कॅप्लर-१६बी

कॅप्लर-१६ मंडल का काल्पनिक चित्रण: सबसे पीछे नारंगी बौना तारा, उसके आगे लाल बौना तारा और सबसे आगे कॅप्लर-१६बी गैस दानव ग्रह है

कॅप्लर-१६बी (Kepler-16b) एक ग़ैर-सौरीय ग्रह है। यह पृथ्वी से लगभग २०० प्रकाश वर्ष दूर हंस तारामंडल के क्षेत्र में स्थित कॅप्लर-१६ नामक द्वितारे की परिक्रमा कर रहा है और पहला ऐसा ज्ञात ग्रह है जो किसी द्वितारा के इर्द-गिर्द कक्षा (ऑर्बिट) में हो।[1] अनुमान लगाया जाता है की यह आधा पत्थर और आधा गैस का बना हुआ लगभग शनि के द्रव्यमान (मास) वाला एक गैस दानव ग्रह है।[2] यह ग्रह कॅप्लर अंतरिक्ष यान द्वारा शोध करने से मिला था और खगोलशास्त्रियों ने इसके पाए जाने की घोषणा सितम्बर २०११ में की थी।

खगोलिए स्थिति

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केपलर-16बी गैस के गुब्बारे की तरह है और आकार में शनि ग्रह के बराबर है। यह अपने दोनों तारों से 10.50 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर अपने अक्ष पर चक्कर लगा रहा है। यह दूरी उतनी ही है, जितनी शुक्र ग्रह की सूर्य से है। हालाँकि केपलर-16बी जिन दो तारों के चक्कर लगा रहा है, वे सूरज की तुलना में छोटे और ठंडे हैं। इसी कारण केपलर-16बी के तल का तापमान शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस और 100 डिग्री सेल्सियस के बीच है। यह हमारी धरती से 200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। इसकी खोज नासा के केपलर अंतरिक्ष दूरबीन ने उस समय की थी, जब यह धरती और उसके पितृ तारे के बीच से गुजरा था। इस घटना को ट्रांजिट कहते हैं। इसमें अंतरिक्ष विज्ञानियों को दूरबीन की सहायता से ग्रह के आकार और उसके पितृ तारे से दूरी का पता चलता है लेकिन केपलर-१६ बी के मामले में कठिनाई यह है कि यह दो तारों के चक्कर लगा रहा है। इस कारण ट्रांजिट की प्रक्रिया दो बार होती है और उसमें दूरबीन में दूरी और आकार भी अलग-अलग पता चलते हैं। [1]

यह अपने दो सूरजों की एक परिक्रमा लगभग २२९ दिनों में पूरी कर लेता है। माना जाता है कि ग्रह पर बहुत सर्दी है और तापमान -७० सेंटीग्रेड से -१०० सेंटीग्रेड तक रहता हैं।[3]

कॅप्लर-१६बी के दो सूरज इस प्रकार हैं:

  • बड़ा सूरज: K श्रेणी नारंगी बौना तारा जिसका द्रव्यमान (मास) सूरज के द्रव्यमान का ०.६८९७ गुना और व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का ०.६४८९ गुना है।
  • छोटा सूरज: M श्रेणी का लाल बौना तारा जिसका द्रव्यमान सौर द्रव्यमान का ०.२०२५५ गुना और व्यास सौर व्यास का ०.२२६२३ गुना है।

अगर कॅप्लर-१६बी ग्रह पर खड़ा हुआ जा सकता तो कभी आकाश में बड़ा नारंगी सूरज उदय होता दिखता, कभी छोटा लाल सूरज और कभी दोनों एक साथ। ऐसा भी होता की कभी एक सूरज दूसरे के पीछे ग्रहण होता। जब वैज्ञानिकों को इस बात का ज्ञान हुआ तो इस ग्रह की तुलना फ़ौरन स्टार वॉर्स नामक मशहूर विज्ञान कथा (साईन्स फ़िक्शन) फ़िल्म से की गई जिसमें एक टैटूईन (Tatooine) नामक ग्रह दो सूरजों के साथ दर्शाया गया था।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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सन्दर्भ

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  1. Baldwin, Emily. "Kepler planet circles two suns". Astronomy Now Online. Pole Star Publications Ltd. मूल से 28 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 सितंबर 2011.
  2. Drake, Nadia. "On Kepler-16b, shadows come in pairs". Science News. Society for Science & the Public. मूल से 28 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 सितंबर 2011.
  3. Dennis Overbye (September 15, 2011). "NASA Detects Planet Dancing With a Pair of Stars". दि न्यू यॉर्क टाइम्स. मूल से 16 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 सितंबर 2011. ... The two stars are about 20 million miles apart and produce two eclipses every 41 days as they take turns going in front of each other. One star is about two-thirds the mass of the Sun, the other about a fifth of the Sun ...