जीएन रामचन्द्रन | |
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जन्म |
8 अक्टूबर 1922 एर्नाकुलम, कोचि राज्य, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु |
7 अप्रैल 2001 चेन्नई, तमिलनाडु, भारत | (उम्र 78 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
संस्थान |
सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली मद्रास विश्वविद्यालय भारतीय विज्ञान संस्थान कैंडेविश प्रयोगशाला |
शिक्षा |
मद्रास विश्वविद्यालय (बीएससी, एमएससी, डीएससी) कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (पीएचडी) |
डॉक्टरी सलाहकार | चन्द्रशेखर वेंकटरमन |
प्रसिद्धि | रामचंद्रन आरेख |
गोपालसमुद्रम नारायण रामचन्द्रन अथवा जीएन रामचन्द्रन (8 अक्टूबर 1922 – 7 अप्रैल 2001)[1] भारतीय भौतिकविज्ञानी थे। उन्हें पेप्टाइड सरंचना को समझने के लिए रामचन्द्रन आरेख विकसित करने के लिए जाना जाता है। कोलेजन की संरचना के ट्रिपल-हेलिकल मॉडल को प्रस्तुत करने वाले वो प्रथम व्यक्ति थे।[1] उसके बाद उन्होंने भौतिकी और जैविकी के क्षेत्र में शोध कार्य किया।
रामचन्द्रन का जन्म ब्रिटिश भारत के कोचि राज्य के एर्नाकुलम कस्बे में एक तमिल परिवार में हुआ।[2] उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से सन् 1939 में भौतिकी में स्नातक की।[3][4] उन्होंने सन् 1942 में बंगलोर में भारतीय विज्ञान संस्थान से जुड़ गये। वहाँ पर वो विद्युत् अभियांत्रिकी विभाग से जुड़े और उसी समय उन्होंने भौतिकी में अपनी रुचि को पहचान लिया। इसके बाद उन्होंने अपना विभाग बदलकर भौतिकी विभाग करवा लिया और भौतिकी में ही स्नातकोत्तर की शिक्षा पूर्ण की। इसके बाद उन्होंने चन्द्रशेखर वेंकटरमन के निर्देशन में पीएचडी पूरी की। उसके बाद उन्होंने सन् 1947 में डीएससी की उपाधि प्राप्त की।[5]
पीएचडी पूरी करने के बाद वो भारतीय विज्ञान संस्थान में सन् 1949 में भौतिकी के सहायक आचार्य बने।[4] सन् 1952 में वो मद्रास विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष बन गये और वहाँ पर क्रिस्ट भौतिकी में अपना शोध कार्य आरम्भ कर दिया।[4]
रामचन्द्रन की पत्नी का सन् 1988 में निधन हो गया और उसके बाद उनका स्वास्थ्य भी धीरे-धीरे खराब होने लग गया। जीवन के अन्तिम वर्षों में वो पार्किंसन रोग से प्रभावित हो गये थे।[1] सन् 2001 में 78 वर्ष की आयु में रामचन्द्रन का निधन हो गया।