खोडियार | |
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अन्य नाम | जानबाई, खोडल |
संबंध | देवी, शक्ति |
मंत्र | ओउम् ऐम हृम क्लिम शृम खम खोडियाय नमः |
अस्त्र | त्रिशूल |
माता-पिता | ममड़िया गढ़वी और मिनाल्दे गढ़वी |
भाई-बहन |
भाई: मेहरक बहनें: आवड, जोगड, तोगड, होलबाई, बीजबाई, सोसई |
सवारी | मगरमच्छ |
खोडियार एक हिंदू लोक देवी हैं। गुजरात और राजस्थान में इनकी पूजा की जाती है। खोडियार माता चारण जाति की थीं। उनके पिता का नाम ममड़िया या ममैया था और उनकी माता का नाम मीनाबाई था। उनकी सात बहनें और एक भाई था। उनका वाहन मगरमच्छ है।[1] गुजरात वह जगह है जहाँ लोग मगरमच्छ को "मोगरा देव" के रूप में पूजते हैं।[2]
कई हिंदू जातियाँ जैसे [पारधी]समुदाय के लोक सर्वाधिक पूजनीय है। वह हर वर्ष माँ की पूजा करते है,जोगराना,चारण, राजपूत, बनिया, ब्राह्मण, अहीर, भरवाड़ और पटेल, भोई गुर्जर, देवीपूजक (वाघरी), लुहार-सुथर आदि खोडियार माता को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं और खोडियार का अपने उपनाम के रूप में भी उपयोग करते हैं। भादरका (आहीर ), देवीपूजक (वाघरी), भुवा (आहीर), जोगराना (भरवाड़) चुडासमा, पाटीदार सरवैया, राणा, रावल (योगी), भाटी (जैसावत/जैसा), राठौड़ वंश कभी-कभी खोदियार को अपने उपनाम के रूप में इस्तेमाल करते थे क्योंकि वे खोडियार माता[3] को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।
Gujarat is the place where people believed in worshipping crocodile as “Mogra Dev” and believed it as the vehicle of Goddess “Khodiyar Mata”