करीम लाला کریم لالا | |
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चित्र:KarimLalaImage.jpg | |
जन्म |
अब्दुल करीम शेर खान 1911 कुनर प्रान्त, अफगानिस्तानी अमीरात (वर्तमान में अफ़ग़ानिस्तान) |
मौत |
19 फरवरी 2002 (उम्र- 91-92) मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
पेशा | तस्करी, नशीले पदार्थ, जबरन वसूली, अनुबंध हत्या, अवैध जुआ, संपत्ति से जबरन बेदखल करना |
करीम लाला (1911 - 19 फरवरी 2002), अफगानिस्तान के कुनर प्रान्त में अब्दुल करीम शेर खान के रूप में पैदा हुआ.।[1] अन्य दो लोग मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार हैं।
दो दशकों से अधिक समय तक, वह खूंखार "पठान गैंग" का नेता रहा, जो गैंग दक्षिण मुंबई के डोंगरी, नागपाड़ा, भेंडी बाज़ार और मोहम्मद अली रोड जैसे दुर्बल और अपराध से प्रभावित मुस्लिम गुटों का संचालन करता था। पठान गैंग अवैध जुआ (सट्टा) और शराब की तस्करी, अवैध धन की वसूली, अवैध भूमि बेदखली, अपहरण, संरक्षण रैकेट (हफ्ता), कॉन्ट्रैक्ट किलिंग (सुपारी), नशीले पदार्थों के वितरण और जाली मुद्रा के वितरण जैसे अपराधो में शामिल था।
करीम लाला पश्तो भाषी पठान (पश्तून) था जो 1920 के दशक में अफगानिस्तान के कुनर से मुंबई (तब बॉम्बे) तक अपने बड़े परिवार के साथ आया था। उसका परिवार दक्षिण मुंबई में भेंडी बाज़ार के सबसे घनी आबादी वाले और गरीब मुस्लिम बस्ती में बस गया। मुंबई में एक साधारण श्रमिक के रूप में काम शुरू करने के बाद, वह पठान जाति के एक गिरोह में शामिल हो गया, जो गिरोह मारवाड़ी और गुजराती धन उधारदाताओं, जमींदारों और व्यापारियों के लिए अवैध वसूली एजेंटों के रूप में काम करता था। इन धन उधारदाताओं और जमींदारों ने बलवान पठानों को नियोजित किया, जिनके लंबे शरिरिक आकार और धमकाने वाले आचरण ने कर्जदारों द्वारा दक्षिण मुंबई के डिफ़ॉल्टर्स तथा किरायेदारों और मालिकों को उनकी महंगी प्रमुख संपत्तियों से बेदखल करने के काम को आसान कर दिया।