कन्दीसा | ||||
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स्टूडियो एल्बम इंडियन ओशॅन द्वारा | ||||
जारी | मार्च २००० | |||
रिकॉर्डिंग | वेस्टर्न आउटडोर्स (मुम्बई) | |||
संगीत शैली | फ्यूज़न | |||
लंबाई | ५० मिनट | |||
लेबल | टाइम्स म्यूजिक | |||
इंडियन ओशॅन कालक्रम | ||||
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कन्दीसा भारतीय रॉक बैंड, इंडियन ओशॅन की तीसरी एल्बम है। सात गीतों वाली यह एल्बम मार्च २००० में रिलीस की गई थी, और इसने इंडियन ओशॅन को भारत के सबसे वास्तविक और रचनात्मक बैंडों में से एक की पहचान दिलाई,[1] और यह आगे चलकर किसी भी भारतीय बैंड की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम बनी।[2]
इस एल्बम के दो गीत, "मा रेवा" और "कन्दीसा" रोलिंग स्टोन की २०१४ की "२५ सर्वश्रेष्ठ भारतीय रॉक गीत" सूची में शामिल किये गए थे।[3]
१९९७ में डेजर्ट रेन की रिलीस के बाद इंडियन ओशॅन समूचे भारत में घूम-घूम कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा था। १९९८ में बैंड को टाइम्स म्यूजिक द्वारा साइन कर लिया गया। इसके कुछ समय बाद इंडियन ओशॅन ने खजुराहो में राष्ट्रपति के आर नारायणन की उपस्थिति में एक शो किया, जिसे काफी सराहा गया। इस शो तथा इससे पहले सड़कों पर गाये उनके गीतों को ही उन्होंने कन्दीसा एल्बम में प्रयोग किया।
एल्बम की रिकॉर्डिंग मुम्बई के वेस्टर्न आउटडोर स्टूडियो में हुई थी। इन गीतों को रिकॉर्ड करने में उन्हें कुल २ सप्ताह लगे, और फिर अगले ५ दिन मिक्स करने में। इंडियन ओशॅन के सदस्यों के अनुसार यह उनकी पहली 'वास्तविक' स्टूडियो एल्बम थी, क्योंकि इसमें उन्होंने पहली बार किसी म्यूजिक प्रोड्यूसर की सहायता ली थी।
एल्बम का शीर्षक गीत "कन्दीसा" आरामाईक-सीरियाई भाषा मे है,[4] जो केरल में सेंट थॉमस ईसाइयों द्वारा बोली जाती है।[5] इसके अतिरिक्त "कौन" गीत में कश्मीरी भाषा का प्रयोग है, जिन्हें ड्रमर अमित किलम की माता, इंदिरा किलम ने लिखा था।
सभी गीत इंडियन ओशॅन द्वारा लिखित हैं।
क्र॰ | शीर्षक | अवधि |
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1. | "क्या मालूम" | ६:०१ |
2. | "मा रेवा" | ६:३८ |
3. | "लीविंग होम" | ६:४९ |
4. | "हिल्ले रे" (गोरख पाण्डे द्वारा लिखित) | ५:१५ |
5. | "खजुराहो" (संजीव शर्मा द्वारा लिखित) | ८:२७ |
6. | "कौन" (इंदिरा किलम द्वारा लिखित) | १०:०३ |
7. | "कन्दीसा" | ७:४० |
कुल अवधि: | ५०:०० |