कदम्ब Anthocephalus indicus | |
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कदंब का वृक्ष , कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत. | |
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Close-up of flower | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | Plantae |
अश्रेणीत: | Angiosperms |
अश्रेणीत: | युडिकॉट |
अश्रेणीत: | Asterids |
गण: | Gentianales |
कुल: | Rubiaceae |
उपकुल: | Cinchonoideae |
वंश समूह: | Naucleeae |
वंश: | Neolamarckia |
जाति: | N. cadamba |
द्विपद नाम | |
Neolamarckia cadamba (Roxb.) Jean Marie Bosser | |
पर्यायवाची[1] | |
कदम्ब का अधुनातन वानस्पतिक नाम है- रूबियेसी कदम्बा। उसका पुराना नाम था नॉक्लिया कदम्बा। इसे रूबियेसी परिवार से संबंधित माना जाता है।
यह मुख्य रूप से अंडमान, बंगाल तथा आसाम में पाया जाता है। यह पेढ़ बहुत जल्दी बढ़ता है।
इसकी ऊँचाई 20-40 फ़ीट की मध्यम कोटि तक होती है। पत्ते महुवा से मिलते हैं, पर थोड़े छोटे और चमकीले होते हैं। वर्षा ऋतु पर इस पर फूल आते हैं। इसके डंठल पर चक्राकार पीले गुच्छे के रूप में बहुत छोटे सुगंधमय फूल होते हैं। कहा जाता है कि बादलों की गर्जना से इसके फूल अचानक खिल उठते हैं। पीला पराग झरने के बाद, पकने पर लाल हो जाते हैं। इसे 'हरिद्र' और 'नीप' भी कहा जाता था। फूलों में से इत्र निकाला जाता है। औरतें इनसे अपना शृंगार करती हैं।
ईसकी पत्ती,छाल,फल समान मात्रा में लेकर काढा पीने से टाईप २ डायाबिटीज ठीक होता है।