गौतम वासुदेव मेनन Gautham Vasudev Menon | |
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जन्म |
25 फ़रवरी 1973 ओट्टपलम, केरल, भारत[1][2] |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
उपनाम | जिभिएम, जिएमडी, गौतम |
पेशा | फ़िल्म निर्देशक, फ़िल्म निर्माता, पार्श्व गायक, पटकथा लेखक |
कार्यकाल | १९९७-वर्तमान |
जीवनसाथी | प्रिती मेनन |
गौतम वासुदेव मेनन एक भारतीय निर्देशक और ज्यादातर तमिल फिल्म उद्योग में निर्माता है। उनको आमतौर पर गौतम मेनन के नाम में जाना जाता है। उनहोने हिंदी और तेलगु जैसे अन्य भाषाओं में फिल्मों के निर्देशन में भी बहुत प्रसिद है। उनके सबसे लोकप्रिय फिल्मों वार्णम आयिरम (२००८) और विन्नैतांडी वरुवाय (२०१०) और उनके एक्शन-थ्रिलर काक काक और वेय्तैयादु विलियदु हैं। इन सभी फिल्मों आलोचकों से प्रशंसा जीत लिया है और इन सभी फिल्मों इनका अर्द्ध आत्मकथात्मक फिल्मों हैं। वे एक विज्ञापन एजेंसी "फोटॉन फैक्टरी" का मालिक है जो अब एक फिल्म निर्माण कंपनी है। मेनन अन्य भाषाओं में एक ही फिल्मों को साकार करने में गहरा है। वे अपने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध फोटॉन खथास फिल्म निर्माण कंपनी के माध्यम से फिल्मों उत्पादन करते हैं। हाल ही में उन्होंने तमिल सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म "थंगा मीनगल" के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है जिसे उन्होने उत्पादन किया।
गौतम मेनन का जन्म २५ फ़रवरी १९७३ को हुआ था। उनका जन्म एक मलयाली पिता और तमिल माँ को केरल के पलक्कड़ जिले के ओटट्पालम शहर में हुआ था। वे केरल में पैदा होकर अपनी शिक्षा तमिलनाडु में किया था। वे त्रिची के केके नगर के वेलान्कनि राज स्कूल में अपनी शिक्षा किया। वे अपने मैकेनिकल इंजीनियरिंग तमिलनाडु के त्रिची के मूकामबिकै कॉलेज में किया था। उनका शादी प्रीती के सात हुआ था। मेनन दंपतियों को तीन बेटे है जिनका नाम आर्य, ध्रुव और आध्य है।
सन १९९३ में उनका कॉलेज के समय वे अपने फिल्मों मिन्नले,वार्णम आयिरम (२००८) और विन्नैतांडी वरुवाय(२०१०) का मुख्य पात्रों का प्रेरणा मिला। उनको देअद पोएट सोसैटी और नायगन फिल्मों से भी प्रेरणा मिला। वे अपने मता पिता से अपने जीवन-यात्रा को बदलने का इच्छा प्रकट किया। वे कॉलेज होस्टल में अपने पेहले फिल्म की कहानी लिखे थे। उनकी माँ की इच्छा यह था की वे एक विज्ञापन सफलता निर्माता बने और फिल्म निर्माता राजीव मेनन के सात शागिर्दी करें। मिन्सरा कनवु (१९९७) फिल्म के लिये वे सहायक निदेशक के रूप में काम किये थे। इस फिल्म में वे एक कैमियो भूमिका में दिखाई दिया थे।
वे अपने पेहले रोमांटिक फिल्म "ओ लाल" (२०००) को निर्देशन किया। वे अपने निर्माताओं को बदल कर, फिल्म का नाम भी बदल दिया। इस फिल्म का नया नाम मिन्नले था। इस फिल्म में मादवन नयक के पात्र कर रहे थे। मेनन ने कह कि, इस फिल्म बनने में उनको कठिनाई हुआ क्योंकि इस फिल्म के सरे सदस्य फिल्म उद्योग में नये थे। सिरफ एक तकनीशियन सुरेश युरयेस, अनुभवी था। मेनन को और दबाव हुआ जब नायक मादवन ने मेनन को फिल्म के कहानी को उनके उपदेशक मनी रत्नम से बयान करने केलिये कहा क्योंकि नायक मादवन यह जानना चाहते की,अलैपायुदे फिल्म के सफलता के बात क्या यह फिल्म उनका जीवन-यात्रा के लिये सही है या नही। मनी रत्नम इस कहानी से उतना कुश नहीं थे, पर नायक मादवन को इनके हालत को देखकर सहानुभूति से इस फिल्म में काम करने केलिये हान कहा। इस फिल्म के अन्य अभिनेताओं अब्बस और रीमा सेन है। मेनन ने रीमा सेन को अभिनेत्री के रूप में परिचय दिया था। वे हर्रिस जैरज को भी संगीत निर्देशक के रूप में परिचय दिया था। इस फिल्म २००१ वेलेंटाइन्स डे को प्रकाशन हुआ। इस फिल्म का कहानी यह है की, एक युवक एक लड़की के साथ प्यार में पड़ जाता है,जो उसके पुराने कॉलेज दुश्मन के मंगेतर है और वह उससे केसे शादी करता है। जब ये फिल्म प्रकाशन हुआ तब इसे आलोचकों से प्रशंसा जीत लिया था।[3][4][5][6]