क़ज़ा (अरबी: قضاء, अंग्रेज़ी: Qadaa) या क़दा कुछ अरब देशों में द्वितीय स्तर के प्रशासनिक विभाग होते हैं जिनका दर्जा लगभग भारत के ज़िलों के बराबर होता है। उदाहरण के लिये इराक़ के प्रान्तों को क़ज़ाओं में बांटा जाता है। इसका नाम उसमानी साम्राजय के ज़माने में पड़ा था - क़ज़ा उस क्षेत्र को कहा जाता था जो किसी क़ाज़ी की निगरानी में रखा गया हो।[1][2] [3][4]
'क़ज़ा' को अरबी लिपि में 'قضاء' लिखा जाता है जिसमें 'ض' का अक्षर (जो 'ज़ुआद' कहलाता है) भारतीय उपमहाद्वीप, अफ़ग़ानिस्तान और ईरान में 'ज़' का उच्चारण रखता है, जबकि अरब देशों में इसका उच्चारण 'द' या 'ध' से मिलता-जुलता किया जाता है। इसलिए इस विभाग के नाम को - 'क़ज़ा' और 'क़दा' - दोनों उच्चारणों के साथ पाया जाता है।