क्रूरता (cruelty) किसी अन्य की पीड़ा के प्रति उदासीनता रखने या किसी अन्य को पीड़ा पहुँचाने में आनंद लेने की स्थिति को कहते हैं। क्रूरता में अक्सर हिन्सा देखी जाती है हालांकि स्वयं करी गई हिन्सा क्रूर होने के लिए आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए यदि कोई डूबता हुआ व्यक्ति सहायता के लिए भीख मांगे और उसकी बिना कठिनाई के मदद की जा सके लेकिन फिर भी न करी जाए तो यह व्यवहार हिन्सात्मक नहीं लेकिन क्रूर माना जएगा।[1][2]