श्री ओम प्रकाश राजभर | |
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विधायक
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 19 मार्च 2017 | |
चुनाव-क्षेत्र | जहूराबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, गाजीपुरजिला |
भूतपूर्व पिछड़ा वर्ग कल्याण ,दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग मंत्री
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 2017-2019 | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी |
निवास | फत्तेहपुर खौदा पोस्ट कटौना जिला वाराणसी , उत्तर प्रदेश |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
धर्म | हिन्दू |
ओम प्रकाश राजभर एक भारतीय राजनीतिज्ञ और विधायक हैं। पूर्व में वे उत्तर प्रदेश की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण पूर्व मंत्री रहे हैं। वर्तमान में वे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक हैं वर्तमान मे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री है जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ कंधा मिलाकर काम करने के लिए प्रतिबंध है, भाजपा से गठबंधन करने का कारण उत्तर प्रदेश की जनता का पिछड़ा हितैषी होना भी कहा जाता है, इनके दो बेटे भी है जो बिल्कुल इनके जैसे ही है, खुद को पिछड़ों का नेता कहते है और पिछड़ों के हक के लिए आवाज उठाते हैं, इन्होंने भाजपा के पिछड़े नेताओ और मुख्यमंत्री से पिछड़ों के हक के लिए लड़ने की बातें भी कही और भाजपा सरकार के साथ गठबंधन कर लिए.[1]
राजभर ने 1981 में कांशीराम के समय में राजनीति शुरू की। 2001 में इनका बहुजन समाज पार्टी में मायावती से विवाद हुआ था। राजभर भदोही का नाम बदल कर संत रविदास नगर रखने से नाराज थे। इसके बाद इन्होंने अपनी पार्टी बनाई। 2004 से चुनाव लड़ रही भासपा ने यूपी और बिहार के चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए मगर ज़्यादातर मौकों पर जीतने से ज़्यादा खेल बिगाड़ने वाले बने रहे। मगर इस बार भाजपा के साथ गठबंधन करके उन्होने सत्ता के साथ रहने का सुख पा लिया। वैसे राजभर ने पहले मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। मगर बाद में पीछे हट गए थे।2019 [2] 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) का जहूराबाद सीट पर मुकाबला बीजेपी के कालीचरण राजभर और बसपा की शादाब फातिमा से था. जहां पर उन्होंने 40 हजार से ज्यादा वोटों से दी बीजेपी प्रत्याशी को शिकस्त दी |[3]
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