कपिल मिश्रा | |
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चित्र:Kapil Mishra.jpg | |
विधायक
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 14 फरवरी 2015 | |
चुनाव-क्षेत्र | करावल नगर |
जन्म | 13 नवम्बर 1980 |
नागरिकता | भारतीय |
कपिल मिश्रा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। दिल्ली के छठे विधानसभा चुनाव में इन्होंने 44,431 के अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की थी। उसके बाद इन्होंने संस्कृत में अपनी शपथ ग्रहण की थी। बाद में अपने ही पार्टी के प्रमुख नेता, अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाने के कारण इन्हें आम आदमी पार्टी से निकाल दिया गया।[1][2]
यह दिल्ली में सामाजिक कार्य के विद्यालय के द्वारा सामाजिक कार्य करते थे। यह राजनीतिक और व्यावसायिक नीतिगत मुद्दों पर कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम कर चुके हैं।
यह आम आदमी पार्टी में शामिल हो कर दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़े थे। जिसमें इन्हें जीत भी मिली थी। इसके बाद इन्होंने अपने ही पार्टी के मुख्य सदस्य, अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया कि केजरीवाल ने बीस करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की है। आरोप लगाने के बाद इन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
कपिल मिश्रा ने बताया कि आम आदमी पार्टी को 11 कंपनियों ने पैसा दिया था, लेकिन सभी की सभी फर्जी है। इनके चार निदेशक हैं, लेकिन सभी का एक ही पता है। बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने कुल एक करोड़, दस लाख रुपये दिये थे, लेकिन पार्टी ने अपने खाते में दिखाया कि उसने मात्र पाँच हजार ही दिया है। बेंगलुरु की प्रिया बंसल ने भी पार्टी को लगातार पैसों की मदद दी है और अभी तक 90 लाख रूपये दे चुकी हैं, लेकिन आयकर में इस रकम को मात्र ढाई हजार दिखाया गया।
कपिल ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी को मिलने वाले पैसे के बारे में आयकर विभाग और चुनाव आयोग से जानकारी छुपाई जाती है और गलत जानकारी दे दी जाती है। इसके बाद इन्होंने 2013-14 के दस्तावेजों को दिखाते हुए कहा कि इस दौरान आम आदमी पार्टी के खातों में 45 करोड़ रुपये थे, लेकिन इस बारे में चुनाव आयोग को मात्र 9 करोड़ रुपये के बारे में ही बताया गया था। वहीं सभी को बीस करोड़ रुपये के बारे में ही बताया गया था और बाकी के पच्चीस करोड़ के बारे में कुछ नहीं बताया गया।