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उत्पाद प्रकार | त्वरित बैंक से बैंक पैसे भेजना/प्राप्त करना |
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स्वामित्व | भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम |
पेशकश | 11 अप्रैल 2016 |
बाज़ार | |
जालस्थल | www |
एकीकृत भुगतान अन्तराफलक[1] (या UPI, देवनागरीकृत : यूनिफ़ाइड पेमेण्ट इण्टरफ़ेस या यूपीआई) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रारम्भ किया गया ऑनलाइन भुगतान की एक नयी प्रणाली है जो अन्तर-बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाता है। अन्तराफलक (अंग्रेज़ी: Interface या इण्टरफ़ेस ) को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियन्त्रित किया जाता है और मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तुरन्त धनराशि स्थानान्तरित करने का कार्य करता है।
यूपीआई या एकीकृत भुगतान अन्तराफलक एक तत्काल बैंक से बैंक पैसों के आदान प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। यूपीआई ऐप में एक या एक से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया जा सकता है। इसमें निम्नलिखित पद्धति से पैसे भेजे या माँगे जा सकते हैं:
एकीकृत भुगतान अन्तराफलक एक तत्काल भुगतान प्रणाली है। जो एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसे भेजने या अनुरोध करने की अनुमति देती है। किसी भी यूपीआई ग्राहक ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है और एक से अधिक बैंक खातों को एक ऐप से जोड़ा जा सकता है। उपयोगकर्ता द्वारा बनाये गये वर्चुअल पेमेण्ट एड्रेस (वीपीए) या यूपीआई आईडी का उपयोग करके पैसा भेजा या अनुरोध किया जा सकता है। जो अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) संलग्न मोबाइल नम्बर का उपयोग करके बैंक खाते से पैसे भेजने या अनुरोध करने में सहायता करता है। यूपीआई सम्पर्क रहित भुगतान के उद्देश्य से प्रत्येक उपयोगकर्ता खाते के लिये विशिष्ट क्यूआर कोड भी उत्पन्न करता है।
कोई भी यूपीआई ऐप भुगतान कर सकता है और यूपीआई सक्षम बैंकों से वित्त भेज व स्वीकार कर सकता है। गूगल पे (पहले Tez), मोबीक्विक, फोनपे, पेटीएम, सैमसंग पे, व्हाट्सऐप पे, फ़्लैश पे जैसे विभिन्न तृतीय-पक्ष ऐप के अलावा एनपीएसाई का स्वयं का भीम नामक एक ऐप है।[2]
अप्रैल 2016 में 21 बैंकों से, अप्रैल 2020 तक UPI प्लेटफॉर्म से जुड़े बैंकों की कुल संख्या 216 है।
जून 2021 में, एनपीसीआई ने यूपीआई ग्राहक ऑन-बोर्डिंग पर व्हाट्सएप पर लगाए गए प्रतिबन्ध को हटा दिया जो अब तक 2 करोड़ उपयोगकर्ताओं तक सीमित था। भारतीय बाजार में 53 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के साथ, व्हाट्सएप अब औपचारिक रूप से अपने सभी ग्राहकों के लिए यूपीआई प्रस्तुत कर सकता है।[3]
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्राधिकरण (एनपीसीआई) की वेबसाइट उन बैंकों को सूचीबद्ध करती है, जो यूपीआई की सुविधा प्रदान करते हैं।[4] यहाँ के बैंकों को भुगतान सेवा प्रदाता (पीएसपी) कहा जाता है - उनके यूपीआई एप्लिकेशन और हैण्डल के साथ सूचीबद्ध - और जारीकर्ता।[4] पीएसपी में वे बैंक शामिल हैं जिनके पास लेन-देन की सुविधा के लिये अपना मोबाइल एप्लिकेशन है और जारीकर्ताओं में ऐसे बैंक शामिल हैं। जिनका भुगतान अन्तराफलक (इण्टरफ़ेस) नहीं है और यूपीआई का उपयोग करके लेनदेन के लिये तीसरे पक्ष के सॉफ़्टवेयर पर निर्भर हैं।
e-RUPI या e₹UPI (इलेक्ट्रॉनिक रुपया और UPI का मिश्रित-शब्द)[5][6] वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मन्त्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया गया है।[5] इसे 2 अगस्त 2021 से प्रस्तुत किया जायेगा। e-RUPI कल्याण सेवाओं की लीक प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिये और बिचौलियों को दरकिनार करने के लिये है। निजी क्षेत्र इस सेवा का उपयोग अपनी नैगमिक / नैगम सामाजिक उत्तरदायित्व पहल (Corporate Social Responsibility ; CSR) के लिये कर सकते हैं। ई-रुपी मूल रूप से क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग पर आधारित ई-वाउचर है। जिसे मोबाइल फोन के माध्यम से डिलीवर किया जा सकता है।[7] ई-रुपी भविष्य के केन्द्रीय बैङ्क अङ्कीय मुद्रा (CBDC) के लिये एक अग्रदूत के रूप में कार्य करेगा जिसे RBI द्वारा जारी किया जायेगा क्योंकि यह राष्ट्रीय अङ्कीय भुगतान अवसंरचना के भीतर अन्तराल को उजागर करने में मदद करेगा।[8][9]
संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर में यूपीआई संचालित करने के लिये बातचीत हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी हैं और विदेश यात्रा करने वाले भारतीय पर्यटकों के लिये भुगतान में आसानी हो। नन्दन नीलेकणी के नेतृत्व वाली अङ्कीय भुगतान समिति ने सुझाव दिया था कि एनपीसीआई को यूपीआई, रुपे और भीम जैसी भुगतान सेवाओं का अन्तरराष्ट्रीयकरण करना चाहिए।[10] एनपीसीआई यूपीआई को एकल मोबाइल वॉलेट से जोड़ने की योजना बना रहा है ताकि उपयोगकर्ता एक प्रदाता से दूसरे प्रदाता को धन हस्तान्तरित कर सकें। जो अब तक बन्द स्रोत प्रौद्योगिकी के उपयोग के कारण प्रतिबन्धित है। नियर फ़ील्ड कम्युनिकेशन (एनएफ़सी) के माध्यम से ऑफलाइन यूपीआई भुगतान का भी प्रावधान है।[11]
20 अप्रैल 2020 को, गूगल ने सीधे वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यूट्यूब प्रीमियम और यूट्यूब म्यूज़िक की सदस्यता खरीदने के लिये भारत में यूपीआई को जोड़ा। अब भारतीय उपयोगकर्ता गूगल टीवी से फ़िल्में खरीद या किराये पर भी ले सकते हैं। यूपीआई यूट्यूब सुपरचैट सुविधा के लिये भी सक्षम है।[12]
जुलाई 2021 से, भारत में एप्पल आईफोन, आईपैड और आईपॉड टच उपयोगकर्ता ऐप स्टोर और आईट्यून्स स्टोर पर यूपीआई का उपयोग कर सकते हैं। एनपीसीआई अन्तरराष्ट्रीय भुगतान लिमिटेड (एनआईपीएल) यूपीआई को संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिम एशिया और यूरोप जैसे बाजारों में विस्तारित करने की योजना बना रहा है। 4 अगस्त 2021 को, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ़ इंश्योरेंस ने बीमा भुगतान के लिये UPI AutoPay सुविधा का समर्थन करना आरम्भ किया।
अगस्त 2021 में, डिश टीवी ने COVID-19 प्रतिबन्ध और नो कॉन्टैक्ट डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशंस की भारी माँग के कारण देशव्यापी रोलआउट में पहली बार UPI स्कैन एण्ड पे फ़ीचर प्रस्तुत किया।[13] 31 अगस्त 2021 से, नेटफ़्लिक्स ने भारतीय ग्राहकों के लिये यूपीआई ऑटोपे फ़ीचर को एकीकृत किया, जो अब तक वीज़ा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस और डिनर्स क्लब इण्टरनेशनल के क्रेडिट और डेबिट कार्ड तक सीमित था।[14] अप्रैल 2021 आरबीआई मुद्रा नीति समिति के निर्देश के अनुसार, 31 मार्च, 2022 के बाद, अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) शिकायत अङ्कीय बटुआ यूपीआई प्रणाली (डिजिटल वॉलेट यूपीआई सिस्टम) का उपयोग करके अन्तर-सञ्चालित हो जायेंगे।[15] अगस्त 2021 में Hotstar ने UPI AutoPay सुविधा प्रारम्भ की। द हिन्दू, टाइम्स प्राइम, पेयू, फाइनेंशियल सॉफ़्टवेयर एण ड सिस्टम्स, टेस्टबुक एडु सॉल्यूशंस, ओपन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज, एञ्जेल ब्रोकिंग और 5 पैसा कैपिटल सितम्बर 2021 में यूपीआई ऑटोपे सुविधा उपलब्ध कराने लगे थे।[16]
उच्च उपयोग के कारण, सैमसङ्ग इलेक्ट्रॉनिक्स ने तीव्र भुगतान के लिये सीधे मोबाइल कैमरा एप्लिकेशन में ही यूपीआई बारकोड स्कैनर को एकीकृत कर दिया था।[17]
सीमा पार अङ्कीय भुगतान सेवा प्रदाता लिक्विड ग्रुप ने सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैण्ड, फिलीपींस, वियतनाम, कम्बोडिया, हांगकांग, ताइवान, दक्षिण कोरिया और 2022 से जापान में यूपीआई आधारित क्यूआर कोड भुगतान प्रणाली आरम्भ करने के लिये सितम्बर 2021 में एनआईपीएल के साथ समझौता ज्ञापन / सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।[18]
भारतीय पर्यटकों के लेन-देन के अनुभव को आसान बनाने के लिये यूपीआई को व्यापारिक स्थानों पर स्वीकार किया जाता है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (MAS) जुलाई, 2022 से UPI और PayNow के बीच अन्तर-सञ्चालन का सञ्चालन करेंगे।[19]
13 जुलाई 2021 को, यूपीआई ने भूटानी राजकीय मौद्रिक प्राधिकरण के माध्यम से भूटान को उपलब्ध कराया।[20] भीम ऐप के माध्यम से यूपीआई लेनदेन स्वीकार करने वाला भूटान पहला देश बन गया।
2021 में, मलेशियाई कम्पनी मर्चेण्ट्रेड एशिया ने यूपीआई अवसंरचना के माध्यम से भारत में धन-प्रेषण भेजने के लिये NIPL के साथ साझेदारी की थी।[21]
लुलु ग्रुप इण्टरनेशनल की सहायक कम्पनी लुलु फ़ाइनेंशियल होल्डिङ्ग ने अगस्त 2021 में एनआईपीएल के साथ समझौता ज्ञापन / सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये, ताकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और पश्चिमी एशियाई क्षेत्र से भारत को तत्काल धन-प्रेषण को भेजा जा सके। एमओयू लुलु फाइनेंशियल होल्डिङ्ग और उसके सहयोगियों को यूपीआई अवसंरचना के साथ जुड़ने और एक सुरक्षित सीमापार मौद्रिक लेनदेन के लिये सत्यापन, अनुपालन जाँच और सभी आवश्यक प्रोटोकॉल की सुविधा में सहायता करता है। एनआईपीएल ने 2021 में यूएई में यूपीआई पर्सन-टू-पर्सन (पी2पी) और पर्सन-टू-मर्चेण्ट (पी2एम) लेन-देन बढ़ाने के लिये मशरेक बैङ्क के साथ समझौता किया।[22]
2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घोषना किया था कि फ्रांस और भारत मोबाइल आधारित UPI उपयोग परा सहमति जताई हैI अब 2024 में फ्रांस में यूपीआई की शुरुआत कर दिया गया हैI
सोमवार 12 फरवरी 2024 को श्रीलंका और मॉरिशस में भी UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) को लॉन्च किया गया हैI इस तरीके से भारत का यूपीआई वैश्वीकरण (ग्लोबलाइजेशन) हो रहा है, इसे भारतीय टूरिस्ट को फायदा जरूर मिलेगाI