ओय्यारत्तु चंतु मेनोन | |
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चित्र:Chandu Menon.jpg | |
जन्म |
9 January 1847 Kelaloor, Cannanore, Malabar District, British India (now Kannur, Kerala, India) |
मौत |
7 September 1899 Tellicherry, Cannanore |
पेशा | Writer, novelist, social reformer |
जीवनसाथी | Lakshmikutty Amma |
माता-पिता |
Chandu Nair Edappadi Parvathy Amma Chittazhiath |
पुरस्कार | राव बहादुर |
ओय्यारत्तु चंतु मेनोन (१८४६-१८९९) मलयालम के उपन्यासकार थे।
उनका जन्म मालाबार में हुआ था। तत्कालीन मद्रास प्रदेश में न्यायाधीश का काम करते थे। उनका 'इदुंलेखा' उपन्यास अब भी मलयालम के उच्चतम उपन्यासों में से एक है। यह एक सामाजिक सुखांत उपन्यास है जिसमें वह उन मूढ़ एवं तुच्छ रीति रिवाजों और व्यवहारों का वर्णन करता है जो आदर्श के रूप में नंबूदिरियों और उच्च वर्ग के नायरों में प्रचलित थे। नायक एवं नायिका माधवन और इंदुलेखा प्रबुद्ध नवीन पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो जीवन के मानवीय मूल्यों का समर्थन करते हैं। सामाजिक पृष्ठभूमि और पात्रों का चित्रण ओज, मर्मज्ञता एवं शुद्धता से किया गया है। चंतुमेनोन ने 'शारदा' नाम का दूसरा उपन्यास लिखना प्रारंभ किया था किंतु अभाग्यवश इसे पूरा करने के पूर्व ही उनकी मृत्यु हो गई। इसमें विश्व के न्यायालयों का सजीव चित्रण किया गया है और उसमे अनेक स्मरणीय पात्र मिलते हैं।
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