एशियाई शताब्दी (Asian Century) से तात्पर्य इस अनुमान से है कि वर्तमान शताब्दी में एशियाई देशों की राजनीति और संस्कृति हाबी रहेगी बशर्ते कुछ जनसांख्यिक एवं आर्थिक प्रवृत्तियाँ (ट्रेन्ड) ऐसे ही बने रहें। 'एशियाई शताब्दी' की बात इस परिपेक्ष्य में है कि १९वीं शताब्दी को "ब्रिटेन की शताब्दी" और २०वीं शताब्दी को "अमेरिकी शताब्दी" कहा जाता है।
सन २०११ में एशियाई विकास बैंक द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया था कि सम्भावना है कि ३० करोड़ अतिरिक्त एशियाई उसी तरह का जीवन-स्तर प्राप्त कर लेगें जैसा २०११ में यूरोप में था और २०५० तक यह क्षेत्र पूरे विश्व के कुल आउटपुट का आधा आउतपुट देने लगेगा।[1]