गोकाक Gokak ಗೋಕಾಕ | |
---|---|
कर्नाटक में स्थिति | |
निर्देशांक: 16°10′01″N 74°49′59″E / 16.167°N 74.833°Eनिर्देशांक: 16°10′01″N 74°49′59″E / 16.167°N 74.833°E | |
ज़िला | बेलगाम ज़िला |
प्रान्त | कर्नाटक |
देश | भारत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 79,121 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिंदी, कन्नड़, मराठी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
गोकाक (Gokak) भारत के कर्नाटक राज्य के बेलगाम ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
गोकाक बेलगाँव जनपद में गोकाक तालुक का प्रधान नगर है। यह दक्षिणी रेलमार्ग (पहले का दक्षिण मराठा रेलमार्ग) पर स्थित गोकाक स्टेशन से १२ किमी दूर स्थित है और राजमार्ग द्वारा उससे जुड़ा हुआ है। पहले यहाँ कपड़ों की बुनाई तथा रँगाई का व्यवसाय बहुत उन्नत था जो बाद में अवनत हो गया। हल्की लकड़ी तथा स्थानीय क्षेत्र में प्राप्य एक विशेष प्रकार की मिट्टी से निर्मित खिलौने तथा चित्रादि बनाने का व्यवसाय प्रसिद्ध है।
गोकाक प्राचीन कस्बा है। इसका प्रथम उल्लेख १०४७ ई. के एक अनुलेख (Inscription) में 'गोकागे' नाम से प्राप्य है। संभवत: यह हिंदुओं का पवित्र स्थल रहा है जो गऊ (गो) से संबंधित है। १६८५ ई. में यह 'सरकार' (मध्यकालीन जनपद) का प्रधान केंद्र था। १७१७-१७५४ काल में यह सबानूर के नवाबों के अधीन रहा जिन्होंने यहाँ मस्जिद तथा गंजीखाने का निर्माण कराया। पुन: यह हिंदुओं के अधीन हुआ। सन् १८३६ में गोकाक तालुका तथा नगर अंगरेजों के अधीन हो गए।
नगर से पश्चिमोत्तर दिशा में तथा दक्षिण रेलमार्ग पर स्थित ध्रुपदल स्टेशन से तीन मील दूर स्थित गोकाक जलप्रपात है जहाँ घाटप्रभा नदी बलुआ पत्थर के शीर्ष से १७० फुट गहराई में गिरती है। प्रपात के बाद एक सुंदर तंग घाटी (gorge) का निर्माण करती है। यहाँ प्रति वर्ष हजारों पर्यटक आते हैं। प्रपात के समीप ही नदी के दाएँ तट पर १८८७ ई. में सूती कपड़े का कारखाना निर्मित हुआ। कारखाने को बिजली देने तथा आसपास के क्षेत्र में सिंचाई करने के लिये 'गोकाक जलाशय' का निर्माण हुआ।