व्यक्तिगत जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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पूरा नाम | Cameron Leon White | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
उपनाम | Whitey, Bear, Bundy | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कद | 1.87 मी॰ (6 फीट 2 इंच) | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बल्लेबाजी की शैली | Right-hand | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गेंदबाजी की शैली | Legbreak googly | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भूमिका | Batsman | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय पक्ष | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टेस्ट में पदार्पण (कैप 402) | 9 अक्टूबर 2008 बनाम भारत | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वनडे पदार्पण (कैप 152) | 5 अक्टूबर 2005 बनाम ICC World XI | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतिम एक दिवसीय | 7 नवम्बर 2010 बनाम Sri Lanka | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घरेलू टीम की जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वर्ष | टीम | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2010–present | Somerset | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1999–present | Victoria | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2007-2010 | Royal Challengers Bangalore | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2006–2007 | Somerset | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2011-present | Deccan Chargers | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कैरियर के आँकड़े | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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स्रोत : Cricinfo, 8 जनवरी 2011 |
कैमरून लिओन व्हाइट (जन्म 18 अगस्त 1983 को बार्न्सडेल, विक्टोरिया में) एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ट्वेंटी-20 टीम के कप्तान हैं। मध्यक्रम के बेहतरीन बल्लेबाज़ और दाएं हाथ के लेग स्पिन गेंदबाज व्हाइट ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी शुरूआत 2000-01 के सत्र में विक्टोरियन बुशरेंजर की ओर से एक बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में की थी। शुरुआत में उनकी तुलना विक्टोरिया के साथी खिलाड़ी शेन वार्न के साथ की गयी लेकिन बाद में यह तुलना फीकी पड़ गई क्योंकि व्हाइट ने एंड्रयू साइमंड्स के समान एक कभी-कभार गेंदबाजी करने वाले बल्लेबाज की भूमिका निभानी शुरू कर दी।
वर्ष 2003-04 में विक्टोरिया की एकदिवसीय टीम की कमान सँभालने के साथ वे 20 वर्ष की आयु में विक्टोरिया के सबसे युवा कप्तान बने और उस सत्र के बाद प्रथम श्रेणी की कप्तानी का जिम्मा भी उन्ही को सौंप दिया गया। पहली बार 2005 में उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली, लेकिन वह लगातार अंदर बाहर होते रहे क्योंकि चयनकर्ता और राष्ट्रीय टीम के कप्तान रिकी पॉन्टिंग चाहते थे कि व्हाइट मुख्य स्पिनर के रूप में खेलने के लिए अपनी गेंदबाजी को और बेहतर बनाएं. इंग्लिश काउंटी टीम समरसेट के साथ दो सफल सत्रों ने चयनकर्ताओं का ध्यान एक बार फिर व्हाइट की तरफ खींचा। 2008 के चार टेस्ट मैचों सहित शुरूआत के कुछ निष्फल प्रयासों के बाद अंततः व्हाइट 2009 में अपने अच्छे प्रदर्शन की वजह से एकदिवसीय टीम में अपना नियमित स्थान बनाने में सफल रहे।
व्हाइट ने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत विक्टोरिया में कॉमनवेल्थ बैंक अंडर-17 और बाद में अंडर-19 चैंपियनशिप श्रृंखलाएं खेलते हुए की। इन प्रतियोगिताओं में उन्होंने बल्ले व गेंद दोनों के साथ बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया; दो सत्रों के दस मैचों में उन्होंने एक शतक व दो अर्द्ध शतक जमाए और इसके साथ 17 विकेट भी हासिल किए। वह मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते थे और तीसरे या चौथे गेंदबाजी परिवर्तन के रूप में गेंदबाजी करते थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने अपना पदार्पण 2001 में 17 वर्ष की आयु में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ किया। अपनी केवल एक बैटिंग पारी में व्हाइट ने 11 रन बनाए और तीसरे गेंदबाजी परिवर्तन के रूप में उन्होंने 65 रन देकर 4 विकेट[note 1] चटकाए.[1] उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों के लिए ऑस्ट्रेलियाई अंडर 19 टीम में जुड़ने से पहले उस सत्र में एक प्रथम श्रेणी मैच और खेला।
उन्होंने न्यूजीलैंड के दौरे पर गई ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट अकादमी की टीम की कप्तानी की; शुरूआत में दो तीन दिवसीय मैच ड्रा हो जाने के बाद उनकी टीम ने न्यूजीलैंड क्रिकेट अकादमी की टीम को चार एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में 3-1 से हराया. इसके तुरंत बाद, उन्होंने विक्टोरिया की ओर से अपना ए सूची पदार्पण किया, लेकिन बारिश के कारण मैच में केवल 42.1 ओवर का ही खेल हो सका और व्हाइट इसमें कोई भूमिका नहीं निभा सके। [2] कुछ दिनों बाद व्हाइट को उनका प्रथम वरिष्ठ मैन ऑफ दी मैच का खिताब पुरा कप में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए मिला; इस मैच में व्हाइट ने दो विकेट लिए और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 91 रन बनाए। [3] 2002 में श्रीलंका[4] में हुए अंडर- 19 विश्व कप के लिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया की अंडर- 19 टीम का कप्तान बनाया गया और उन्होंने फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को सात विकेट से हराकर अपनी टीम को जीत दिलाई. इस टूर्नामेंट में व्हाइट ने सबसे ज्यादा 423 रन बनाए, उनके अलावा शीर्ष के अन्य चार बल्लेबाजों में दो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी थे।[5]
अंडर 19 विश्व कप में बल्लेबाजी में सफल रहने के बावजूद, विक्टोरिया ने व्हाइट को गेंदबाजी आलराउंडर के रूप में प्रयोग करना जारी रखा, यह निर्णय 2002-03 के सत्र में उचित लगने लगा जब व्हाइट ने अपनी 13 प्रथम श्रेणी पारियों में 50 का आंकड़ा केवल एक बार छुआ और 28 विकेट लिए। सत्र के अपने अंतिम मैच में, उन्होंने पहली बार एक पारी में पांच और मैच में दस विकेट लिए, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मुकाबले में व्हाइट ने पहली पारी में 66 रन देकर 6 विकेट लिए और दूसरी पारी में 70 रन देकर 4 विकेट लिए और विक्टोरिया को 10 विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.[6]
उस सत्र के बाद जिसमें डारेन बैरी और शेन वार्न ने आईएनजी कप के लिए विक्टोरिया की कप्तानी की थी, विक्टोरिया के चयनकर्ताओं ने व्हाइट को 2003-04 सत्र के लिए कप्तान नियुक्त किया। विक्टोरिया के 152 वर्षों के इतिहास में व्हाइट 20 साल की उम्र में इसके सबसे युवा कप्तान बने। उनके कोच, डेविड हूक्स ने कहा कि "व्हाइट ने काफी कम उम्र में टीम की कप्तानी की अच्छी समझ दिखाई".[7] इस निर्णय को उन रिपोर्टों से समर्थन मिला जिनमें कहा गया था कि अंडर-19 विश्व कप के दौरान उन्होंने "अपनी उम्र से परे स्वभाव, नियंत्रण और परिपक्वता" के साथ टीम की कमान संभाली.[7] 2003-04 सत्र की शुरूआत में जब एक अभ्यास मैच में नियमित कप्तान बैरी की उंगली टूट गई तो व्हाइट को प्रथम श्रेणी टीम की कप्तानी भी सौंपी गई।[8] आईएनजी कप टीम की कप्तानी करते समय एक जीत और एक हार के बाद, पुरा कप में टीम के कप्तान के रूप में उनके पदार्पण में उन्हें मैन ऑफ दी मैच चुना गया, क्वींसलैंड के खिलाफ इस मैच में विक्टोरिया पांच विकेट से जीता और व्हाइट ने इस मैच में छः विकेट लिए। [9]
व्हाइट ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट दिसंबर 2003 में खेला। भारत के खिलाफ एक टूर मैच में विक्टोरिया के लिए चार विकेट लेने के बाद, व्हाइट को इसी दौरे पर भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ए के लिए चुना गया। माइकल हसी की कप्तानी वाली इस ऑस्ट्रेलियाई टीम में उनके विक्टोरिया के साथी ब्रेड हॉज भी शामिल थे, इस मैच में नंबर छः पर बल्लेबाजी करते हुए व्हाइट ने भारतीयों पर अधिक प्रभाव नहीं छोड़ सके; उन्होंने अपनी दोनो पारियों में 20 रन बनाए लेकिन कोई विकेट नहीं ले सके। [10] व्हाइट ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दो एकदिवसीय मैचों के लिए अपना स्थान ए टीम में बनाए रखा, इसमें उन्होंने दो विकेट लिए।
2003-04 के सत्र में व्हाइट की बल्लेबाजी में उल्लेखनीय सुधार हुआ, लेकिन उनके दाएं पैर के अस्थिबंध में खिंचाव आ गया, इसलिए वहां उनके 2003-04 सत्र का अंत हो गया। वापसी करते हुए उन्होंने अठारह पारियों में पांच अर्द्ध शतक जमाए और इस सत्र में उनका पहली बार 30 से अधिक रहा। उन्होंने अपने करियर में पहली बार एक सत्र में 30 विकेट भी लिए जो एक सत्र में उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन है, यद्यपि पिछले सत्र की तुलना में उनका औसत अच्छा नहीं रहा, जो बढ़कर 35 से अधिक हो गया।[11] उनकी कुछ बेहतरीन पारियों ने दिखा दिया की वे क्या कर सकते हैं, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया[12] के खिलाफ 65 बॉलों में 58 रन और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 चौकों और 3 छक्कों[13] की मदद से 97 गेदों में बनाए गए 75 रनों ने उनकी उन क्षमताओं का प्रदर्शन किया जिनकी बदौलत बाद में व्हाइट खेल के छोटे स्वरूप ट्वेंटी-20 में अत्यधिक सफल रहे।
व्हाइट के खेल में हुए सुधार और स्टुअर्ट मैक्गिल की चोट के कारण, उन्हें जिम्बावे के दौरे पर जाने वाली 13 सदस्यीय टेस्ट टीम का हिस्सा बनाया गया। ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ता इस दौरे पर दो स्पिनर ले जाने के लिए उत्सुक थे और मैक्गिल की चोट के कारण "भविष्य को देखते हुए" उन्होंने व्हाइट का चयन किया।[14] जिम्बाब्वे ए के खिलाफ एक अभ्यास मैच में व्हाइट ने एक विकेट लिया, लेकिन इस दौरे में वह टेस्ट मैचों का पदार्पण नहीं कर पाए क्योंकि जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड और उनके बागी खिलाड़ियों के बीच विवाद के चलते इस दौरे को रद्द कर दिया गया। व्हाइट मानते हैं कि इस निर्णय की वजह से उन्होंने यह देखने का अवसर गवां दिया कि "सब कुछ कैसे होता है और अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच कैसे खेला जाता है".[15]
2003-04 के सत्र में पुरा कप की जीत में वे छाए रहे, इसमें फाइनल में क्विंसलैंड के खिलाफ 321 रन की जीत भी शामिल है जिसमें व्हाइट ने एक अर्द्ध शतक जमाया और पांच विकेट लिए। इस जीत के बाद विक्टोरिया के कप्तान बैरी ने पेशेवर क्रिकेट से सन्यास ले लिया और उनकी जगह 2004-05 में व्हाइट को टीम का कप्तान बनाया गया। व्हाइट अपनी नियुक्ति से खुश थे, उन्होंने कहा कि कप्तानी "मेरा सर्वश्रेष्ठ खेल बाहर लाती है और अतिरिक्त जिम्मेदारी मेरे लिए अच्छी है".[16] दिसंबर 2004 में, व्हाइट ने अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक बनाया, उन्होंने 119 रन बनाए जब क्वींसलैंड ने विक्टोरिया को फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर कर दिया। विक्टोरिया के लिए सातवें विकेट के लिए इयान हार्वे के साथ उनकी 205 रन की रिकॉर्ड साझेदारी[17] और सलामी बल्लेबाज जेसन अर्नबर्गर के 152 रन की मदद से विक्टोरिया अपनी दूसरी पारी 508/8 पर घोषित करने में सफल रहा। अच्छे गेंदबाजी प्रदर्शन के दम पर क्वींसलैंड को केवल 169 रन पर आउट कर विक्टोरिया ने "शानदार वापसी"[18] की। [19]
उनके करियर की शुरूआत में उनकी तुलना विक्टोरिया के उनके साथी शेन वार्न से की जाने लगी; दोनो गोरे थे, और दोनो लेग स्पिनर थे।[20] यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि वह वार्न के समान गेंद को नहीं घुमा सकते हैं, उनकी शैली को काफी हद तक अनिल कुंबले जैसा बताया गया।[21] 2004-05 सत्र के मध्य में, व्हाइट ने दौरे पर आए वेस्ट इंडीज और पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ए की तरफ से चार मैच खेले। तीन एकदिवसीय मैचों में उन्होंने दो अर्द्ध शतक जमाए एवं एक बार शून्य पर आउट हुए और व्हाइट ने अपने पहले ट्वेंटी-20 मुकाबले में 150 के स्ट्राइक रेट से नाबाद 58 रन बनाए। [22] विक्टोरिया की टीम ना तो पुरा कप के फाइनल में पहुंच सकी और ना ही आईएनजी कप के फाइनल में, लेकिन व्हाइट के खेल में सुधार पुनः महत्वपूर्ण थे; उनका प्रथम श्रेणी का औसत लगभग पिछले सत्र के समान ही रहा, लेकिन उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी और दोगुने से अधिक कर लिया, अब इस प्रारूप में उनका औसत 30 को पार कर चुका था।[23]
जनवरी 2005 के दौरान ऑस्ट्रेलिया ए के लिए उनकी प्रभावशाली फॉर्म के चलते, व्हाइट को ऑस्ट्रेलिया ए के सितंबर में होने वाले पाकिस्तान दौरे के लिए चुना गया। 2 चार-दिवसीय मैचों में चार विकेट लेने और बल्लेबाजी में 35.50 की औसत से रन बनाने के बाद, व्हाइट ने बाद में हुए एकदिवसीय मैचों में अपनी चमक बिखेरी. पहले मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, फिर दूसरे मैच में उन्होंने नाबाद 106 रन बनाए और तीसरे मैच में नाबाद 59 बनाए, साथ ही एक पुछल्ले बल्लेबाज का विकेट भी लिया।[24][25] अब तक विस्फोटक ऑलराउंडर के रूप में अपनी क्षमताएं प्रदर्शित कर चुके व्हाइट को अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण करने के लिए आईसीसी विश्व एकादश के खिलाफ आईसीसी सुपर सीरीज 2005 के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में चुना गया। विश्व एकादश के कप्तान शॉन पोलाक ने कहा कि उनके बल्लेबाज इस युवा लेग स्पिनर को लक्ष्य बनायेंगे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने कहा कि वे व्हाइट से गेंदबाजी करने की उम्मीद रखते हैं, क्योंकि व्हाइट ने "उनके खिलाफ विक्टोरिया के मैच में चीजों को अच्छी तरह संभाला था".[26] पहले दो मैचों में उन्हें सुपरसब के रूप में शामिल किया गया; वे केवल आईसीसी विश्व एकादश की पारी के दौरान ही मैदान पर दिखाई दिए और इसलिए वह बल्लेबाजी नहीं कर सके। वह पहले मैच में गेंदबाजी नहीं कर सके और दूसरे मैच में उन्होंने केवल तीन ओवर फेंके जिसमें उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। इन मैचों की आधिकारिक स्थिति पर विवाद को बावजूद सुपरसब के रूप में इन दो प्रदर्शनों को व्हाइट के पहले दो अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय (ओडीआई) मैच माना जाता है। उन्होंने तीसरे मैच में शुरूआत की लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पारी 293/5 पर समाप्त की और व्हाइट एक बार फिर बल्लेबाजी नहीं कर सके और ना ही उन्होंने विश्व एकादश की पारी के दौरान गेंदबाजी की। [27]
व्हाइट को चैपल-हैडली ट्रॉफी के पहले एकदिवसीय मैच में एक बार फिर गेंदबाजी सुपरसब बनाया गया, इस मैच में उन्होंने न्यूजीलैंड की पारी में काटिच का स्थान लिया। उन्होंने एक ओवर फेंका जिसमें बिना किसी विकेट के चार रन दिए। [28] दूसरा मैच से बाहर रहने के बाद, व्हाइट ने तीसरे मैच में वापसी की और इसमें उन्हें पहली बार बल्लेबाजी करने का अवसर मिला। वह क्रिस मार्टिन की पहली गेंद पर शून्य पर आउट हो गए। न्यूजीलैंड की पारी में, उन्होंने हामिश मार्शल को गेंदबाजी करते हुए अपना पहला बड़ा अंतर्राष्ट्रीय विकेट हासिल किया।[29]
2005-06 ऐसा पहला सत्र था जिसमें कि ट्वेंटी -20 क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में घरेलू रूप से खेला गया और व्हाइट ने अपनी विक्टोरिया टीम के साथ इस नए प्रारूप को सबसे तेजी से अपनाया. व्हाइट को टूर्नामेंट के पहले मैच में मैन ऑफ दी मैच का खिताब दिया गया, इसमें उन्होंने 32 गेदों पर 45 रन बनाए और एक विकेट लिया।[30] दूसरे मैच में व्हाइट ने दो विकेट लिए और दूसरी जीत के साथ विक्टोरिया फाइनल में स्थान बनाने में सफल रहा। [31] फाइनल में न्यू साउथ वेल्स का सामना करते हुए, व्हाइट ने 16 गेंदों में 46 रन जोड़े, उन्होंने हर बॉल पर लगभग तीन रन बनाए। गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 3/8 विकेट लिए, इस बेहतरीन प्रदर्शन के चलते न्यू साउथ वेल्स केवल 140 रन बना सका और विक्टोरिया ने चैंपियनशिप जीत ली। [32] इस टूर्नामेंट में व्हाइट ने 99 रन बनाए व ब्रेड हॉज[33] के बाद दूसरे स्थान पर रहे और 6 विकेट लेकर शेन हार्वुड[34] के बाद दूसरे स्थान पर रहे; ब्रेड हॉज और शेन हार्वुड उनके विक्टोरिया टीम के साथी थे।
अप्रैल 2006 में, व्हाइट काउंटी चैंपियनशिप के पहले मैच के लिए इंग्लिश काउंटी टीम समरसैट से जुड़े. जब ग्लूस्टरशायर ने समरसैट को फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर कर दिया तो व्हाइट ने पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अपने विक्टोरिया के साथी हार्वे की गेंद पर आउट होने से पहले 228 गेंदों में 172 रन की पारी खेली. इस पारी के बावजूद, समरसैट केवल 287 रन ही बना सका और इस मैच को पारी व सात रनों से हार गया।[35] दो हफ्ते बाद, 1 मई को, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की कि जेम्स हॉप्स और माइक लेविस सहित कैमरून व्हाइट का राष्ट्रीय अनुबंध अगले 12 वर्षों तक नवीकृत नहीं किया जाएगा.[36] जब समरसैट के कप्तान इयान ब्लैकवेल कमर की चोट से पीड़ित होकर तीन महीने खेल से बाहर रहे तो व्हाइट को उनके प्रतिस्थापक के तौर पर बुलाया गया।[37] चूंकि ऑस्ट्रेलिया की अंडर 19 टीम और विक्टोरिया के साथ अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ खेलते हुए उनके खेल में सुधार दिख रहा था। व्हाइट ने शेलटेन्हम एंड ग्लौसेस्टेर ट्राफी में ग्लामोर्गन के खिलाफ 50 ओवर के मैच में 109*[note 2] की पारी खेली, उसके तुरंत बाद बाद काउंटी चैंपियनशिप में वर्सटेसायर के खिलाफ 131* की पारी, दौरे पर आई श्रीलंका के खिलाफ अर्द्ध शतक और उसके बाद सरे के खिलाफ दूसरी पारी में व्हाइट ने 108 रन बनाए, यह सभी रन उन्होंने जून की पहले आधे महीने में बनाए।
ट्वेंटी -20 कप ने व्हाइट को खेल के इस छोटे प्रारूप में एक बार फिर अपना कौशल दिखाने का मौका दिया। व्हाइट को साथी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जस्टिन लेंगर ने समरसैट से जोड़ा और यह जोड़ी प्रतियोगिता में समरसैट के पहले मैच में दिखाई दी। पारी की शुरूआत में लेंगर ने 46 गेदों पर 90 रन बनाए लेकिन व्हाइट 116* रन बनाकर उनसे आगे निकल गए, उन्होंने यह रन आधी गेंदों में बनाए। ट्वेंटी -20 क्रिकेट में व्हाइट का यह पहला शतक था और उन्होंने अपने इस प्रदर्शन को जारी रखते हुए उन्होंने ग्लूस्टरशायर का दसवां विकेट झटका जिसके साथ उनकी टीम के 117 की जीत हासिल हुई। [38] सिर्फ दो हफ्ते बाद, व्हाइट ने अपने इस स्कोर को भी पीछे छोड़ दिया, उन्होंने वर्सटेसायर के खिलाफ ट्वेंटी -20 क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर 141* बनाया। [39] 70 गेदों में उनके द्वारा बनाए गए इन रनों ने, ट्वेंटी -20 क्रिकेट का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जिसे दो वर्ष बाद ब्रैंडम मैकुलम ने तोड़ा.[40] इस प्रतियोगिता में उनका औसत सबसे अधिक रहा और 403 रन के साथ वह केवल अपने साथी खिलाड़ी जस्टिन लेंगर, 464 रन और लिस्टर्सायर के बल्लेबाज हल्टन अकर्मैन, 409 रन, से पीछे रहे। [41]
अगस्त में, सोमरसेट के प्रदर्शन में भारी गिरावट आई, व्हाइट ने काउंटी चैंपियनशिप में एक के बाद एक चौथी पारियों में शतक जमाए लेकिन वे अपनी टीम को हार से नहीं बचा सके। सबसे पहले, उन्होंने एसेक्स के खिलाफ 111 रन बनाए[42] और उसके एक सप्ताह बाद उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की चौथी पारी में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर 260 रन बनाए और समरसैट की पारी के अंत तक नाबाद रहे, इस मैच में डर्बेसायर ने समरसैट को पहली बार अपनी जमीन पर हराया.[43] समरसेट के काउंटी चैम्पियनशिप के दो डिवीजन में सबसे नीचे रहने के बावजूद, उस समय यह सत्र व्हाइट के करियर सबसे सफल क्रिकेट सत्र रहा। इसमें उन्होंने अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया और 60 के बल्लेबाजी औसत के साथ पांच प्रथम श्रेणी शतक जमे और उनका एकदिवसीय बल्लेबाजी औसत 40 के पार पहुंच गया।
2006-07 के ऑस्ट्रेलियाई घरेलू सत्र में मजबूत शुरूआत, उदाहरण के तौर पर पुरा कप में तस्मानिया के खिलाफ 150* रन और फोर्ड रेंजर कप (पहले आईएनजी कप) में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ 126* रन, की वजह से व्हाइट को ऑस्ट्रेलिया की एकदिवसीय टीम में फिर से बुलाया गया। मुख्य चयनकर्ता एंड्रयू हिडिच ने "बल्लेबाजी में अच्छी फॉर्म और गेंदबाजी में उनके कुछ अच्छे प्रदर्शनों" की तारीफ करते हुए उन्हें टीम में शामिल किए जाने की व्याख्या की। [44] एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार दी एज को दिए साक्षात्कार में व्हाइट ने अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में लौटने पर राहत महसूस करने की बात कही, उन्होंने कहा कि " मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि मुझे एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर के तौर पर चुना गया है या गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर, या फिर केवल एक बल्लेबाज या गेंदबाज के तौर पर, मैं बस टीम में बना रहना चाहता हूं."[45] इंग्लैंड के खिलाफ एक अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी -20 मैच में व्हाइट को मैन ऑफ दी मैच चुना गया, इस मैच में उन्होंने 20 गेंदों में 40* रन बनाए और 11 रन देकर एक विकेट लिया।[46] अपनी अगली बल्लेबाजी पारी में व्हाइट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 45 रन बनाए जिसमें 3 छक्के शामिल थे, उनके साथी एंड्रयू साइमंड्स ने गेंद को मारने की उनकी क्षमता की तारीफ की, उन्होंने कहा कि "जब आपको लगता है कि दूसरे छोर से रन बन रहे हैं, तो इससे मेरे लिए खेलना और आसान हो जाता है।"[47] बल्लेबाजी में उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद व्हाइट की गेंदबाजी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पा रही थी। इस कारण से, व इसके साथ ब्रेड हॉज की बेहतर फॉर्म के कारण और गेंदबाजी में योग्यता के चलते ब्रेड हॉग और शेन वाटसन[48] का चयन होने के कारण उन्हें कॉमनवेल्थ बैंक श्रृंखला के फाइनल और विश्व कप के लिए चुनी गई टीम में जगह नहीं दी गई।[49]
विश्व कप की टीम में शामिल ना किए जाने के बावजूद व्हाइट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ चैपल-हैडली श्रृंखला के सभी तीन मैच खेले। इसकी वजह यह थी क्योंकि कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी विश्व को देखते हुए आराम कर रहे थे या चोटिल थे। कार्यवाहक कप्तान माइकल हसी ने पूरी श्रृंखला के दौरान उनसे केवल तीन ओवर गेंदबाजी करवाई, ये तीनों ओवर उन्होंने दूसरे मैच में फेंके, जिनमें उन्होंने 10 रन प्रति ओवर के हिसाब से रन दिए और काफी मंहगे साबित हुए. इस मैच में उन्होंने तेजी से 42* रन बनाए जिनमें छः चौके और तीन छक्के शामिल थे।[50] अन्य दो मैचों में वह कुछ कम प्रभावी रहे, दोनों मौकों पर उन्होंने 13 रन बनाए।
व्हाइट ने फोर्ड रेंजर कप के फाइनल में विक्टोरिया की टीम कप्तानी करने के लिए घरेलू क्रिकेट में वापसी की, इस मैच में वे क्वींसलैंड से 21 रन से हार गए।[51] पुरा कप के दो मैचों में उन्होंने दो विकेट लिए और 96 रन बनाए और इसके बाद इंग्लैंड में अपना पहले मैच खेलने से पहले उन्होंने एक महीने का ब्रेक लिया, जहां उन्होंने दूसरे सत्र के लिए समरसैट में वापसी की। आते ही उन्होंने रनों की बारिश कर दी और समरसैट तथा मिडिलसेक्स के बीच खेले गए मुकाबले में शतक जमाने वाले आठ बल्लेबाजों में से एक बन गए। समरसैट में वापसी कर रहे उनके ऑस्ट्रेलियाई साथी लेंगर ने 315 रन बनाए और व्हाइ़ट ने 114 रन की पारी खेली जिसकी मदद से समरसैट अपनी पारी 850/7 पर घोषित करने में सफल रहा। [52] व्हाइट ने महीने के अंत तक तीन अर्द्ध शतक और जमाए और मई के पहले मैच, जिसमें समरसैट का मुकाबला ड्रेबश्राइन से था, में चार शतक जमाने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों में व्हाइट भी शामिल थे।[53] ग्लूस्टरशायर के खिलाफ मुकाबले में भी उन्होंने, विकटों के गिरते रहने पर भी धैर्य पूर्वक रन बनाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, उन्होंने समरसैट की पहली पारी में 241 रन बनाए; इस पारी में अन्य बल्लेबाजों में केवल जेम्स हिल्डर्थ ही ऐसे बल्लेबाज थे जिसने 50 से अधिक रन बनाए। [54] काउंटी चैंपियनशिप में व्हाइट ने दूसरी बार 1000 से अधिक रन बनाए और बल्लेबाजी में उनका औसत 70 का रहा जिसकी वजह से समरसैट की डिवीजन टू से पदोन्नति कर दी गयी; यह प्रदर्शन पिछले सत्र की अपेक्षा काफी बेहतर था जिसमें समरसेट अंतिम स्थान पर रहा था और इस प्रदर्शन के कारण उन्होंने प्रतियोगिता का वुडेन स्पून पुरस्कार जीता। इस सत्र में व्हाइट की गेंदबाजी में भी सुधार हुआ, इसमें उन्होंने 32.75 की औसत से 20 प्रथम श्रेणी विकेट लिए, जो घरेलू सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस सत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन करने के बावजूद, काउंटी के साथ उनका अनुबंध नवीकृत नहीं हो सका क्योंकि 2008 सत्र के लिए इंग्लिश काउंटीयों ने केवल एक विदेशी खिलाड़ी को खेलने की अनुमति दी और समरसैट ने अपने कप्तान जस्टिन लेंगर को अपने साथ रखना बेहतर समझा. समरसैट के क्रिकेट निदेशक ब्रायन रोज ने व्हाइट को श्रद्धांजलि देते हुए कहा "नए नियमों के कारण केवल एक विदेशी खिलाड़ी का चुनाव करना बहुत कठिन है क्योंकि व्हाइट ने भी हमारे लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया है।"[55]
व्हाइट की अच्छी फॉर्म के कारण उन्हें एक बार ऑस्ट्रेलिया ए की तरफ से पाकिस्तान के दौरे पर जाने का मौका मिला, लेकिन इस श्रृंखला में वे केवल दो विकेट ही ले सके जो एक प्रथम श्रेणी मैच में मिले और थोड़े बहुत रन बना सके। [56][57] ऑस्ट्रेलियाई घरेलू सत्र के दो महिनों के दौरान, व्हाइट को एक मैच में क्वींसलैंड के गेंदबाज ली कार्सेलडाइन के साथ टकराने की वजह से रिटायर हर्ट होने के लिए मजबूर होना पड़ा और मैच के बाद पता चला की उनके पैर में फैक्चर हो गया है।[58] वह सत्र की शुरूआत से ही चोटिल थे और इस टक्कर ने उनके खेल पर पूरी तरह रोक लगा दी, इसकी वजह से व्हाइट को छः हफ्तों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. व्हाइट ने स्वीकार किया कि इस चोट ने निश्चित रूप से गर्मियों में राष्ट्रीय टीम के साथ खलने की संभावनाओं को समाप्त कर दिया है।[59] व्हाइट ने जनवरी की शुरूआत में वापसी की, उन्होंने ट्वेंटी 20 टूर्नामेंट के अंतिम तीन मैचों में हिस्सा लिया; इन मैचों में फाइनल भी शामिल है जिसमें विक्टोरिया को 32 रन से जीत हासिल हुई हालांकि व्हाइट आठ गेंद में केवल एक रन ही बना पाए.[60] लगातार दूसरे सत्र में व्हाइट को प्रधानमंत्री एकादश का कप्तान बनाया गया और 50 ओवर के मुकाबले में उन्होंने श्रीलंका के दो विकेट झटके.[61] व्हाइट की कप्तानी में विक्टोरिया की टीम पुरा कप और फोर्ड रेंजर कप के फाइनल में पहुंची, लेकिन वे क्रमशः न्यू साउथ वेल्स और तस्मानिया से दोनो मुकाबले हार गए।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के उद्घाटन सत्र के लिए लगी बोली में विश्व क्रिकेट की अधिकांश प्रतिभाएं एक पूर्णतया सार्वजनिक मंच पर बेची और खरीदी गईं। इस बोली में शामिल तेरह ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के लिए यह काफी अचम्भे की बात थी क्योंकि उनके राष्ट्रीय अनुबंधों के मूल्यों को काफी गोपनीय रखा जाता था। व्हाइट को अंततः रॉयल चैलेंजरर्स बैंगलोर ने $500,000 में खरीदा, यह राशि शेन वार्न को मिली राशि से $50,000 अधिक थी और रिकी पॉन्टिंग, मैथ्यू हेडन और माइकल हसी की कीमत से भी अधिक थी।[62] इस मामले में इस कारण से स्पष्ट विसंगति थी कि अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के चलते ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट खिलाड़ी टूर्नामेंट के पहले दो वर्षों के अधिकतर मैचों में हिस्सा ना ले पाएं. बैंगलोर के 'आइकन' खिलाड़ी, राहुल द्रविड़, ने व्हाइट के बारे में कहा "व्हाइट काफी रोमांचक ट्वेंटी 20 खिलाड़ी हैं और उनका ऑस्ट्रेलिया में उनका घरेलू रिकॉर्ड (दो ट्वेंटी 20 शतक) अदभुत है।[63] अपनी ऊंची कीमत के बावजूद व्हाइट ने अपने इकलौते आईपीएल सत्र में काफी निराशा जनक प्रदर्शन किया। व्हाइट ने टूर्नामेंट में 114 रन बनाए जो उनके ऑस्ट्रेलियाई साथी और प्रतियोगिता के सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी शॉन मार्श से 500 रन कम थे।[64]
व्हाइट को 2008 के वेस्ट इंडीज दौरे के लिए ऑस्ट्रेलियाई एकदिवसीय और ट्वेंटी -20 टीम में वापस बुलाया गया।[65] उन्होनें बारिश के कारण केवल 11 ओवर तक हुए ट्वेंटी -20 मैच में 6 गेंदों पर 10 रन बनाए और वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर एकादश के खिलाफ 50 ओवर के मैच में 34 रन बनाए लेकिन गेंदबाजी में वे अपने आठ ओवरों में कोई विकेट विकेट नहीं ले सके.[66] अपने कैरियर के इस स्तर तक, व्हाइट को आम तौर पर एक मध्यम क्रम की बल्लेबाज माना जाता था जो थोड़ी बहुत गेंदबाजी करता था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पॉन्टिंग ने टीम में उनका स्थान एक मुख्य स्पिनर के रूप में देखा. "व्हाइट को इस दौरे पर स्पष्ट रूप से एक स्पिनर के रूप में चुना गया था। हमें बस उन्हें विभिन्न स्थितियों से परिचित कराने और उन पर थोड़ा और दबाव डालने की जरूरत थी। उम्मीद है कि वह सीरीज के दौरान हमारे लिए एक बड़ी भूमिका निभाएंगे."[67] पॉन्टिंग की इस टिप्पणी के विपरीत, उन्होंने व्हाइट को पहले एकदिवसीय मैच में चौथे गेंदबाजी परिवर्तन के रूप में प्रयोग किया, इससे पहले उन्होंने बाएं हाथ के धीमी गति के स्पिनर माइकल क्लार्क से बॉलिंग करवायी.[68] व्हाइट ने बिना किसी सफलता के अपने छः ओवरों में 32 रन दिए और दूसरे मैच में उन्हें गेदबाजी करने का मौका नहीं मिला जिसमें क्लार्क को अर्द्धशतक और तीन विकेट के लिए मैन ऑफ दी मैच का पुरस्कार मिला। हालांकि व्हाइट ने तेजी से 40* रन बनाए, अंतिम तीन एकदिवसीय मैचों के लिए एंड्रयू साइमंड्स की वापसी के बाद व्हाइट को दोबारा टीम से बाहर रहना पड़ा.[69]
साइमंड्स की अनुपस्थिति के कारण व्हाइट को एकदिवसीय टीम में दोबारा शामिल होने का अवसर मिला, जिन्हें बांग्लादेश के खिलाफ 2008-09 की सीरिज से घर वापस भेज गया क्योंकि वे टीम बैठक छोड़कर मछली पकड़ने चले गये थे।[70] हालांकि कार्यवाहक कप्तान क्लार्क ने भी पॉन्टिंग की तरह स्वयं ही विक्टोरिया के इस कप्तान से पहले गेंदबाजी करना बेहतर समझा, व्हाइट ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांच रन देकर तीन विकेट लिए और इसके लिए उन्होंने केवल 10 गेंद फेंकी.[71] मैच के बाद, व्हाइट ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने साबित करना था कि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के दबावों से निपट सकते हैं, लेकिन वे उत्साहित थे, उन्होंने कहा “कुछ विकेट लेना अच्छा होता लेकिन लगातार कुछ ओवर ऑर बॉलिंग करना और अच्छा हो सकता है।”[70] उन्होनें दूसरे मैच में दो और विकेट लिए, जिसके बाद तीसरे मैंच में उन्हें गेंदबाजी करने की आवश्यकता नहीं पड़ी, इस श्रृंखला में उनका औसत 10 के नीचे रहा। [72]
उन्हें भारत में हुई त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए न्यूजीलैंड ए और भारत ए के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ए के कप्तान के रूप में चुना गया। कप्तानी ने व्हाइट को बहुत से ओवर करने का अवसर दिया, इस प्रतियोगिता में उन्होंने कुल 30 ओवर गेंदबाजी की और आठ विकेट लिए, वह पीयूष चावला के बाद दूसरे स्थान पर रहे। [73] उन्होंने पांचवे सबसे अधिक बल्लेबाजी औसत के साथ टीम को पाइनल[74] में पहुंचा कर अपने ऑलराउंडर कौशल का प्रदर्शन कि जहां उन्होंने 156 रन से भारत 'ए' को हराया.[75]
जब भारत के दौरे से साइमंड्स के अनुशासनात्मक मुद्दों के कारण हटा दिया गया, तो व्हाइट के विक्टोरिया के कोच ग्रेग शेफर्ड ने दावा किया कि शेन वाटसन के स्थान पर यह लेग स्पिनर “साइमंड्स का आक्रमक स्थान लेने के लिए आदर्श है- वह एक अच्छा काउंटर-पंचर है”.[76] जब विक्टोरिया के उनके लेग स्पिनर साथी ब्रेस मैकगेन को चोट के चलते दौरा छोड़ना पड़ा, तो व्हाइट को टेस्ट टीम में लिया गया, जो शेफर्ड के अनुसार इसके हकदार थे, हालांकि उनका चयन एक विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में हुआ था। बाद में दौरे पर गए एक अन्य स्पिनर जेसन क्रेजा, बोर्ड अध्यक्ष XI के खिलाफ एक मैच में बिना विकेट लिए 199 रन दिए, तो व्हाइट को एक सुरक्षित विकल्प माना गया, हालांकि मैच के बाद सार्वजनिक रूप पॉन्टिंग ने क्रेजा का समर्थन किया।[77] पॉन्टिंग स्पष्ट झुकाव के बावजूद, व्हाइट को चुना गया और वह टेस्ट कैप पहनने वाले 402 वें खिलाड़ी बने। ज्यादातर बल्लेबाज के रूप में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के बावजूद उनका चुनाव आठ नंबर के बल्लेबाज के रूप में हुआ, यह स्थान आमतौर पर एक गेदबाज का होता है।
पहले टेस्ट के अन्त में, जिसमें व्हाइट सचिन तेंदुलकर का अहम विकेट लिया, पॉन्टिंग ने कहा "वे अचानक आते हैं और अपनी गेंदबाजी से बांध देते हैं। जो उन्होंने किया है इससे शायद उसने मेरी उम्मीदों को बढ़ा दिया है हालांकि वे विकेट नहीं ले पाए.”[78] व्हाइट ने दूसरे टेस्ट में अपनी वापसी को और सुधारा, इसमें उन्होंने तीन विकेट लिए, लेकिन आखिरी दो मैचों में वे केवल एक विकेट ले पाए. हालांकि सार्वजनिक रूप से पॉन्टिंग, व्हाइट की सराहना करते रहे, लेकिन फिर भी उन्होंने पूरी श्रृंखला में व्हाइट से ज्यादा अपने कामचलाऊ स्पिनर क्लार्क से बॉलिंग करवाई. व्हाइट ने इस दौरे पर पांच विकेट लिए और उनका गेदबाजी औसत लगभग 70 रहा और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट टीम साइमंड्स का नाम आने से व्हाइट के लिए टीम में कोई नहीं जगह बची.[79]
हांलाकि न्यूजीलैण्ड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम के शामिल ना होने का बावजूद व्हाइट को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू एकदिवसीय और ट्वेंटी -20 मुकाबलों के लिए टीम के लिए चुना गया और उन्होंने कहा "यह जानना अच्छा एहसास था का आप अभी भी टीम में हैं".[80] व्हाइट ने ट्वेंटी -20 में अपनी अधिक परचिलित भूमिका अदा करी, मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते हुए और पहले मैच में 7 रन बनाकर निराश करने के बाद, उन्होंने दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी अफ्रीका की पहुंच से बाहर रखने के लिए 18 गेंदों में 40 नाबाद रन बनाये। [81] उनकी एकदिवसीय श्रृंखला स्थिर रही, जिसमें उन्हें फिर से एक मध्यम क्रम के बल्लेबाज और कामचलाऊ स्पिनर के रूप में इस्तेमाल किया गया। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ एक दिवसीय श्रृंखला के लिए अपना स्थान बनाए रखा लेकिन उनकी भागीदारी सीमित रही, उन्होंने अपनी दो पारियों में 27 रन बनाये[82] हालांकि उन्होनें अपनी सात ओवर की गेंदबाजी में दो विकेट लिए। [83]
टेस्ट टीम में उनकी कम भागीदारी होने से उन्हें फोर्ड रेंजर कप के फाइनल विक्टोरिया की डूबती नैया की कप्तानी करने का मौका मिला, जिसमें वे 12 रन के बहुत कम अंतर से क्वींसलैंड से हार गए।[84] तस्मानिया और क्वींसलैंड के खिलाफ ड्रा के कारण क्वींसलैंड और विक्टोरिया बीच एक और फाइनल हुआ, इस बार यह मुकाबला शेफील्ड शील्ड (पहले पुरा कप) में हुआ। व्हाइट को वर्ष 2003-04 के बाद पहली चैंपियनशिप जीत में अहम भूमिका निभाने के लिए मैन ऑफ दी मैच चुना गया, उन्होंने 135 और 61 रन बनाए जिसने क्वींसलैंड को खेल से पूरी तरह बाहर कर दिया। [85]
व्हाइट दक्षिण अफ्रीका में दो ट्वेंटी -20 मैचों के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम में बने रहे, लेकिन उन्होंने एकदिवसीय मैचों में भाग नहीं लिया और बाद में उन्हें आईसीसी विश्व ट्वेंटी 20 के लिए भी टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया। यद्यपि, बाद में सायमंड्स को 'एक शराब से संबंधित घटना', के चलते घर वापस भेजने के कारण उनकी जगह व्हाइट को बुलाया गया।[86] ऑस्ट्रेलिया प्रतियोगिता से समूह चरण में ही बाहर हो गया और इसके दोनो मैचों में व्हाइट ने भाग नहीं लिया, आस्ट्रेलिया के क्रिकइन्फो ब्राइडॉन कवरडेल ने बुरी तरह से फटकार लगाते हुए कहा कि "जो खिलाड़ी टेस्ट और एक दिवसीय खेलते हैं वे तीन घंटे के खेल में भी वैसा ही प्रदर्शन कर सकते हैं"[87]व्हाइट पाकिस्तान के खिलाफ ए टीम के कप्तान के रूप में ऑस्ट्रेलिया वापस लौट आए और बल्ले के साथ अच्छा प्रदर्शन दिखाते हुए, उन्होनें ट्वेंटी- 20 मैच में 73 रन बनाए। [88]
इंग्लैंड के दौरे और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए एक दिवसीय टीम में चुने जाने के बाद, टीम में अब व्हाइट भूमिका एक बल्लेबाज की थी। इंग्लैंड में बारिश से बाधित ट्वेंटी -20 मैच में, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी -20 में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर 55 बनाया और पिच की बुरी स्थिति का सामना करने वाले अकेले खिलाड़ी रहे। [89] एकदिवसीय श्रृंखला में, व्हाइट ने पॉन्टिंग की अनुपस्थिति में नंबर तीन पर बल्लेबाजी की और तीसरे मैच में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाने से पहले शुरूआती दो मैचों में 53 और 42 रन बनाए। पॉन्टिंग की वापसी से पहले उनके आखिरी मैच में 105 गेंदों पर बनाए गए 124 रनों की बदौलत उन्हें मैन ऑफ दी मैच चुना गया, पॉन्टिंग की वापसी पर उन्हें वापस बल्लेबाजी क्रम में नीचे भेज दिया गया।[90] उन्होंने श्रृंखला के शेष चार मैचों में छठे नंबर पर बल्लेबाजी की, लेकिन एकदिवसीय श्रृंखला में वह ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। [91]
व्हाइट ऑस्ट्रेलिया की 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी की जीत में हमेशा मौजूद रहे, फाइनल में उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जहां चार नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ धैर्यपूर्वक 62 रन बनाए जिसकी मदद से ऑस्ट्रेलिया 6/2 की बुरी स्थिति से वापसी करने में सफल रहा और छः विकेट से जीता। [92] उसके बाद भारत के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में माइकल क्लार्क और ब्रैड हाडिन के घायल होने के कारण व्हाइट नंबर चार पर खेलते रहे और उन्होंने तीन अर्द्धशतक जमाए जिसमें 33 गेंदों पर बनाए अदभुत 57 रन भी शामिल है, इस पारी में व्हाइट ने 5 छक्के लगाए थे।[93] अपने शुरूआती करियर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के अंदर-बाहर होने के बाद व्हाइट ने कहा “मुझे लगता है कि मेरी सर्वश्रेष्ठ जगह ऊपरी क्रम में है जहां मैं पहले से खेलता रहा हूं”[94], उस वर्ष इंग्लैंड के खिलाफ खेलने के लिए बुलाए जाने के बाद की 18 पारियों में 41.71 का उनका औसत इस बात का समर्थन करता है।[94] बल्ले के साथ अधिक जिम्मेदारी ने गेंद के साथ उनकी कम जिम्मेदारी को संतुलित कर दिया था; 2009 के पूरे सत्र में, एकदिवसीय मैचों में उन्होंने केवल तीन गेंद फेंकी.[95]
अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी-20 क्रिकेट से रिकी पॉन्टिंग के सन्यास को लेकर, बहुत से लोगों ने व्हाइट को कप्तान बनाए जाने की बात कही, इनमें सबसे आगे विक्टोरिया के उनके कोच ग्रेग शेफर्ड थे। इन सब बातों के बावजूद, व्हाइट ने उपकप्ता माइकल क्लार्क को कप्तान बनाए जाने की बात का समर्थन किया।[96] अंतत व्हाइट को क्लार्क का उप कप्तान बनाया गया, यद्यपि क्लार्क की चोट और ट्वेंटी 20 क्रिकेट में उनकी खराब फॉर्म के चलते लगातार ये कहा जाता रहा कि व्हाइट को कप्तान बना देना चाहिए, लेकिन फिर भी व्हाइट ने क्लार्क का साथ दिया, उन्होंने कहा “माइकल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मैं आगे उनके साथ काम करते रहना चाहूंगा. मैं अभी भी इस काम के लिए बहुत छोटा हूं और साथ ही इस स्तर पर काफी अनुभवहीन हूं, इसलिए मुझे लगता है कि मैं उनसे काफी कुछ सीख सकता हूं.[97]
पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में क्लार्क के एक दिवसीय टीम में वापस आने पर व्हाइट को एकबार फिर क्रम में नीचे जाना पड़ा, यद्यपि नंबर पांच पर बल्लेबाजी करते हुए पहले मैच में उन्होंने अपना दूसरा अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाया, व्हाइट ने 88 गेंदो पर 105 रन बनाकर जीत जात हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद की.[98] श्रृंखला में व्हाइट ने बल्ले से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया, दूसरे मैच में उन्होंने अर्द्धशतक बनाया और अन्य मैचों की तुलना में ऑस्ट्रेलिया को अच्छे योग तक पहुंचाया; इस श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया ने 5–0 से क्लीन स्वीप किया।
जब अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी-20 से माइकल क्लार्क ने सन्यास ले लिया, तब व्हाइट को 2010-11 की एशेज श्रृंखला के बाद इंग्लैंड के खिलाफ 2 मैच की अंतर्राष्ट्रीय ट्वंटी-20 सीरीज के लिए कप्तान बनाया गया।
चौथे सत्र में, व्हाइट को डेक्कन चार्जर्स ने $1.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदा.
संख्या | स्कोर | विपक्ष | पारी में स्थान | पारियां | एस/आर | स्थान | एच/ए/एन | तिथि | परिणाम | ||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | 53 | इंग्लैण्ड | 3 | 1 | 74.64 | ओवल, लंदन | बाहरी | 4 सितम्बर 2009 | जीत[99] | ||
2 | 105 | इंग्लैण्ड | 3 | 2 | 84.67 | रोज़ बाउल, साउथेम्प्टन | बाहरी | 9 सितम्बर 2009 | जीत[100] | ||
3 | 62 | न्यूज़ीलैंड | 4 | 2 | 60.78 | सुपरस्पोर्ट पार्क, सेंचुरियन | तटस्थ | 5 अक्टूबर 2009 | जीत[101] | ||
4 | 51 | भारत | 4 | 1 | 75.00 | रिलायंस स्टेडियम, वडोदरा | बाहरी | 25 अक्टूबर 2009 | जीत[102] | ||
5 | 62 | भारत | 4 | 1 | 87.32 | पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, मोहाली | बाहरी | 2 नवम्बर 2009 | जीत[103] | ||
6 | 57 | भारत | 4 | 1 | 172.72 | राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम, हैदराबाद | बाहरी | 5 नवम्बर 2009 | जीत[104] | ||
7 | 105 | पाकिस्तान | 5 | 2 | 119.31 | गाब्बा, ब्रिस्बेन | घरेलू | 22 जनवरी 2010 | जीत[105] | ||
8 | 55 | पाकिस्तान | 5 | 1 | 94.82 | सिडनी क्रिकेट ग्राउंड, सिडनी | घरेलू | 24 जनवरी 2010 | जीत[106] | ||
9 | 63 | वेस्ट इंडीज़ | 4 | 1 | 80.76 | गाब्बा, ब्रिस्बेन | घरेलू | 14 फ़रवरी 2010 | जीत[107] | ||
10 | 54 | न्यूज़ीलैंड | 5 | 1 | 90.00 | ईडन पार्क, ऑकलैंड | बाहरी | 6 मार्च 2010 | जीत[108] | ||
11 | 50* | न्यूज़ीलैंड | 4 | 2 | 87.71 | ईडन पार्क, ऑकलैंड | बाहरी | 11 मार्च 2010 | जीत[109] | ||
12 | 86* | इंग्लैण्ड | 5 | 1 | 87.75 | सोफिया गार्डन, कार्डिफ | बाहरी | 24 जून 2010 | हार[110] | ||
13 | 89* | भारत | 5 | 1 | 181.63 | एसीए-वीडीसीए स्टेडियम, विशाखापट्टनम | बाहरी | 20 अक्टूबर 2010 | हार[111] |
संख्या | स्कोर | विपक्ष | पारी में स्थान | पारियां | एस/आर | स्थान | एच/ए/एन | तिथि | परिणाम | ||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | 55 | इंग्लैण्ड | 5 | 1 | 152.77 | ओल्ड ट्रेफोर्ड, मैनचेस्टर | बाहरी | 30 अगस्त 2009 | कोई परिणाम नहीं[99] | ||
2 | 64* | न्यूज़ीलैंड | 5 | 2 | 246.15 | एएमआई स्टेडियम, क्राइस्टचर्च | बाहरी | 28 फ़रवरी 2010 | बराबरी[100] | ||
3 | 85* | श्रीलंका | 6 | 1 | 173.46 | केंसिंग्टन ओवल, ब्रिजटाउन | तटस्थ | 9 मई 2010 | जीत[101] |
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पूर्वाधिकारी Michael Clarke |
Australian national cricket captain (T20I) 2011 - Present |
उत्तराधिकारी Incumbent |
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