कर्नाटक का एक छोटा सा जिला कोडगु भारतीय हाकी टीम के लिए सर्वाधिक योगदान देता है। यहां से अनेक खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।[1] वार्षिक कोडव हॉकी उत्सव विश्व में सबसे बड़ा हॉकी टूर्नामेण्ट है।[2] बंगलुरु शहर में महिला टेनिस संघ (डब्लु.टी.ए का एक टेनिस ईवेन्ट भी हुआ है, तथा १९९७ में शहर भारत के चतुर्थ राष्ट्रीय खेल सम्मेलन का भी मेजबान रहा है।[3] इसी शहर में भारत के सर्वोच्च क्रीड़ा संस्थान, भारतीय खेल प्राधिकरण तथा नाइके टेनिस अकादमी भी स्थित हैं। अन्य राज्यों की तुलना में तैराकी के भी उच्च आनक भी कर्नाटक में ही मिलते हैं।[4]
राज्य का एक लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। राज्य की क्रिकेट टीम छः बार रणजी ट्रॉफी जीत चुकी है और जीत के आंकड़ों में माट्र मुंबई क्रिकेट टीम से पीछे रही है।[5] बंगलुरु स्थित चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन होता रहता है। साथ ही ये २००० में आरंभ हुई राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का भी केन्द्र रहा है, जहां अकादमी भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को तैयार करती है। राज्य क्रिकेट टीम के कई प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रहे हैं। १९९० के दशक में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यहीं के खिलाड़ियों का बाहुल्य रहा था।[6][7]
कर्नाटक प्रीमियर लीग राज्य का एक अंतर्क्षेत्रीय ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट टूर्नामेंट है। रॉयल चैलेन्जर्स बैंगलौर भारतीय प्रीमियर लीग का एक फ़्रैंचाइज़ी है जो बंगलुरु में ही स्थित है।
राज्य के अंचलिक क्षेत्र्रों में खो खो, कबड्डी, चिन्नई डांडु तथा गोली आदि खेल खूब खेले जाते हैं।
राज्य के उल्लेखनीय खिलाड़ियों में १९८० के ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप विजेता प्रकाश पादुकोन का नाम सम्मान से लिया जाता है। इनके अलावा पंकज आडवाणी भी उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने २० वर्ष की आयु से ही बैडमिंटन स्पर्धाएं आरंभ कर दी थीं तथा तथा क्यू स्पोर्ट्स के तीन उपाधियां धारण की हैं, जिनमें २००३ की विश्व स्नूकर चैंपियनशिप एवं २००५ की विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप आती हैं।[8][9]
राज्य में साइकिलिंग स्पर्धाएं भी जोरों पर रही हैं। बीजापुर जिले के क्षेत्र से राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी सायक्लिस्ट हुए हैं। मलेशिया में आयोजित हुए पर्लिस ओपन ’९९ में प्रेमलता सुरेबान भारतीय प्रतिनिधियों में से एक थीं। जिले की साइक्लिंग प्रतिभा को देखते हुए उनके उत्थान हेतु राज्य सरकार ने जिले में ४० लाख की लागत से यहां के बी.आर अंबेडकर स्टेडियम में सायक्लिंग ट्रैक बनवाया है।[10]
Since Coorg (Kodagu) was the cradle of Indian hockey, with over 50 players from the region going on to represent the nation so far, seven of whom were Olympians...
...the festival assumed such monstrous proportions (one year, 350 families took part in the festival) that it found place in the Limca Book of Records. It was recognized as the largest hockey tournament in the world. This has been referred to the Guinness Book of World Records too.