करण कपूर | |
---|---|
जन्म |
18 जनवरी 1962 बम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
आवास | लंदन, इंग्लैंड |
पेशा | अभिनेता और फोटोग्राफर |
जीवनसाथी | लोर्ना कपूर |
बच्चे | 2 |
माता-पिता |
शशि कपूर जेनिफर केंडल |
संबंधी | कपूर ख़ानदान देखें |
करण कपूर (जन्म १८ जनवरी १९६२)[1] भारतीय मूल के एक पूर्व फ़िल्म अभिनेता और मॉडल हैं। वे बॉलीवुड अभिनेता शशि कपूर और उनकी दिवंगत पत्नी, ब्रिटिश अभिनेत्री जेनिफर केंडल के बेटे हैं। उनके दादा पृथ्वीराज कपूर थे और उनके ताऊ हैं: राज कपूर और शम्मी कपूर। उनके बड़े भाई कुणाल कपूर और बहन संजना कपूर ने भी कुछ फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन वे उनके जैसे सफल नहीं हुए। उनके नाना-नानी, जेफ़री केंडल और लौरा केंडल भी अभिनेता थे, जिन्होंने अपने थिएटर समूह "शेक्सपीराना" के साथ भारत और एशिया का दौरा किया करते थे और नाटक शेक्सपियर ऍण्ड शॉ का प्रदर्शन करते। बाद में करण ने फोटोग्राफी की ओर रुख़ किया और इस ही पेशे को अपनाने का फैसला किया, हालांकि उन्होंने एक अभिनेता के रूप में भी काम किया है। एक हालिया साक्षात्कार में करण का कहना था कि अभिनय से जुड़े एक बहुत प्रसिद्ध बॉलीवुड परिवार का हिस्सा रहने के बावजूद वे बचपन से ही हमेशा फोटोग्राफी में दिलचस्पी रखते हैं।
उन्होंने श्याम बेनेगल की समीक्षक-प्रशंसा प्राप्त १९७८ की फिल्म, जुनून के ज़रिये अपनी फ़िल्म अभिनय की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता और दोनों भाई-बहनों के साथ काम किया। उनके पिता की प्रस्तुति, ३६ चौरंगी लेन (१९८१) में उनकी एक छोटी सी भूमिका थी। १९८४ में ब्रिटिश टेलीविज़न धारावाहिक "द ज्वेल इन द क्राउन" में भी वे दिखाई दिए। उन्होंने मुख्यधारा की बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय की शुरुआत, १९९६ की फ़िल्म सल्तनत के साथ की, जिसमें वे धर्मेन्द्र, सनी देओल और जूही चावला के साथ थे।[1] उन्होंने बाद में लोहा (१९८७) और अफसर (१९८८) में अभिनय किया, लेकिन अभिनेता के रूप में उन्हें अनेक प्रस्ताव नहीं आए। उन्होंने बॉम्बे डाइंग सहित कई प्रमुख भारतीय ब्रांडों के लिए भी मॉडलिंग किया।
वर्ष १९८४ में उन्होंने ब्रिटिश धारावाहिक द ज्वेल इन द क्राउन में अभिनय किया। १९८८ की फिल्म अफ़सर, भारत में उनकी अंतिम फ़िल्म रही।[2][3] १९९० के दशक में वे भारत से ब्रिटेन चले गए। द ज्वेल इन द क्राउन के बाद, उन्होंने साउथ ऑफ़ द बॉर्डर और द टूथ ऑफ़ द लायन जैसे घरवाहिकों में भी काम किया। अभिनय करने के बाद, व अधिक सफलता नहीं प्राप्त कर पाने के बाद, उनहोंने फोटोग्राफी के तरफ़ रुख़ किया, और फोटोग्राफर बन गए। शादी के बाद ब्रिटेन में वे अपनी पत्नी लोर्ना, बेटी अलीया और बेटे ज़ैक के साथ चेल्सी, लंदन में रहने लगे।[4][5][1]
लगभग २५ वर्षों के अंतराल के बाद, करण सार्वजनिक जीवन में और भारत में वापस आए, अपनी "टाइम एंड टाइड" नमक फोटोग्राफी प्रदर्शनियों की श्रृंखला के साथ। करण का "टाइम एंड टाइड" फोटोग्राफी प्रदर्शनी नवंबर २०१६ में उनके गृहनगर मुंबई में शुरू हुई थी। बाद में इसे २०१७ में बेंगलुरु, कोलकाता, नई दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर जैसे अन्य शहरों में भी आयोजित किया गया। करण को भारत के आंग्ल-भारतीय समुदाय में अपने शोध के लिए जाना जाता है। १९८० के दशक में, उन्होंने इन समुदायों को मिलने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों कि यात्रा की। और उन्होंने भारत के इस छोटे से समुदाय के लोगों की जीवन शैली को दर्शाती तस्वीरें ली। नवम्बर २०१६ में उनके लेख बीबीसी, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स और अन्य समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए थे। उनके एक साक्षात्कार में करण ने कहा था कि वे भारत में अधिक फोटोग्राफी परियोजनाओं को करने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि अब उनके बच्चे अब बड़े हो चुके हैं, इसलिए वह भारत में ज्यादा समय बिता सकते हैं।
वर्ष | रचना | किरदार |
---|---|---|
फ़िल्में
| ||
१९७८ | जुनून | |
१९८१ | ३६ चौरंगी लेन | डेवी |
१९८६ | सल्तनत | समीर |
१९८७ | लोहा | करण |
१९८८ | अफ़सर | |
टीवी घरवाहिक
| ||
१९८४ | द ज्वेल इन द क्राउन | कॉलिन लिंडसे |
१९९० | साउथ ऑफ़ द बॉर्डर | मैक्स विल्डिंग |
१९९३ | द टूथ ऑफ़ द लायन | कूल |
अन्य काम
| ||
१९८४ | द बॉस्टोनियन्स | स्टिल फोटोग्राफर |
१९८४ | उत्सव (फ़िल्म) | स्टिल फिटोग्राफर |
१९८२ | विजेता | क्रू सदस्य |
२००९ में उनके द्वारा खींची गई तस्वीर "ओल्ड कपल" को लोग/जीवन-शैली की श्रेणी में, अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। उनकी तस्वीर को उस वर्ष के ५ नामांकनों में से चुना गया था।[6]