कडप्पा हवाई अड्डा | |||||||||||
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विवरण | |||||||||||
हवाईअड्डा प्रकार | सार्वजनिक | ||||||||||
स्वामित्व | एएआइ | ||||||||||
संचालक | भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण | ||||||||||
सेवाएँ (नगर) | कडप्पा | ||||||||||
स्थिति | कडप्पा, आंध्र प्रदेश, भारत | ||||||||||
समुद्र तल से ऊँचाई | 430 फ़ीट / 131 मी॰ | ||||||||||
निर्देशांक | 14°30′36″N 078°46′22″E / 14.51000°N 78.77278°Eनिर्देशांक: 14°30′36″N 078°46′22″E / 14.51000°N 78.77278°E | ||||||||||
वेबसाइट | www | ||||||||||
मानचित्र | |||||||||||
उड़ानपट्टियाँ | |||||||||||
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सांख्यिकी (April 2017 - March 2018) | |||||||||||
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कुडप्पा विमानक्षेत्र आंध्र प्रदेश स्थित हवाईअड्डा है।
कडप्पा हवाई अड्डा (IATA: CDP, ICAO: VOCP) भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में कडप्पा शहर (पूर्व में कुडप्पा) से 12 किमी उत्तर में स्थित है। यह 669.5 एकड़ (270.9 हेक्टेयर) जमीन पर फैला हुआ है और इसे 42 करोड़ रुपयों की लागत से सुधार किया गया है। इस आधुनिक हवाई अड्डे का उद्घाटन 7 जून 2015 को भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्री, अशोक गजपति राजू द्वारा किया गया था।[5] नये टर्मिनल बिल्डिंग में दिन के व्यस्ततम समय में 100 यात्रियों को संभालने की क्षमता है। इस के एप्रन में 2 एटीआर-72 प्रकार के विमानों को खड़े करने की व्यवस्था कर सकता है।[6]
इस हवाई अड्डे का निर्माण सन 1953 में हुआ था, उस समय इसकी रन-वे की लंबाई 3,500 फीट (1,067 मीटर) थी। सन् 1980 के दशक में, वायुदूत ने हैदराबाद से कडप्पा के लिए सेवाएं संचालित कीं। एक समझौता के अनुसार राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने मार्च 2007 में कडप्पा और वारंगल हवाई अड्डों को एटीआर-42 और एटीआर-72 प्रकार के विमानों को संभालने के लिए हवाई अड्डों को विकसित करने का कार्यक्रम शुरू किया।[7]
2009 में, 21 करोड़ रुपए की लागत से एक नया 6,562 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा (2,000 मीटर × 46 मीटर) का निर्माण, संचालन और हस्तांतरण के तहत पूरा किया गया था। इसके अलावा, 24 करोड़ रुपये के लागत से 11 किलोमीटर लंबी परिसर की दीवार का निर्माण किया गया था। दूसरे चरण में, एक हवाई यातायात नियंत्रण भवन, यात्री टर्मिनल, पार्किंग बे और आंतरिक सड़कों का निर्माण 13 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था। अन्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए अनुमानित 8 करोड़ रुपये की लागत आई थी।[8]
हवाई अड्डे के लिए व्यवसायिक उड़ानें 7 जून 2015 को फिर से शुरू हुईं, जब एयर पेगासस ने बैंगलोर के लिए सप्ताह में तीन बार एटीआर 72 सेवा शुरू की। हालांकि, यात्रियों की कमी के कारण उड़ानें जल्द ही रद्द कर दी गईं।[5] अप्रैल 2016 में, ट्रू जेट ने हैदराबाद के लिए उड़ानें शुरू कीं, जो कुछ महीनों के बाद रद्द कर दी गईं।[9]
मार्च 2017 में कडप्पा हवाई अड्डा क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत चुने गए 70 हवाई अड्डों में से एक था। ट्रूजेट ने सितंबर 2017 में हैदराबाद के लिए, नवंबर 2017 में चेन्नई के माध्यम से मैसूर और मार्च 2018 में विजयवाड़ा के लिए दैनिक उड़ानें शुरू कीं।[10]
वायुसेवाएं | गंतव्य | Refs. |
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ट्रू जेट | चेन्नई, हैदराबाद, विजयवाड़ा | [11] |
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