोजित आईपीजी ग्राँ प्री में भी कई पदक जीते हैं।भयान ने 2016, 2017, 2018 में राष्ट्रीय पैराएथलीट खेलों में स्वर्ण पदक जीते है। भयान को 2018 में विकलांग व्यक्ति सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और हरियाणा के राज्यपाल से महिला दिवस 2019 पर राज्य स्तरीय पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका हैं । उन्हें पैरा चैंपियंस कार्यक्रम के तहत गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन से भी सहयोग मिला है।
7 जून 1985 को हरियाणा के हिसार में जन्मीं एकता भयान के पिता बलजीत भयान हरियाणा के रिटायर्ड बागवानी अधिकारी हैं। इनके दो भाई बहन हैं।[3] 2003 में सड़क दुर्घटना में एकता की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी। उन्हें अस्पताल में नौ महीने रहना पड़ा और उनके दो ऑपरेशन हुए । भयान ने हिसार से स्नातक की पढ़ाई की है। 2011 में उन्होंने हरियाणा लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की और सहायक रोज़गार अधिकारी के पद पर कार्यरत हुई।[3] 2015 मे भयान पैराएथलीट अमित सरोहा से मिलीं। इनसे प्रेरित होकर उन्होंने पैराएथलीट बनने की ठानी और जल्द ही उन्होंने भाला फेंक मुक़ाबलों के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया।[4]
खेलों में भयान के करियर की शुरुआत जुलाई 2016 में बर्लिन आईपीसी ग्राँ प्री से हुई जहाँ उन्होंने क्लब थ्रो प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। इसके बाद भयान ने पंचकुला में आयोजित 2016 राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में क्लब थ्रों में स्वर्ण और डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक हासिल किए। 2017 में भयान ने दूसरी बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया और दोनों ही प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण जीते। 2017 में वे दुबई आईपीसी ग्राँ प्री में शामिल हुईं और यहाँ चौथे स्थान पर रहते हुए नया एशियाई कीर्तिमान बनाया। उसी वर्ष भयान ने पहली बार वर्ल्ड पैरा एथलीट चैंपियनशिप में भाग लिया, जो लंदन में आय़ोजित किया गया था। हालाँकि क्लब थ्रो में वे छठे स्थान पर रहीं, लेकिन एशियाई खिलाड़ियों में नंबर-1 पर रहीं।[4] 2018 में पंचकुला में राष्ट्रीय पैराएथलीट खेल में स्वर्ण हासिल कर वो तीसरी बार राष्ट्रीय चैंपियन बनीं। इसी दरम्यान ट्यूनीशिया में 2018 आइपीसी ग्राँ प्री में उन्होंने क्लब थ्रो में स्वर्ण और डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता।
इसके बाद अक्तूबर 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियन पारा गेम्स में उन्होंने भारत के लिए चौथा स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने अपने चौथे प्रयास में 16.02 मीटर भाल फेंक कर यूएई की अलकाबी थेकरा (15.75 मीटर) से बेहतरीन प्रदर्शन कर एफ32/51 इवेंट जीत लिया। इसके साथ ही एशियन पैरा गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली भयान अपने राज्य हरियाणा की पहली और देश की दूसरी पैरा एथलीट बनीं। 2019 में दुबई में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दूसरी बार शिरकत करते हुए उन्होंने 2021 टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालिफाइ किया। भयान हरियाणा सरकार में बतौर रोज़गार अधिकारी काम करती हैं।[1] उन्होंने साल 2020 में स्पोर्ट्सस्टार ऐसिस अवार्ड्स में पैरा-स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवार्ड जीता।[5] इससे पहले वो ईएसपीएन डिफ्रेंट्ली एबल्ड एथलीट ऑफ़ द ईयर 2018 चुनी गई थीं।[6]
एशियान पैरा गेम्स
आइपीसी ग्राँ प्री
राष्ट्रीय पैराएथलेटिक चैंपियनशिप