ककबरक | |
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त्रिपुरी | |
बोलने का स्थान | भारत व बंगलादेश |
क्षेत्र | त्रिपुरा, असम, मिज़ोरम, बंगलादेश, बर्मा |
समुदाय | त्रिपुरी लोग |
मातृभाषी वक्ता | ८,५४,००० (भारत), १,१७,००० (बंगलादेश) - सन् २००१ के आंकड़े |
भाषा परिवार |
चीनी-तिब्बती
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राजभाषा मान्यता | |
नियंत्रक संस्था | कोई संगठन नहीं |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 |
विभिन्न: trp – कोकबोरोक (देब्बर्मा) ria – रिआंग tpe – तिप्पेरा (खग्राचरी) usi – उसोई xtr – पुरानी त्रिपुरी |
लिंग्विस्ट लिस्ट | xtr पुरानी त्रिपुरी |
ककबरक ( बांग्ला : ককবরক ) या तिप्राकक भाषा या त्रिपुरी भाषा भारत के त्रिपुरा राज्य के त्रिपुरी समुदाय और बंगलादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषा है। 'कक' का अर्थ 'भाषा' और 'बरक' का अर्थ 'लोग' होता है। यहाँ बरक शब्द से अर्थ त्रिपुरी लोग है। ककबरोक तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्य है और असम में बोली जाने वाली बोड़ो भाषा और दिमासा भाषा की निकट सम्बन्धी है।[1] कोक बोरोक को कभी-कभी त्रिपुरी भाषा भी कह दिया जाता है।[2]
कोक बोरोक भाषा में गिनती' को लेखमुङ (लेखमुंग) कहते हैं। मुख्य संख्याओं के लिए कोक बोरोक में प्रयुक्त शब्द नीचे दिए गये हैं।
1. | sa |
2. | nwi |
3. | tham |
4. | brwi |
5. | ba |
6. | dok |
7. | sni |
8. | char |
9. | chuku |
10. | chi |
20. | nwichi (khol) |
100. | ra |
101. | ra sa |
200. | nwira |
1000. | sai |
1001. | sai sa |
2000. | nwi sai |
10,000. | chisai |
20,000. | nwichi sai |
100,000. | rasai |
200,000. | nwi rasai |
1,000,000. | chirasai |
2,000,000. | nwichi rasai |
10,000,000. | rwjak |
20,000,000. | nwi rwjak |
1,000,000,000. | rarwjak |
1,000,000,000,000. | sai rarwjak |
100,000,000,000,000,000,000. | rasaisai rarwjak |
'कलम' कोकबरक की लिपि है किन्तु यह प्रचलन में नहीं है। १९वीं शताब्दी से कोकबरक लिखने के लिये त्विप्र राज्य द्वारा बांग्ला लिपि का प्रयोग किया जाने लगा। लेकिन भारत की स्वतंत्रता के बाद रोमन लिपि का व्यवहार भी होने लगा। वाम मोर्चा की सरकार इसके लिखने के लिये एशियाई बांग्ला लिपि का समर्थन करती थी। नवम्बर २०२१ में कोकबरक लिखने के लिये देवनागरी लिपि का प्रस्ताव किया गया है।