क्या हुआ तेरा वादा

क्या हुआ तेरा वादा
क्या हुआ तेरा वादा का शीर्षक
शैलीनाटक
निर्माणकर्ताएकता कपूर
लेखककहानी
सोनाली जाफ़र
पटकथा
दिलीप झ, अर्चिता बिस्वास झ, दामिनी शेट्टी, विनोद रंगनाथन और नदिनी अरोड़ा
संवाद
धीरज सरना
निर्देशकरवीन्द्र गौतम, मुजम्मिल देसाई, नवनीत बज सैनी, पार्थो मित्रा और रमिंदर सिंह सूरी
अभिनीतनीचे देखें
थीम संगीत रचैयताललित सेन
प्रारंभ विषयक्या हुआ तेरा वादा
मूल देशभारत
मूल भाषा(एँ)हिन्दी
सीजन की सं.1
एपिसोड की सं.276
उत्पादन
निर्माताएकता कपूर
शोभा कपूर
उत्पादन स्थानमुंबई, महाराष्ट्र, भारत
छायांकनदीपक मलवांकर
संपादकविकास शर्मा
विशाल शर्मा
कैमरा स्थापनबहू-कैमरा
प्रसारण अवधिलगभग 24 मिनट
उत्पादन कंपनीबालाजी टेलीफिल्म्स
मूल प्रसारण
नेटवर्कसोनी
प्रसारण30 जनवरी 2012 –
23 मई 2013

क्या हुआ तेरा वादा एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है। जिसका प्रसारण सोनी पर 30 जनवरी 2012 से 23 मई 2013 तक हुआ। इसके निर्देशन रवीन्द्र गौतम, मुजम्मिल देसाई, नवनीत बज सैनी, पार्थो मित्रा और रमिंदर सिंह सूरी ने किया है। इसका निर्माण एकता कपूर और शोभा कपूर ने किया है।[1]

यह कहानी प्रदीप सिंह (पवन शंकर) और मोना सिंह (मोना सिंह) की है। जो मुंबई में रहते हैं। जिनके तीन बच्चे बुलबुल, रानों और राजबीर रहता है। वह एक दूसरे के लिए समय निकालने की हमेशा कोशिश करते रहते हैं। लेकिन उनके बच्चों के कारण कोई समय नहीं निकल पाता है। प्रदीप एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी में काम करता है और मोना एक घर में रहती है। कहानी उनके विवाह के 12 वर्ष के बाद में पहुँचता है।

दोनों के मध्य दूरियाँ तब अधिक हो जाती है, जब उसके कंपनी में अनुष्का (मौली गांगुली) आती है। प्रदीप अपने शादी से पहले अनुष्का से प्यार करता था। लेकिन उसके घर वालों ने उसकी शादी मोना से कर दी। लेकिन जब यह बात मोना को पता चलती है तो दोनों में झगड़ा हो जाता है। प्रदीप घर छोड़कर चला जाता है और उससे तलाक मांगता है।

लेकिन घर में केवल प्रदीप ही नौकरी करता था। इस लिए मोना भी घर चलाने के लिए नौकरी ढूंढती है। उसे विनीत राइज़दा के कंपनी में नौकरी मिल जाती है। जो अनुष्का के कंपनी से जुड़ जाता है। इसके बाद अनुष्का मोना के लिए परेशानी खड़ी करने लगती है। लेकिन मोना सभी परेशानी को हल कर लेती है। वह भी अनुष्का की तरह कंपनी की अध्यक्ष बन जाती है। इसी दौरान प्रदीप को एहसास होता है कि वह मोना से प्यार करता है। वह उसे दूसरा मौका देना चाहता है। लेकिन मोना नहीं मानती है। उसी दौरान मोना को जतिन चोपड़ा (हितेन तेजवानी) जो प्रदीप के पिता का मित्र है। लेकिन मोना नहीं मानती है। विनीत मोना से प्यार करने लगता है और वह उससे इस बारे में बात करता है। मोना कहती है कि वह अभी इसके लिए तैयार नहीं है। इसके बाद मोना और प्रदीप में तलाक की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। इसी दौरान मोना के दादाजी को हृदयघात होता है। वह मोना और विनीत से शादी के लिए कहते हैं। यह बात सुनकर प्रदीप अनुष्का से शादी करने की बात कहता है। अनुष्का मोना और विनीत के मध्य गलत फहमी पैदा करने की कोशिश करती है। लेकिन असफल हो जाती है।

इसी दौरान एक अनजान व्यक्ति शौर्य मित्रा (चेतन हंसराज) उन लोगों के जीवन में आता है। यह पता चलता है कि वह अनुष्का का पुराना पति है। लेकिन वह बाद में अनुष्का से पैसे की माँग करता है। वह उससे कहता है कि यदि तुमने मुझे पैसे नहीं दिये तो यह सच सभी को बता दूंगा। इसके बाद अनुष्का कंपनी से पैसे चुराने की कोशिश करती है। जिसमें वह नाकाम हो जाती है। वह अब प्रदीप के पिता, जिसने मोना के शादी के लिए पैसे रखे थे। उसे चुराती है। लेकिन पकड़े जाने पर यह आरोप शौर्य पर लगा देती है।

इसके बाद वह अपने जायदाद को 1 करोड़ में बेच देती है और उससे शादी के सबूत को ले लेती है। लेकिन सौर्य के पास उसका और भी नकल था। जिससे वह इसे प्रदीप को देने वाला था। इसी दौरान यह बात अनुष्का को पता चल जाती है और वह उसे मार देती है। इसी दौरान प्रदीप नशे की हालात में वहाँ आता है। पुलिस उसे ही हत्यारा समझ कर गिरफ्तार कर लेती है। इसी रात मोना और विनीत की शादी होने वाली रहती है। लेकिन जब मोना को यह पता चलता है तो वह शादी छोड़ कर प्रदीप को बचाने के लिए चले जाती है। वह पुलिस को बताती है कि उस रात प्रदीप उसके साथ था। इससे प्रदीप बच जाता है। वह अनुष्का से कहता है अब वह उससे शादी नहीं करेगा।

मोना प्रदीप के घर रहती है जब तक की प्रदीप बेगुनाह साबित न हो जाये। अनुष्का विनीत के मन में यह बात लाती है कि प्रदीप और मोना एक दूसरे के करीब आते जा रहे हैं। अनुष्का का गोद लिया हुआ भाई तरुण (रौनक आहूजा) प्रदीप की बहन तानी (प्रिय चौहान) से प्यार करने लगता है। वह दोनों शादी करने की सोचते हैं। तभी मोना को शौर्य और अनुष्का के शादी का सबूत मिलता है। वह न्यायालय में यह साबित कर देती है कि अनुष्का शौर्य की पत्नी थी। इसी के साथ वह प्रदीप को बेगुनाह साबित कर देती है। उसके शादी के सालगिरह पर प्रदीप उसे एक पार्टी का न्योता भेजता है। जिसमें विनीत और रजत कपूर रहते हैं। अनुष्का मोना को पार्टी में जाकर मारने का सोचती है।

इस पार्टी में बड़े अच्छे लगते हैं और क्या हुआ तेरा वादा की कहानी जुड़ जाती है। अनुष्का प्रिया कपूर (साक्षी तंवर) के ऊपर बंदूक रख लेती है। राम कपूर (राम कपूर) उससे बंदूक छीन ने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसी दौरान गोली चल जाती है और राम कपूर और प्रदीप दोनों को गोली लग जाती है और वह अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं। अनुष्का प्रदीप को यह बताना चाहती थी की वह प्रदीप के बच्चे की माँ बनने वाली है, परन्तु वह प्रदीप के शादी की खबर सुनकर न्यूयॉर्क चले जाती है और वहाँ अपने बच्चे को जन्म देती है।

मोना अनुष्का को देखती है इसी दौरान प्रदीप की मौत हो जाती है। मोना अनुष्का को जेल भेज देती है। मोना विनीत से शादी से मना कर देती है।

दस वर्ष के बाद

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सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जुलाई 2015.

बाहरी कड़ियाँ

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