क्राइम पेट्रोल | |
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शैली | सच्ची घटनाओं पर आधारित टेलीविज़न धारावाहिक |
निर्माणकर्ता | सुब्रामनियम एस० अय्यर |
विकासकर्ता | सुब्रामनियम एस० अय्यर और नीरज मलिक |
लेखक | सुब्रामनियम एस० अय्यर |
निर्देशक | सुब्रामनियम एस० अय्यर |
रचनात्मक निर्देशक | नीरज नायक (सीज़न 1) Manguesh Bhide |
प्रस्तुतकर्ता | दिवाकर पण्डित और शक्ति आनन्द (सीज़न 1) अनूप सोनी और साक्षी तनवर (सीज़न 2) अनूप सोनी (सीज़न 3 और 4) |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 4 |
एपिसोड की सं. | सीज़न 1 - 211 सीज़न 2 - 96 सीज़न 3 - 68 सीज़न 4 - 407 (August 16, 2014 तक) |
उत्पादन | |
निर्माता | ऑप्टिमिस्टिक्स एन्टरटेन्मेन्ट |
प्रसारण अवधि | लगभग 42 मिनट |
उत्पादन कंपनियाँ | सिनेविस्टास लिमिटेड (सीज़न 1) ऑप्टिमिस्टिक्स एन्टरटेन्मेन्ट (सीज़न 2, 3, 4) |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | सोनी एन्टरटेन्मेन्ट टेलीविज़न इंडिया and सोनी एन्टरटेन्मेन्ट टेलीविज़न एशिया |
प्रसारण | मई 9, 2003 – वर्तमान |
क्राइम पॅट्रोल एक भारतीय टेलीविजन पर प्रसारित अपराध-श्रृंखला है जिसका विकास, लेखन और निर्देशन सुब्रामनियम एस० अय्यर ने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन इंडिया और सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन एशिया के लिए किया है। श्रृंखला के रूप में भारत में होने वाले अपराध के मामलों को नाटकीय संस्करण में प्रस्तुत किया जाता है। श्रृंखला के सर्वप्रथम 9 मई 2003 को हरी झंडी दिखाई गई थी और यह सिलसिला अगले 3 सीज़न के लिए चलता रहा है। वर्तमान में अपराध पेट्रोल दस्तक शीर्षक सीज़न 4 में प्रसारित किया जा रहा है और अनूप सोनी द्वारा इसे पेश किया गया है।[1] सीज़न 4 कुख्यात बेबी फ़लक मामले, 2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले और 2013 मुंबई सामूहिक बलात्कार जैसे मामलों को प्रसारित किया गया है।[2]
इस धारावाहिक का आदर्श वाक्य है "अपराध किसी का भला नहीं करता" ("Crime never pays")। अनूप सोनी के अनुसार इस तरह के एक रियलिटी शो के पीछे मूल विचार लोगों के बीच में आपराधिक गतिविधियों से दर्शकों को जागरुक बनाने और कैसे उन्हें बताना कि कैसे वे खुद की रक्षा कर सकते हैं। यह वास्तविक जीवन के अपराध और घटनाओं का नाटकीय रूपांतर है और दिखाता है कि पुलिस मामलों को कैसे सुलझाती है।
दुनिया भर में अपराध के इस नाटकीय रूपान्तर को ज्यादातर पसन्द किया गया है। वर्तमान में अपराध पेट्रोल दस्तक इसके पिछले सीज़न की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो गया है, हालांकि हाल ही में इसके उत्पादन और गुणवत्ता के लिए आलोचना की गई है और सीआईडी जैसे काल्पनिक अपराध शो से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।
क्राइम पॅट्रोल दस्तक अन्य भारतीय भाषाओं में डब किया गया है। पाकिस्तान में यह शो "जियो तेज" और "जियो कहानी" पर देखा गया है। क्राइम पॅट्रोल दस्तक का एक बंगाली संस्करण सेट इंडिया ही के चैनल सोनी आठ पर प्रसारित किया गया है।