करिश्मा का करिश्मा | |
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शैली | विज्ञान, हास्य |
विकासकर्ता | आबिद हुसैन और अपर्णा गणेश |
लेखक | रघुवीर शेखावत |
निर्देशक | स्वप्न वाघमरे जोशी |
अभिनीत | नीचे देखें |
थीम संगीत रचैयता | ललित सेन |
प्रारंभ विषय | "करिश्मा का करिश्मा" |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
एपिसोड की सं. | कुल 65 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | सुषमा कौल |
निर्माता | सुनील दोषी |
प्रसारण अवधि | लगभग 24 मिनट |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
प्रसारण | 24 जनवरी 2003 – 16 अप्रैल 2004 |
करिश्मा का करिश्मा भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण स्टार प्लस पर 24 जनवरी 2003 से लेकर 16 अप्रैल 2004 तक हुआ।[1] इसके निर्माता सुनील दोषी हैं। इसका निर्देशन स्वप्न जोशी ने किया है।[2]
यह कहानी एक वैज्ञानिक विक्रम कि है। जो एक ऐसे रोबोट का आविष्कार करता है जिसे कोई भी मानव समझ ले। वह उसका नाम करिश्मा रखता है। उसकी पत्नी शीतल को उसकी पड़ोसी यह कह के कान भर्ती है कि विक्रम का किसी और के साथ प्रेम संबंध है। क्योंकि वह देर रात तक घर नहीं लौटता था। वह अपने परिवार के सामने करिश्मा को लाता है। इसके बाद शीतल उसे विक्रम की दूसरी पत्नी की बेटी समझती है। लेकिन विक्रम उसे समझा देता है। इसके बाद केवल विक्रम, शीतल और उनके बच्चे राहुल को ही इस बारे में पता होता है कि वह एक रोबोट है। उनके पड़ोसी श्रद्धा और परेश हमेशा उनके काम में टाँग अड़ाते रहते हैं।