खिलाड़ियों का खिलाड़ी | |
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खिलाड़ियों का खिलाड़ी का पोस्टर | |
निर्देशक | उमेश मेहरा |
लेखक |
उमेश मेहरा आनन्द वर्धन |
निर्माता | केशु रामसे |
अभिनेता |
अक्षय कुमार, रेखा, रवीना टंडन, देवेन वर्मा |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
14 जून, 1996 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
खिलाड़ियों का खिलाड़ी 1996 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह मार धाड़ व प्रेम पूर्ण प्रेरणा दायी फ़िल्म है। इसे उमेश मेहरा ने निर्देशित किया है और इसमें अक्षय कुमार, रेखा एवं रवीना टंडन मुख्य भूमिकाओं में हैं।[1]
आपराधिक डॉन, माया (रेखा), यू.एस. (न्यूयॉर्क) में अवैध कुश्ती मैचों की को कराती है और उसे स्थानीय पुलिस आयुक्त का पूरा समर्थन प्राप्त है। अजय मल्होत्रा (इन्द्र कुमार) अमेरिका जाता है और अपने कुछ दोस्तों की मदद से अपना खुद का ऑर्केस्ट्रा शुरू किया है।
उसका भाई अक्षय (अक्षय कुमार), यह सुनकर उससे मिलने का फैसला करता है कि वह कनाडा में अपनी प्रेमिका से शादी करना चाहता है। हवाई जहाज में उसकी मुलाकात प्रिया (रवीना टंडन) से होती है और दोनों में प्यार हो जाता है। अमेरिका में, अक्षय को पता चलता है कि पुलिस के पास अजय की गिरफ्तारी का वारंट है और वह उससे पूछताछ करना चाहती है। अजय को ढूंढने की अक्षय की कोशिशों के दौरान उसकी मुलाकात माया से होती है, जो प्रिया की बहन होती है। माया ने अजय को पकड़ रखा है और कुछ दस्तावेज सौंपने के बाद ही उसे छोड़ेगी। अक्षय जल्द ही माया को किंग डॉन (गुलशन ग्रोवर) के हत्या के प्रयास से बचाता है। ऐसे वह उसका विश्वास जीत लेता है और माया उसे पसंद करने लगती है और उस पर भरोसा करने लगती है। फिर अक्षय उसे प्रपोज करता है, जिससे माया सहमत हो जाती है। इससे प्रिया को काफी निराशा होती है।
जब माया के आदमियों को उसकी असली पहचान का पता चलता है, वह उन्हें मार देता है। वह अजय के दोस्तों के साथ एक नकली अपहरण का नाटक भी करता है। इसमें वह लोग उसका अपहरण करते हैं और मांग करते हैं कि माया अजय के साथ उनसे मिलने आए। अब तक माया को पता चल चुका होता है कि अक्षय अजय का भाई है और प्रिया वास्तव में अक्षय से प्यार करती है। माया अपहरणकर्ताओं को मिलने बुलाती है। इसकी खबर अस्पताल में भर्ती अजय तक पहुँचती है। लेकिन माया के आदमी उसे फिर से पकड़ लेते हैं। इसके बाद माया, प्रिया, अक्षय और अजय को धमकाते हुए गोलीबारी करती है। लेकिन पुलिस और किंग डॉन उसे रोक देते हैं। किंग डॉन को भी पकड़ लिया जाता है। अंत में माया आत्महत्या कर लेती है और मरने से पहले अपनी बहन प्रिया और अजय को अक्षय को सौंप देती है।
सभी अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "आज मेरी ज़िन्दगी में" | देव कोहली | बाबुल सुप्रियो, अलका यागनिक | 7:59 |
2. | "इन द नाइट नो कंट्रोल" | देव कोहली | सुमित्रा अय्यर | 5:16 |
3. | "इतना मुझे पता है" | देव कोहली | अभिजीत, कविता कृष्णमूर्ति | 6:30 |
4. | "माँ शेरावालिये" | देव कोहली | सोनू निगम | 7:06 |
5. | "मेरा बाबा शाही फ़क़ीर" | देव कोहली | बाली ब्रह्मभट्ट | 8:02 |
6. | "तू कौन है तेरा नाम क्या" | इन्दीवर | कुमार सानु, साधना सरगम | 7:20 |
7. | "तू वाकिफ़ नहीं मेरी दीवानगी" | देव कोहली | कुमार सानु, साधना सरगम | 6:02 |