गंगैकोण्ड चोलपुरम Gangaikonda Cholapuram கங்கைகொண்ட சோழபுரம் | |
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चोल साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी | |
गंगैकोण्ड चोलपुरम में बृहदेश्वर मन्दिर का प्रवेशमार्ग | |
निर्देशांक: 11°12′22″N 79°26′53″E / 11.206°N 79.448°Eनिर्देशांक: 11°12′22″N 79°26′53″E / 11.206°N 79.448°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | तमिल नाडु |
ज़िला | अरियलूर ज़िला |
राजधानी घोषित | 1025 ई |
संस्थापक | चोल साम्राज्य |
नाम स्रोत | गंगा-प्राप्ति चोल नगर |
भाषा | |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
गंगैकोण्ड चोलपुरम (Gangaikonda Cholapuram) भारत के अरियलूर ज़िले के जयनकोंडम नगर के समीप स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह लगभग 1025 ई में राजेन्द्र चोल प्रथम के काल में चोल साम्राज्य की राजधानी बना, और फिर इसे 250 वर्षों तक यह गौरव प्राप्त रहा। यहाँ का शिव जी को समर्पित बृहदीश्वर मन्दिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र है।[1][2]
सम्राट राजेन्द्र चोल प्रथम ने इस नगर को राजधानी घोषित पाल वंश पर विजय प्राप्ति के अवसर पर करा था। "कोण्ड" का अर्थ "प्राप्ति" है। स्थान के नाम का अर्थ "गंगा-प्राप्ति (वाला) चोल नगर" है।
प्राचीन काल में यह एक प्रख्यात नगर था। लोकप्रवाद हे कि वाणासुर के तपस्या के फलस्वरूप शिव ने यहाँ एक कूप में गंगा बहा दी थी जिसके कारण यह नाम पड़ा है।
यहाँ से कोयंबतूर से चिदंबरम जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 81 निकलता है। इसके द्वारा तिरुचिरापल्ली लगभग 125 दूर है और तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र इसका सबसे समीपी विमानक्षेत्र है। यह यह जयनकोंडम से लगभग 10 किमी की दूरी पर है।
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