कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र | |||||||||||
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विवरण | |||||||||||
हवाईअड्डा प्रकार | सार्वजनिक | ||||||||||
स्वामित्व | भारत सरकार | ||||||||||
संचालक | भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण | ||||||||||
सेवाएँ (नगर) | कुल्लू, मनाली | ||||||||||
स्थिति | भुन्तर, हिमाचल प्रदेश, भारत | ||||||||||
समुद्र तल से ऊँचाई | 3,573 फ़ीट / 1,089 मी॰ | ||||||||||
निर्देशांक | 31°52′36″N 77°09′16″E / 31.87667°N 77.15444°Eनिर्देशांक: 31°52′36″N 77°09′16″E / 31.87667°N 77.15444°E | ||||||||||
मानचित्र | |||||||||||
उड़ानपट्टियाँ | |||||||||||
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कुल्लू-मनाली विमानक्षेत्र (आईएटीए: KUU, आईसीएओ: VIBR) (अन्य नाम: कुल्लु मनाली हवाई अड्डा, भुन्तर विमानक्षेत्र) हिमाचल प्रदेश स्थित सीमित सुविधायुक्त हवाईअड्डा है। भुन्तर हवाई अड्डा विमानचालकों के लिये एक चुनौती भारा अवतरण होता है, क्योंकि यहां की उड़ानपट्टी एक गहरी घाटी में बनी है, जिसको कई हजार फ़ीट ऊंचे पर्वत शिखर घेरे हुए हैं। विमानक्षेत्र के निकट ही व्यास नदी भी बहती है जिससे १९९५ में उत्पन्न बाढ़ ने इस हवाई अड्डे को खतरे की स्थिति में ला दिया था। भुन्तर में नये विमान टर्मिनल भवन का उद्घाटन २००८ में ही हुआ था। इसके साथ ही यहाम के एप्रन में एक साथ दो विमानों की पार्किंग सुविधा हो गयी है।[1] यहां किंगफ़िशर एयरलाइंस ने सितम्बर २०१२ में अपनी सुविधाओं को विराम दे दिया था[2] लेकिन एयर इण्डिया क्षेत्रीय ने अपनी वायु सेवाओं को कुल्लू में मई २०१३ से पुनरारम्भ कर दिया था। [3] डेक्कन चार्टर्स ने हिमालयन बुल्स के साथ कुल्लु-चण्डीगढ़-कुल्लु शटल सेवाएं २ अप्रैल २०१४ से आरम्भ की हैं।