एलेगज़ैन्डर एम कदाकिन (1949-2017) भारत में रूस राजदूत थे। हिन्दी और अंग्रेज़ी की कई पुस्तकों का वे रूसी भाषा में अनुवाद कर चुके हैं। वे पचास वैज्ञानिक लेख भारत और रूस की पत्रिकाओं में प्रकाशित कर चुके हैं। वह 2004 में रूसी संख के सम्मानित दूत का ख़िताब प्राप्त किए थे। इसके अतिरिक्त वे एक शिक्षक और रूसी प्राकृतिक विज्ञान अकादमी के सदस्य थे। वे एक भाषाविद भी थे। रूसी के अलावा अंग्रेज़ी, हिन्दी, उर्दू, फ़्रेंच और रोमानियाई भाषाएँ जानते थे।[1]
कदाकिन का जन्म जुलाई 22, 1949 को सोवियत संघ के किशिनेव शहर में हुआ। वे मूल रूप से रूसी थे।[1]
कदाकिन ने सोवियत संघ के विदेश मामलों के मंत्रालय के अंतरगत मॉस्को राजकीय संस्थान (विश्वविद्यालय) से ऑनर्ज़ के साथ 1972 में अपनी स्नातक शिक्षा पूरी की।[1]
कदाकिन 1972 से अब तक विभिन्न रूसी राजदूतावास सेवाओं से जुड़े रहे हैं। अपने इस काल के दौरान ही 1979 – 85 के बीच वे मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय मामलों के राजकीय संस्थान के भारत शास्त्र (Indian Studies) विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर भी रहे।[1] भारत में रूसी राजदूतावास में उन्होंने 25 से अधिक वर्ष सेवा की है जिसके लिए उन्हें 24 मई 2013 को दिल्ली में समारोह में दिल्ली स्टडी ग्रुप नामी संस्था के अध्यक्ष विजय जॉली द्वारा सम्मानित भी किया गया था जो कि दिल्ली पूर्व सांसद हैं।[2]