ख़ोरासान या ख़ुरासान ईरान के उत्तर पूर्व का एक क्षेत्र है। इसमें रज़वी ख़ोरासान, उत्तर ख़ोरासान और दक्षिण ख़ोरासान प्रांत आते हैं। वृहत्तर ख़ोरासान में अफ़गानिस्तान के सटे क्षेत्रों के अलावा ताज़िकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान के निकटवर्ती प्रदेश सम्मिलित हैं।
मूलत: ईरान के पूर्व आमू नदी के दक्षिण और हिंदूकुश के उत्तर स्थित विस्तृत भू भाग का नाम खुरासान था। अरब भौगिलिकों के कथनानुसार इसके पूर्व में सीस्तान और भारत, पश्चिम में घुज्ज़ (जुर्जन) का रेगिस्तान, उत्तर में वक्षुप्रदेश और दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम में ईरान का रेगिस्तान था। किंतु अब इस नाम का प्रयोग अत्यंत सीमित अर्थ में होता है। यह ईरान के उस उत्तर-पूर्वी प्रांत का नाम है जो उत्तर में रूसी कास्पियन प्रदेश में लगा है। अत्रक नदी चाट तक इसकी सीमा बनाती है। इसके पूर्व में अफगानिस्तान, पश्चिम में अस्त्राबाद, शाहरुद, सेमनान दमधान और यज्द के ईरानी प्रांत और दक्षिण में केरमान है। विस्तार में यह उत्तर दक्षिण ५०० मील और पूर्व पश्चिम ३०० मील है। इसका क्षेत्रफल २५,००० वर्गमील है।
इस प्रांत का अधिकांश धरातलीय भाग पहाड़ी, मरुस्थलीय या नमकीन झील का निचला गर्त है। दक्षिण में पहाड़ी भाग की ऊँचाई ११,००० फीट से लेकर १३,००० फीट तक है।
इस प्रदेश में कुओं तथा बीच बीच में लुप्त हो जानेवाली नदियों द्वारा सिंचित बहुत से नखलिस्तान पाए जाते हैं। आतरेक और कशाफ की उपजाऊ घाटियों में खाद्यान्न, कपास, तंबाकू, चुकंदर तथा फलों की खेती होती है। यह प्रांत केशर, पिस्ता, गोंद, काष्ठफल (Nut), कंबल, खाल और नीलमणि के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर लोहा सीसा, नमक, सोना, ताँबा और स्फटिक भी पाया जाता है।
मेशेद इस प्रांत की राजधानी है जो सड़क द्वारा अन्य प्रमुख नगरों से मिली हुई है। मूल्य की दृष्टि से निर्यात की वस्तुएँ क्रमश: कालीन, चमड़ा तथा खाल, अफीम, इमारती लकड़ी, कपास की चीजें, सिल्क और नील मणि हैं।
वर्तमान स्थिति वर्तमान में यह खुरासान प्रदेश तीन प्रदेशों में विभक्त कर दिया गया है।