कालोरिस द्रोणी (अंग्रेज़ी: Caloris Basin) या कालोरिस प्लानितिया (अंग्रेज़ी: Caloris Planitia) बुध ग्रह (मरक्यूरी) पर स्थित एक बड़ा प्रहार क्रेटर है। इसका व्यास १,५५० किमी (९६० मील) है। हमारे सौर मंडल में यह सबसे विशाल प्रहार द्रोणियों में से एक गिना जाता है। बुध ग्रह का एक रुख़ सदैव सूरज की ओर होता है, जिसके कारण बुध के एक गोलार्ध (हेमिसफियर) में हमेशा रोशनी और दूसरे में हमेशा रात रहती है। कालोरिस द्रोणी उस रेखा पर स्थित है जो ठीक इन अनंत दिन-रात वाले गोलार्धों के बीच है। इस क्रेटर की सीमा पर २ किमी ऊंचे पहाड़ों का घेरा है।[1]
लातीनी भाषा में 'कालोर' (Calor) शब्द का मतलब 'गरमी' होता है।
कालोरिस द्रोणी पहली बार १९७४ में देखी गई। खगोलशास्त्री अनुमान लगाते हैं कि इसे बनाने के लिये लगभग १०० किमी के व्यास वाली कोई खगोलीय वस्तु बुध से जा टकराई। उनका अंदाज़ा है कि यह आज से लगभग ३.८ या ३.९ अरब वर्षों पहले हुआ जब हमारे सौर मंडल का निर्माण हो रहा था। उस काल में ऐसी कई बड़ी पथरीली वस्तुएँ हमारे सौर मंडल में मौजूद थीं और ग्रहों पर प्रहार करती रहती थीं।[2]