मूल देश | भारत |
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तारीख | 2015 |
डिजाइनर | द्रव नोदन प्रणाली केंद्र(LPSC), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
निर्माता | हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड[1] |
अनुप्रयोग | ऊपरी चरण बूस्टर |
स्थिति | विकासाधीन |
शुष्क वजन | 588 कि॰ग्राम (1,296 पौंड) |
तरल ईंधन मोटर इंजन | |
ईंधन | तरल ऑक्सीजन / तरल हाइड्रोजन |
चक्र | गैस जेनरेटर |
विन्यास | |
चैंबर | 1 |
नोजल अनुपात | 100 |
प्रदर्शन | |
थ्रस्ट (निर्वात) | 200 कि॰न्यू. (45,000 पौंड-बल) |
चैंबर दबाव | 6.000 मेगा॰पास्कल (60.00 bar) |
विशिष्ट आवेग(Isp) (निर्वात) | 443 second (4.34 km/s) |
क्रायोजेनिक इंजन-२० (Cryogenic engine-20 या CE-20) भारत का दूसरा क्रायोजेनिक इंजन है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जीएसएलवी मार्क-3 के ऊपरी चरण के लिए विकसित किया गया है।.[2] यह इंजन क्रायोजेनिक ऊपरी चरण परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह भारत का पहला गैस जेनरेटर चक्र वाला इंजन है। इसकी पहली उड़ान जीएसएलवी मार्क-3 के साथ 5 जून 2017 को होनी है।[3]
इसरो ने 19 फरवरी 2016 को ‘क्रायो सीई-20’ का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण 640 सेकेंड की उड़ान अवधि के लिए किया गया।
सीई-20 गैस-जनरेटर चक्र वाला पहला भारतीय क्रायोजेनिक इंजन है।[4] इंजन 200 किलोन्यूटन के थ्रस्ट का उत्पादन करता है, लेकिन 180 किलोन्यूटन से 220 किलोन्यूटन के बीच ऑपरेटिंग थ्रस्ट की सीमा होती है और उन दोनों के बीच किसी भी निश्चित मानों पर इसे सेट किया जा सकता है। दहन कक्ष तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन को 5.05 इंजन मिश्रण अनुपात के साथ 6 मेगापास्कल पर जलता है। इंजन का थ्रस्टा-वजन अनुपात 34.7 है और वैक्यूम में 444 सेकेंड (4.35 किमी/से) का एक विशिष्ट आवेग है। इसरो ने 28 अप्रैल, 2015 को महेंद्रगिरि परीक्षण की सुविधा में सीई-20 का परीक्षण किया और एक सफल लंबी अवधि की हॉट परीक्षण (635 सेकंड) हासिल किया।[5] 16 जुलाई, 2015 को, सीई-20 का सफलतापूर्वक धीमी गति से इसरो प्रॉपलसन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि में 800 सेकंड की अवधि के लिए परीक्षण किया गया। यह अवधि उड़ान में इंजन जलने की अवधि की तुलना में करीब 25% अधिक है।[6] 19 फरवरी 2016 को इसरो प्रपोल्शन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि में 640 सेकंड की अवधि के लिए सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन का हॉट परीक्षण किया गया।[7]
5 जून 2017 में आगामी जीएसएलवी उड़ान के लिए, इसे 25 दिसंबर 2016 को 25 सेकंड के लिए फिर से परीक्षण किया गया था।[8]
इस इंजन के स्पेसिफिकेशन निम्नलिखित हैं[9]-