काज़ीगुंड Qazigund قاضی گُنڈ | |
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निर्देशांक: 33°35′31″N 75°09′54″E / 33.592°N 75.165°Eनिर्देशांक: 33°35′31″N 75°09′54″E / 33.592°N 75.165°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | जम्मू और कश्मीर |
ज़िला | अनन्तनाग ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 9,871 |
भाषा | |
• प्रचलित | कश्मीरी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
काज़ीगुंड (Qazigund), भारत के जम्मू और कश्मीर प्रदेश के अनंतनाग ज़िले में एक नगर है। जम्मू से श्रीनगर के मुख्य मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग १ए) में पीर पंजाल पर्वतमाला को बनिहाल दर्रा द्वारा पार करा जाता है, जिसमें बनिहाल जम्मू विभाग का अंतिम और काज़ीगुंड कश्मीर विभाग का पहला पड़ाव है। इसलिए इसे कश्मीर घाटी का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है।[1][2][3][4]
काज़ीगुंड के पास कई प्रसिद्ध पानी के चश्में हैं, जिन्हें कश्मीरी भाषा में "नाग" कहा जाता है। पूरे ज़िले में असंख्य चश्में होने के कारण ही इसका नाम "अनंतनाग" पड़ा है। शहर से १० किमी दूर वेरीनाग है, जो वितस्ता नदी (झेलम नदी का स्थानीय व प्राचीन वैदिक नाम) का स्रोत है। लगभग ३ किमी दूर पन्ज़थ नाग है।
सन् १९५६ में खोली गई २.८५ किमी लम्बी जवाहर सुरंग पीर पंजाल शृंख्ला को चीरकर बनिहाल को काज़ीगुंड से जोड़ती है और कश्मीर वादी और देश के अन्य भागों के बीच के सड़क यातायात की मुख्य सूत्र है। यहाँ से श्रीनगर से कन्याकुमारी जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग ४४ गुज़रता है।
काज़ीगुंड रेलवे स्टेशन से उत्तर की ओर श्रीनगर तक रेल चलती है जिसकी दिन में चार बार सेवा है। अब बनिहाल-काज़ीगुंड के बीच एक ११ किमी लम्बी पीर पंजाल रेल सुरंग द्वारा बनिहाल तक भी रेल चलती है, जिस से इन दोनों के बीच का रास्ता केवल १७ किमी रह गया है।[5] बनिहाल से दक्षिण की ओर रेलमार्ग बढ़ाने का कार्य जारी है, जो पूरा होने पर देश के किसी भी भाग से कश्मीर घाटी के किसी भी भाग तक रेल सेवा सक्षम कर देगा।