कैडावेरिक स्पाज़्म मृत्यु के बाद शारीर की ऐंठन को खा जाता है। मृत्यु के कुछ समय पश्चात मृतक का शारीर और मस्पेशिया ऐठने लगती है अगर मृत्यु किसी भौतिक परिस्थितियों के अंतर्गत होती है। कैडावेरिक स्पाज़्म साधारण मृत्यु में नहीं पाया जाता अपितु हिंसक मृत्यु में ही देखने को मिलता है। कैडावेरिक स्पाज़्म का प्रभाव पुरे शारीर की मासपेशियो में देखा जा सकता है पर सबसे अधिक इसका प्रभाव हाथों में और कलाई में ज्यादातर दिखाई देता है। कैडावेरिक स्पाज़्म की स्थिति अक्सर डूबने की स्थिति में, आत्महत्या की स्थिति में देखने को मिलता है। [1]