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केके | |
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केके द जॉकी क्लब ऑडिटोरियम, हांगकांग में लाइव परफॉर्म करते हुए | |
जन्म |
कृष्णकुमार कुन्नाथ 23 अगस्त 1968 दिल्ली, भारत |
मौत |
31 मई 2022 कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत | (उम्र 53 वर्ष)
शिक्षा की जगह | किरोड़ीमल कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय)[1] |
पेशा | गायक |
कार्यकाल | 1994–2022 |
जीवनसाथी | ज्योति (वि॰ 1991) |
बच्चे | 2 |
कृष्णकुमार कुन्नथ (मलयालम: കൃഷ്ണകുമാര് കുന്നത്ത്,) जन्म: 23 अगस्त 1968 (दिल्ली), एवं मृत्यु 31 मई 2022 (कोलकाता) आयु - अनुमानित 53 वर्ष। कृष्ण कुमार कुन्नथ " केके " नाम से प्रख्यात थे। वे एक सफल भारतीय पार्श्व गायक रहे। वह हिंदी, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और तमिल फिल्मों में प्रमुख गायक रहे।
KK भारतीय संगीत इतिहास में अपनी सुंदर एवं मीठी आवाज के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। KK ने लगभग अपने पूरे केरियर में 700 से अधिक गाने गाए जिनमे से लगभग सारे गाने ही अपने समय में हिट साबित हुए।
उनका जन्म दिल्ली में हुआ। सीएस नायर(पिता) और कनाकवाल्ली (माता) मलयाली परिवार में इनका जन्म हुआ। कृष्ण कुमार (KK) नई दिल्ली में पले बढे। उनके बॉलीवुड ब्रेक से पहले उन्होंने लगभग 3,500 विज्ञापनों हेतु गीत गाए। वे दिल्ली के माउंट सेंट मैरी स्कूल के एक पूर्व छात्र रहे। उन्होंने 1999 क्रिकेट विश्व कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के समर्थन के लिए "जोश ऑफ़ इंडिया" गाना भी गाया। इस के बाद, उन्होंने पल नामक एलबम रिलीज किया, जिसे सर्वश्रेष्ठ सोलो एल्बम के लिए स्टार स्क्रीन पुरस्कार मिला। इस एल्बम के दो गाने 'पल' और 'यारों' काफी लोकप्रिय रहे।
कृष्णकुमार कुन्नथ (KK) भारतीय संगीत के जगत में एक ऐसे सितारे थे जिनकी आवाज़ ने अनगिनत श्रोताओं के दिलों को छू लिया। 23 अगस्त 1968 को दिल्ली में जन्मे और 31 मई 2022 को कोलकाता में अपनी आखिरी प्रस्तुति के दौरान निधन प्राप्त करने वाले केके ने अपने जीवन को संगीत के हर रंग में रंगा। उनके करियर की शुरुआत विज्ञापन जिंगल्स से हुई, जिसमें उन्होंने लगभग 3500 जिंगल्स गाए और यह उनकी लगन और प्रतिभा का परिचायक बना। इसी दौरान उनकी आवाज़ की मधुरता और गहराई ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, और उन्हें फिल्मी दुनिया में कदम रखने का अवसर मिला।
बॉलीवुड में उनका पहला बड़ा ब्रेक विशाल भारद्वाज की फिल्म हम दिल दे चुके सनम के गाने "तड़प तड़प के" से मिला। इस गाने ने केके को एक रात में ही मशहूर बना दिया। उनकी आवाज़ की सादगी और गहराई ने उन्हें एक ऐसा स्थान दिलाया जो हर श्रोता के दिल के करीब था। इसके बाद उन्होंने "यारों", "पल", "खुदा जाने", और "आँखों में तेरी" जैसे सदाबहार गीत दिए जो आज भी लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।
बचपन में केके एक डॉक्टर बनना चाहते थे| उन्होंने अपना पहला प्रदर्शन किया जब वे दूसरी कक्षा में थे| अपनी बहुमुखी आवाज के लिए जल्द ही दिल्ली में विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों द्वारा उनका उपयोग किया गया| उन्होंने अपने दोस्तों के साथ एक रॉक बैंड का भी गठन किया| मशुर गायक किशोर कुमार और संगीत निर्देशक आरडी बर्मन ने केके को बहुत प्रभावित किया|
वाणिज्य में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद, केके होटल उद्योग में एक विपणन कार्यकारी के रूप में आठ महीने बिताया| कुछ साल बाद, 1994 में, वे मुंबई में आ गए| 1994 में, वह लुई बैंकों, रंजीत बारोट, शिव माथुर और लेस्ली लुईस को अपना डेमो टेप दिया ताकी संगीत के क्षेत्र में एक ब्रेक मिल सके| यह 1994 में ही था, जब उनके बेटे नकुल का जन्म हुआ, कि चीजें अचानक बदल गई| उसी दिन यूटीवी द्वारा उन्हें बुलाया गया और उन्होंने Santogen suiting के विज्ञापन के लिए एक गीत गाया| चार साल की अवधि में उन्होंने 11 भारतीय भाषाओं में 3,500 से अधिक विज्ञापनों में गाया है| केके लेस्ली लेविस को अपना संरक्षक मानते है क्युकी उन्होंने ही केके को पहली बार विज्ञापन में गाने का मौका दिया था| केके ने हिंदी में 250 से भी अधिक गाने गाये है, एवं तमिल और तेलेगु में 50 से भी अधिक गाने गाये है|
विख्यात फिल्म निर्देशक विशाल भरद्वाज ने केके को बॉलीवुड में गाने का पहला मौका दिया| उन्होंने बॉलीवुड में अपना कार्यकाल "माचिस" के 'छोड़ आये हम' से शुरू किया और आगे चलकर कई और लोकप्रिय गाने गाये| उन्हें अपना पहला सोलो गाने भी विशाल भरद्वाज ने ही दिया| पर यह "हम दिल दे चुके सनम" के 'तड़प तड़प के' में उनका भावपूर्ण गायन ही था जिससे उन्हें प्रसिधी मिली|
सन १९९९ में, भारत में सोनी म्यूजिक लॉन्च हुआ तो वे एक नए गायक को लॉन्च करना चाहते थे| इस काम के लिए केके को चुना गया, उन्होंने 'पल' नामक एक सोलो एल्बम निकला जिसके संगीत निर्देशक लेस्ली लेविस थे| २२ जनवरी २००८ को केके ने अपना दूसरा एल्बम 'हमसफ़र', आठ साल के अंतराल के बाद, निकला| 'आसमे के' और 'यह कहाँ मिल गए हम', जो इस एल्बम के कुछ मशहूर गाने थे, उन्होंने 'हमसफ़र' के लिए एक अंग्रेजी रॉक बल्लाद "सिनेरेरिया" भी गाया है|
केके टीवी पर भी दिखे है| उन्हें 'फेम गुरुकुल' नमक एक रिअलिटी शो में जूरी के सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था| परन्तु यह साफ़ है की वे टीवी पर लौटना पसंद नहीं करेंगे क्युकी उनका मानना है की यह माध्यम उन्हें प्रतिबंधित रखती है|एक इंटरव्यू के दौरान जब के के से अवार्ड्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मुझे गाने के लिए बेहतरीन संगीत देते रहिये,अवार्ड्स न भी मिले तो चलेगा|
१९९१ में उन्होंने अपने ज्योति से शादी की, जिन्हें वे अपने बचपन से ही जानते है| जब वे काम नहीं कर रहे होते है, तब वे अपना ज़्यादातर समय अपने परिवार के साथ बिताने का प्रयास करते है| एक बार उन्होंने कहा था की वो उनका परिवार ही है जो उन्हें बॉलीवुड के दबाव से निपटने की प्रेरणा देती है, जहाँ जगह बनाने के लिए लगातार प्रयास करते रहना परता है| केके के साथ उनके बेटे नकुल ने भी 'हमसफ़र' में एक गीत "मस्ती" गाया है| केके की एक बेटी भी है जिसका नाम तामारा है|
KK का संगीत से लगाव बचपन से ही था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापनों के जिंगल्स गाकर की। KK ने करीब 3500 से ज्यादा जिंगल्स रिकॉर्ड किए, जो उस समय एक बड़ी बात थी। उनकी मधुर आवाज़ ने कई लोगों का ध्यान खींचा और जल्द ही वह बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गए। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें बॉलीवुड में एक बेहतरीन सिंगर के रूप में स्थापित किया।
1999 में KK ने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड[2] में की, जब उन्हें फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' का सुपरहिट गाना "तड़प तड़प के" गाने का मौका मिला। इस गाने ने रातोंरात उन्हें स्टार बना दिया। उनकी आवाज़ में इतनी गहराई थी कि यह गीत हर दिल में अपनी जगह बना गया। इसके बाद KK ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक से बढ़कर एक हिट गाने दिए।
उनकी आवाज़ में एक खास तरह की मासूमियत और ताकत थी, जो सीधे दिल में उतर जाती थी। चाहे वह "यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है" हो या "आँखों में तेरी", KK के हर गाने में एक अनोखा जादू था।
KK का last song सुनकर हर कोई भावुक हो गया। उनका आखिरी गाना था "धूप पानी बहने दे", जिसे फिल्म 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' के लिए रिकॉर्ड [3]किया गया था। यह गाना जून 2022 में रिलीज़ हुआ था, और इसे सुनकर ऐसा महसूस होता है जैसे उनकी आवाज़ के ज़रिये वह श्रोताओं को हमेशा के लिए अलविदा कह रहे हों।
इस गाने की खासियत यह थी कि इसमें जीवन की कठिनाइयों के बीच आशा की किरण दिखाई गई है। इस गाने में उनके जीवन का सार भी छिपा हुआ था - संघर्ष, मेहनत और उम्मीद। जब यह गाना रिलीज हुआ, तो यह उनके प्रशंसकों के लिए एक भावनात्मक क्षण था।
KK के करियर में कई ऐसे गाने हैं जो सदाबहार हैं और आज भी लोगों की जुबान पर बने हुए हैं। आइए नजर डालते हैं उनके कुछ यादगार गानों पर:
हर गाना श्रोताओं के दिल के करीब था और हमेशा रहेगा। लेकिन KK last song ने एक अलग ही पहचान बनाई।
KK ने अपने करियर में बॉलीवुड के अलावा कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, और बंगाली में भी गाने गाए हैं। यह दिखाता है कि उनकी आवाज़ की पहुंच कितनी व्यापक थी। KK के last song ने उनकी विरासत को और मजबूत किया और उनकी आवाज़ को सदाबहार बना दिया।
उन्होंने अपने पूरे करियर में कभी भी पुरस्कारों की परवाह नहीं की। उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार उनके प्रशंसकों का प्यार था। वह हमेशा कहते थे कि उनका संगीत उनके दिल की आवाज़ है और यही कारण है कि उनके गाने श्रोताओं के दिलों तक सीधी पहुंचते थे।