एयर डेक्कन

एयर डेक्कन अहमदाबाद, गुजरात से संचालित होने वाली एक भारतीय क्षेत्रीय एयरलाइन थी। इसने नवंबर 0 9 तक बीच 900डी विमान का उपयोग करके कुल चार गंतव्यों के लिए उड़ान भरी।[1] अक्टूबर 0 तक, एयरलाइन ने कोविड- 9 महामारी के परिणामस्वरूप अस्थायी रूप से परिचालन को निलंबित कर दिया था

गंतव्य स्थल

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एयर डेक्कन ने उन शहरों के लिए उड़ान भरने पर ध्यान केंद्रित किया जहां कम से कम या बिना किसी हवाई सेवा के प्रमुख एयरलाइनों के साथ न्यूनतम प्रतिस्पर्धा थी। एयरलाइन ने भारत में निम्नलिखित गंतव्यों के लिए उड़ान भरीः [1]

एयर डेक्कन (Air Deccan) भारत की पहली सस्ती विमान सेवा थी। इसे 00 में कैप्टन जी. आर. गोपीनाथ द्वारा शुरू किया गया था। इस एयरलाइन ने आम भारतीय को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की और भारतीय विमानन उद्योग में क्रांति ला दी। एयर डेक्कन ने छोटे और मध्यम शहरों को जोड़ते हुए कई लोगों के सपने को साकार किया।

प्रारंभिक दिन

कैप्टन जी. आर. गोपीनाथ, जो भारतीय सेना में एक हेलीकॉप्टर पायलट रह चुके थे, ने अपनी सेवा समाप्ति के बाद एक नयी शुरुआत की। उन्होंने देखा कि भारत में हवाई यात्रा केवल अमीर और उच्चवर्ग के लोगों के लिए सुलभ थी। उनके मन में विचार आया कि हवाई यात्रा को सभी के लिए सुलभ बनाना चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने एयर डेक्कन की स्थापना की।

सस्ती सेवा की अवधारणा

एयर डेक्कन की सबसे बड़ी खासियत उसकी सस्ती टिकट थी। एयर डेक्कन ने 'अब हर भारतीय हवाई यात्रा कर सकता है' के नारे के साथ अपनी यात्रा शुरू की। टिकट की कीमतें इतनी कम थीं कि यह रेल और बस यात्रा के मुकाबले भी प्रतिस्पर्धी बन गईं। कंपनी ने लागत को कम करने के लिए कई उपाय किए, जैसे कि:

कम लागत वाले हवाई जहाज : एयर डेक्कन ने छोटे और कम लागत वाले हवाई जहाजों का उपयोग किया।

कम सेवाएँ : फ्लाइट में मुफ्त भोजन और मनोरंजन की सुविधाएँ नहीं दी गईं।

बिना फ्रिल्स मॉडल : केवल जरूरी सेवाओं पर ध्यान दिया गया और अतिरिक्त सुविधाओं को हटा दिया गया।

चुनौतियाँ और सफलता

एयर डेक्कन ने शुरूआत में कई चुनौतियों का सामना किया। इनमें प्रमुख थीं-

प्रारंभिक हिचकिचाहट : भारतीय यात्रियों में हवाई यात्रा को लेकर प्रारंभिक हिचकिचाहट थी।

तकनीकी समस्याएँ : प्रारंभिक चरण में तकनीकी समस्याओं और उड़ानों में देरी की शिकायतें थीं।

प्रतिस्पर्धा : अन्य एयरलाइनों से भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।

हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद, एयर डेक्कन ने सफलता प्राप्त की। इसकी वजह थी-

कम लागत : सस्ती टिकट ने इसे मध्यम और निम्न वर्ग के यात्रियों के बीच लोकप्रिय बना दिया।

नई गंतव्य : एयर डेक्कन ने कई नए गंतव्यों को जोड़ा, जिससे छोटे शहरों के लोग भी हवाई यात्रा कर सके।

सकारात्मक प्रतिक्रिया : यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और समर्थन ने इसे बढ़ावा दिया।

एयर डेक्कन की विरासत

एयर डेक्कन ने भारतीय विमानन उद्योग में एक नई दिशा दी। इसने न केवल हवाई यात्रा को सुलभ बनाया बल्कि अन्य एयरलाइनों को भी सस्ती सेवाओं की पेशकश करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद कई नई सस्ती विमान सेवाएँ आईं, जैसे कि स्पाइसजेट, इंडिगो आदि।

007 में, एयर डेक्कन का विलय किंगफिशर एयरलाइंस के साथ हो गया। इसके बाद इसे किंगफिशर रेड के नाम से जाना गया। हालांकि, किंगफिशर एयरलाइंस को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा और 0 में यह बंद हो गई। लेकिन एयर डेक्कन की विरासत अभी भी भारतीय विमानन उद्योग में जीवित है।

निष्कर्ष

एयर डेक्कन ने भारतीय विमानन उद्योग में एक नई क्रांति लाई। इसने हवाई यात्रा को सभी के लिए सुलभ बनाकर आम लोगों के सपनों को साकार किया। कैप्टन जी. आर. गोपीनाथ का यह सपना आज भी भारतीय विमानन उद्योग को प्रेरित कर रहा है और हवाई यात्रा को अधिक सुलभ और सस्ती बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहा है। एयर डेक्कन की कहानी यह साबित करती है कि सही दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

एयरलाइन ने दिसंबर 0 7 तक दो बीबीच 900डी डी विमानों का उपयोग किया, जिनमें से प्रत्येक 8 सीटों से लैस था।[2][3]

एयर डेक्कन का बेड़ा
विमान सेवा में यात्रियों
बीचक्राफ्ट 900डी 9
कुल
  1. "India's Air Deccan, Air Odisha to combine ops". ch-aviation. 30 December 2017. अभिगमन तिथि 5 January 2018.
  2. "Air Deccan". airdeccan.co.in (अंग्रेज़ी में). मूल से 2018-01-29 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-01-28.
  3. "Air Deccan looks to stimulate demand in smaller cities". The Hindu Business Line. Press Trust of India. 23 December 2017. अभिगमन तिथि 6 January 2018.