एलिजा कुक

एलिजा कुक (24 दिसंबर 1818 – 23 सितम्बर 1889) चार्टिस्ट आंदोलन से जुड़ी एक अंग्रेजी लेखक और कवि थी। वह महिलाओं के लिए राजनीतिक आजादी की समर्थक थी, और शिक्षा के माध्यम से स्वयं सुधार की विचारधारा में विश्वास करती थी, जिसे उसने "लैवलिंग अप" कहा था। इससे वो इंग्लैंड और अमेरिका दोनों में श्रमिक वर्ग की जनता के बीच हद लोकप्रिय हो गई।

एलिजा कुक लंदन रोड, साउथवार्क, जहां उनका जन्म हुआ था, में रहने वाले एक ब्राजियर (एक पीतल-कार्यकर्ता) के ग्यारह बच्चों में सबसे कम उम्र की थी। जब वह नौ साल की थी, तो उसके पिता व्यवसाय से सेवानिवृत्त हुए, और परिवार होरशाम के नजदीक सेंट लियोनार्ड वन में एक छोटे से खेत में रहने के लिए गया। उसकी मां ने कल्पनाशील साहित्य के लिए एलिजा की आदत को प्रोत्साहित किया, लेकिन बच्चा लगभग पूरी तरह से आप-शिक्षित था। वह पंद्रह वर्ष से पहले छंद लिखने लगीं; वास्तव में, उनकी सबसे लोकप्रिय कविताएं, जैसे कि 'आई एम्फ़्लॉट' और 'स्टार ऑफ ग्लेनगैरी', की रचना उसके  लड़कीपन में की गई थीं। [1]

उनका पहला दीवान, लेईज़ ऑफ अ वाईल्ड हार्प, 1835 में प्रकाशित हुया, जब वह केवल सत्रह की थीं। इसके अनुकूल स्वागत से उत्साहित हो कर उसने साप्ताहिक डिस्पैच, महानगर पत्रिका, नई मासिक पत्रिका, और साहित्यिक राजपत्र को गुमनाम रूप से छंद भेजना शुरू किया;[1] विलियम जेरदन ने इनमें से अंतिम में अपनी प्रशंसा की। कुछ समय बाद उसने अपने आप को रैडिकल साप्ताहिक डिस्पैच तक सीमित कर दिया, जहां उनका पहला योगदान हस्ताक्षर 'सी' के तहत 27 नवंबर 1836 को प्रकाशित हुआ था।,[1] और वह अगले दस वर्षों के लिए इसके पृष्ठों पर रही।  इसका संपादक था विलियम जॉनसन फॉक्स और उसका मालिक था लंदन का एक एल्डरमैन जेम्स हार्मर।[2] वह हर्मर के निवास, इन्ग्रैस एबे, ग्रीनहिथे, केंट में एक समय के लिए रही थी,[3] और वहां उसने अपनी कुछ रचनाएँ को लिखा था।[4]

सन्दर्भ

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