खींप | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | प्लांटेआ |
अश्रेणीत: | eb:Angiospermsएंजीयोस्पर्म |
अश्रेणीत: | ऑडिकॉट्स |
अश्रेणीत: | अस्टेरीडस |
गण: | जेंटियानेलिस |
कुल: | एपोसीनेसी |
उपकुल: | Asclepiadoideae |
वंश: | en:Leptadenia |
जाति: | L. pyrotechnica |
द्विपद नाम | |
Leptadenia pyrotechnica (Forssk.) Decne. |
खींप जिसका वानस्पतिक नाम (लेप्टाडेनिया पाइरोटेकनिका/Leptadenia pyrotechnica) होता है यह एक रेगिस्तानी आयुर्वेदिक अर्थात एक प्रकार की घास होती है जो विशेष रूप से राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्सों में ही पाई जाती है इसे पंजाबी में खीप कहते हैं। खींप का कूटने से में जो पानी निकलता है वो पानी अर्थात इसका रस बहुत पुराना अथवा दीर्घकालिक चुभे हुए कांटे अथवा मवाद के अंदर फंसी हुई किसी नुकीली वस्तुु को निकालने के लिए अत्यंत लााभकारी होता हैं परन्तु सामान्य शरीर पर खुजली हो जाती है राजस्थान में खींप के सूखने के पश्चात झोंपड़ा बनाने में तथा झाड़ू बनाने में काफी हद तक प्रयोग किया जाता है। तथा इसकी सब्जी भी बनाई जाती हैं बहुत स्वादिष्ट व्यंजन हैं इसका जेल का भी प्रयोग किया जाता जिसमें शरीर ये खुजलाहट को कमकरती हैं और चहरे पर चमक लती है,ये soil erosion को कम करने मे भी importance role play करता है,
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