![]() गगनयान का प्रोटोटाइप | |
निर्माता |
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
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मूल देश |
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संचालक | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
अनुप्रयोग | मानवयुक्त अंतरिक्ष यान |
विशेष विवरण | |
जीवन | 7 दिन |
लॉन्च वजन | 3.7 टन |
चालक दल क्षमता | 3 व्यक्ति |
क्षेत्र | पृथ्वी की निम्न कक्षा |
उत्पादन | |
स्थिति | विकास में |
निर्माण | 1 |
लॉन्च |
दिसंबर 2020 (मानवयुक्त) |
प्रथम लांच |
18 दिसंबर 2014 (प्रयोगात्मक, मानवरहित) |
गगनयान[1] उच्चारण सहायता·सूचना (Gaganyaan) भारतीय मानवयुक्त अंतरिक्ष यान है।[2] अंतरिक्ष कैप्सूल तीन लोगों को ले जाने के लिए तैयार किया गया है।[3] और उन्नत संस्करण डॉकिंग क्षमता से लैस किया जाएगा। अपनी पहली मानवयुक्त मिशन में, यह 3.7 टन का कैप्सूल तीन व्यक्ति दल के साथ सात दिनों के लिए 400 किमी (250 मील) की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे।[4] कक्षीय वाहन को इसरो के भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3 पर लॉन्च करने की योजना है।[5] हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित इस क्रू मॉड्यूल ने 18 दिसंबर 2014 को अपना पहला मानवरहित प्रायोगिक उड़ान किया।[6]
गगनयान का विकास 2006 में शुरू हुआ था। अंतरिक्ष में एक सप्ताह गुजरने में योग्य मर्क्यूरी-क्लास अंतरिक्ष यान के समान एक साधारण जहाज तैयार करने की योजना थी।[7] यह दो अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए और पुनः प्रवेश पर पानी में उतरने के लिए बनाया जाना था। मार्च 2008 तक डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया और वित्त पोषण के लिए भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया था। भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए धन फरवरी 2009 में स्वीकृत किया गया।[8] प्रारंभ में, कक्षीय वाहन की पहली मानव रहित उड़ान 2013 में होने की संभावना थी । [9]
गगनयान स्पेस कॅप्सुल रिकव्हरी प्रयोग के डिजाइन पर आधारित है। इसरो ने जनवरी 2007 में 550 किलो का अंतरिक्ष रिकवरी कैप्सूल लॉन्च किया था। पूर्ण पैमाने पर मानवयुक्त अंतरिक्ष यान कक्षीय वाहन इस अंतरिक्ष रिकवरी कैप्सूल से व्युत्पन्न करने के लिए कहा गया था। हालांकि इसरो की प्रकाशित अवधारणा ने स्पेस कॅप्सुल रिकव्हरी प्रयोग की तुलना में कक्षीय वाहन का अधिक लम्बी शंक्वाकार आकार दिखाया था।
गगनयान पूरी तरह से स्वायत्त तीन टन वाला अंतरिक्ष यान कैप्सूल है जो की 3-सदस्यीय चालक दल को कक्षा में ले जाने के लिए और कुछ कक्षाओं में दो दिनों तक मिशन की अवधि के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से वापस ले आने के लिये डिजाइन किया गया है।
अंतरिक्ष कैप्सूल में जीवन नियंत्रण और पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली होगी। यह आपातकालीन मिशन रद्द और आपातकालीन पलायन(escape) से लैस किया जाएगा जो रॉकेट के पहले चरण और दूसरे चरण में किया जा सकता है।[10] अंतरिक्ष यान के चित्रण में एक मुख्य इंजन और कैप्सूल के आधार के आसपास एक हल्के पैकेज में व्यवस्थित छोटे अभिविन्यास वाले इंजन दिखाये गये थे। जो दिशा परिवर्तन के लिये होगे। गगनयान का मूल संस्करण की अग्र भाग डॉकिंग तंत्र से मुफ्त होगा। लेकिन प्राथमिक प्रविष्टि स्पष्ट रूप से विस्फोटक बोल्ट द्वारा सुरक्षित एक पक्ष हैच के माध्यम से किया गया था। [11]
गगनयान भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 लॉन्चर पर लॉन्च किया जाना है।[12]
इसरो द्वारा विकसित साक्षी, गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और मिशन दक्षता को बढ़ाने में सहायता करेगी।[13]
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का पैड एबॉर्ट टेस्ट 2016 में होने वाला था, लेकिन बाद में इसको टाल कर मार्च 2017 के लिए घोषित कियागया पर बादमें इसे 5 जुलाई 2018 तक देरी हो गई। यह एक सफल परीक्षण रहा ।
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मान (मदद).