कागज का उपयोग लिखने एवं पैकेजिंग के लिये होता है।
कागज-निर्माण की प्रक्रिया इस प्रकार है- जल में फाइबर के तनु मिश्रण को एक पर्दे से गुजारा जाता है ताकि पानी निकल जाय और पर्दे पर रेशों (फाइबर) की एक चटाई बन जाय। इस 'चटाई' में जो पानी बच जाता है उसे दबाकर और सुखाकर निकाला जाता है। इस प्रकार कागज बन जाता है। १९वीं शताब्दी में जब फोर्ड्रिनियर मशीन (Fourdrinier machine) का आविष्कार हुआ तभी से अधिकांश कागज लकड़ी की लुगदी (पल्प) से बनाया जाता है। किन्तु रेशे के अन्य स्रोतों (जैसे रूई, वस्त्र आदि) का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले कागज के निर्माण के लिये किया जाता है। पहले कागज चिन्दे (rags) और सन (hemp) से भी बनाया जाता था।आज कल पेड़(tree)फ़्री काग़ज़ भी बनता है।
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